Mukhtar Ansari: माफिया मुख्तार अंसारी ने 10 जून 1987 को दोनाली बंदूक के लाइसेंस के लिए गाजीपुर डीएम को प्रार्थना पत्र लिखा था. आरोप है कि इसके बाद गाजीपुर के डीएम और एसपी के फर्जी हस्ताक्षर बनाकर शस्त्र लाइसेंस ले लिया गया था.
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Mukhtar Ansari: माफिया मुख्तार अंसारी की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं. फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले में मुख्तार अंसारी को दोषी करार दिया गया है. वाराणसी की एमपी-एमएलए कोर्ट कल मुख्तार अंसारी के खिलाफ सजा सुनाएगी. 36 साल पहले फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले में मोहम्मदाबाद थाने में मामला दर्ज किया गया था.
यह है 36 साल पुराना मामला
दरअसल, माफिया मुख्तार अंसारी ने 10 जून 1987 को दोनाली बंदूक के लाइसेंस के लिए गाजीपुर डीएम को प्रार्थना पत्र लिखा था. आरोप है कि इसके बाद गाजीपुर के डीएम और एसपी के फर्जी हस्ताक्षर बनाकर शस्त्र लाइसेंस ले लिया गया था. खुलासा होने पर 4 दिसंबर 1990 को सीबीसीआईडी ने मोहम्मदाबाद थाने में एफआईआर दर्ज करवाई. इसमें तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर समेत पांच लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया.
इनके बयान दर्ज किए गए
जांच के बाद पुलिस ने तत्कालीन आयुध लिपिक गौरीशंकर श्रीवास्तव और माफिया मुख्तार अंसारी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया. इस दौरान कोर्ट में पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन और पूर्व डीजीपी देवराज नागर समेत 10 गवाहों के बयान दर्ज किए गए. इस मामले में वाराणसी की एमपी-एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश अवनीश कुमार गौतम ने मुख्तार अंसारी को दोषी करार दिया.
पूर्व सांसद धनंजय सिंह पहुंचे हाईकोर्ट
उधर, जौनपुर के बाहुबली व पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने एमपीएमएलए कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में जौनपुर एमपी एमएलए कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील दाखिल की है. हाईकोर्ट में दाखिल क्रिमिनल अपील में सात साल की सजा को रद्द करने और जमानत पर रिहाई की मांग की गई है. अगले सप्ताह हाईकोर्ट धनंजय सिंह की अपील पर सुनवाई कर सकता है. बता दें कि जौनपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने धनंजय सिंह पर नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर के अपहरणकांड में 7 साल की सजा सुनाई है.
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