UP बनेगा देश की सिक्योरिटी का 'पावरहाउस', बनेंगे हाइटेक ड्रोन, दुश्मनों पर बरसाएंगे मौत
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UP बनेगा देश की सिक्योरिटी का 'पावरहाउस', बनेंगे हाइटेक ड्रोन, दुश्मनों पर बरसाएंगे मौत

High Tech Drones: दुनिया में अगले किसी युद्ध में जितने सैनिक शामिल होंगे उससे कहीं ज्यादा ड्रोन और मशीनें युद्ध लड़ेंगी. ऐसा दावा मिलिट्री एक्सपर्ट्स कर रहे हैं. हाल में इजरायल, ईरान, लेबनान और यमन ने एक-दूसरे पर हमले के लिये लड़ाकू ड्रोन का इस्तेमाल किया.

UP बनेगा देश की सिक्योरिटी का 'पावरहाउस', बनेंगे हाइटेक ड्रोन, दुश्मनों पर बरसाएंगे मौत

High Tech Drones: दुनिया में अगले किसी युद्ध में जितने सैनिक शामिल होंगे उससे कहीं ज्यादा ड्रोन और मशीनें युद्ध लड़ेंगी. ऐसा दावा मिलिट्री एक्सपर्ट्स कर रहे हैं. हाल में इजरायल, ईरान, लेबनान और यमन ने एक-दूसरे पर हमले के लिये लड़ाकू ड्रोन का इस्तेमाल किया. यानी फाइटर ड्रोन भविष्य का हथियार हैं. अब देश में ही लड़ाकू ड्रोन बनाने की तैयारी हो चुकी है. ये भारत की सेना के लिये बहुत बड़ी खबर है. अब आपको इसकी वजह समझाते हैं.

ड्रोन को लेकर बड़ी तैयारी

भारत में ड्रोन का कुल बाजार 2024 में 5 हजार 400 करोड़ रुपये है जो 2029 तक 12 हजार करोड़ रुपये से अधिक हो जाएगा. ये तेज रफ्तार से बढ़ रहा है. दुनिया में करीब 95 देश अपनी सेना में ड्रोन का इस्तेमाल करते हैं. अमेरिका, रशिया, चीन और भारत उन टॉप देशों में शामिल हैं जिनकी मिलिट्री के पास लगभग हर तरह के ड्रोन की क्षमता मौजूद है.

केंद्र सरकार 45 करोड़ रुपये देगी

सबसे बड़ी बात यह कि दुश्मन के मजबूत कवच को धराशायी करने वाले ड्रोन अब यूपी में बनेंगे. स्वदेशी ड्रोन से भारतीय सेना को पावरफुल बनाने की प्लानिंग हो चुकी है. उत्तर प्रदेश में पहली बार ड्रोन और मानवरहित विमानों के लिये टेस्टिंग और रिसर्च सेंटर बनने वाला है. 60 करोड़ की लागत से बनने वाले ड्रोन टेस्टिंग फाउंडेशन के लिये केंद्र सरकार 45 करोड़ रुपये देगी. इस सेंटर का नाम UAS टेस्टिंग फाउंडेशन रखा गया है. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड इस योजना का नेतृत्व करेगा. साथ ही भारत इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड, यंत्र इंडिया लिमिटेड, ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड, भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड, आईआईटी कानपुर और यूपीडा की इसमें अहम भूमिका होगी.

यूपी में 6 डिफेंस कॉरिडोर प्लान

यूपी में 6 डिफेंस कॉरिडोर प्लान किये गये हैं. और उनमें से एक कानपुर के डिफेंस कॉरिडोर में सेना के लिये हमले और निगरानी करने वाले ड्रोन बनेंगे. नये जमाने के युद्धक्षेत्र में ड्रोन का हमला खतरनाक है. पर इससे ज्यादा जरूरी है तेज रफ्तार से ड्रोन का प्रोडक्शन. युद्ध का तरीका तेजी से बदल रहा है. इसलिये ड्रोन पर रिसर्च और डेवलपमेंट करके उसमें लगातार बदलाव किये जाएंगे और सेना की जरूरतों के हिसाब से ड्रोन बनाये जाएंगे.

कानपुर में बनेंगे ड्रोन्स

कानपुर में हमला करने वाले Drones बनेंगे. ये Drones उड़ते हुए Bombs होते हैं. जो अपने Targets के ऊपर गिरते हैं और फट जाते हैं. इनके जरिए Bombs भी ले जा सकते हैं जिन्हें दुश्मन के ठिकाने पर गिराया जा सकता है. भारतीय सेना पहले ही ऐसे हथियारों का इस्तेमाल कर रही है. इससे देश की ताकत बढ़ेगी और साथ ही विदेशों में ड्रोन एक्सपोर्ट करने का रास्ता भी तैयार होगा. 2023 में दुनिया में ड्रोन का बाजार 2.59 लाख करोड़ रुपये का था.

ग्लोबल मार्केट में भारत की भी हिस्सेदारी होगी

जो 2030 में बढ़कर 7.61 लाख करोड़ रुपये का हो जाएगा. कानपुर के ड्रोन सेंटर की मदद से इस ग्लोबल मार्केट में भारत की भी हिस्सेदारी होगी. अब तक भारत दुनिया भर से ड्रोन खरीदता था. पिछले कुछ सालों से देश में ही ड्रोन बनाने के कई स्टार्टअप सामने आए हैं. अब यूपी में हाईटेक ड्रोन की फैक्ट्री बनने के बाद क्या होगा. क्या ग्लोबल ड्रोन बाजार में भारत भी बड़ी ताकत बनेगा. दुनिया भर में ड्रोन एक्सपोर्ट करेगा.

बढ़ेगी भारतीय सेना की ताकत

यूपी में बने ड्रोन भारतीय सेना की ताकत को कई गुना बढ़ा देंगे. ऊंचाई पर मौजूद Drone कई किलोमीटर दूर तक देख सकते हैं. और एक छोटे Drone पर लगी मिसाइल भी किसी मजबूत टैंक को खत्म करने के लिए काफी है. हमला करने वाले ड्रोन सर्जिकल स्ट्राइक के लिए भी बहुत अच्छी तकनीक है. यानी जमीन के रास्ते दुश्मन की सीमा में घुसे बिना उसे काफी नुकसान पहुंचा मुमकिन है. ड्रोन का इस्तेमाल युद्धक्षेत्र में या फिर मुश्किल इलाकों में सेना के पास दवाई और जरूरी सामान पहुंचाने के लिए भी किया जा सकता है. अभी Drone हमलों को युद्ध का एक घातक तरीका माना जाता है क्योंकि दुनिया के ज़्यादातर देशों को इस तरह के युद्ध का अनुभव नहीं है.

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