कब पूरा होगा रेस्क्यू ऑपरेशन? एक के बाद एक एक्शन प्लान हो रहे नाकाफी..आखिर क्या है INSIDE स्टोरी
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कब पूरा होगा रेस्क्यू ऑपरेशन? एक के बाद एक एक्शन प्लान हो रहे नाकाफी..आखिर क्या है INSIDE स्टोरी

Rescue Operation: यह बात सही है कि सिल्कयारा सुरंग बचाव अभियान बहुत ही कठिन और बहुत ही भयानक है. 41 लोगों को बचाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जा रही है लेकिन आखिर क्या कारण हैं कि सारे प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं. इसे समझने की जरूरत है.

कब पूरा होगा रेस्क्यू ऑपरेशन? एक के बाद एक एक्शन प्लान हो रहे नाकाफी..आखिर क्या है INSIDE स्टोरी

Uttarkashi Tunnel Collapse: सिल्कयारा सुरंग, जगह उत्तरकाशी उत्तराखंड. बचाव अभियान का 16वां दिन लेकिन फिर भी 41 मजदूरों के परिजनों को निराशा. क्या है बचाव अभियान की कहानी, इसे समझने की जरूरत है. असल में इस बचाव अभियान में इतनी बाधाएं आई हैं कि सारे प्रयास कठिन साबित हो गए हैं. इसके तक़रीब पांच एक्शन प्लान चल रहे हैं. इसे जान लीजिए. पहला तो ऑगर मशीन टूटकर फंस गई, उसे निकाला जा रहा है. दूसरा वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू हो गई है. तीसरा सुरंग के पीछे से खुदाई शुरू हो गई. फिर मैन्युअल खुदाई शुरू करने पर भी काम शुरू हो गया है. साथ ही मजदूरों को जरूरी चीजें भी मुहैया कराई जा रही हैं और उनसे बातचीत भी स्थापित की जा रही है.

ड्रिलिंग करीब 20 मीटर तक
दरअसल, बचाव अभियान से जुड़े अधिकारियों ने रविवार को बताया कि दो अलग-अलग स्थानों से ऊर्ध्वाधर ड्रिलिंग के माध्यम से 8 इंच की पाइपलाइन और 1.2 मीटर व्यास वाली पाइप बिछाई जा रही है. 8 इंच की पाइपलाइन की ड्रिलिंग लगभग 70-80 मीटर तक की गई है और इसे रोक दिया गया है. जबकि 1.2 मीटर व्यास वाली पाइपलाइन की ड्रिलिंग करीब 20 मीटर तक की गई है. टनल के ऊपर से बोरिंग का काम शुरू किया गया. बोरिंग के लिए मशीन टनल के ऊपर पहुंचाने का काम शुरू कर दिया गया था.

86 मीटर की ड्रिलिंग होनी है
अतिरिक्त सचिव तकनीकी, सड़क और परिवहन महमूद अहमद ने बताया कि उम्मीद है कि अगले दो दिन बाद से यानी 28 नवंबर से इसकी ड्रिलिंग शुरू होगी. यह एक लंबी प्रक्रिया है. हमारे पास 15 दिनों का लक्ष्य है. हम एक ड्रिफ्ट टनल भी बनाना चाहते हैं, डिजाइन बना लिया गया है और मंजूरी दे दी गई है. उन्होंने बताया कि हमने उन स्थानों की पहचान की है जहां से बेहतर ड्रिलिंग हो सकती है. लगभग 20 मीटर की ड्रिलिंग हो चुकी है. हमने एक जगह की पहचान की है जहां से हमारा अनुमान है कि कुल 86 मीटर की ड्रिलिंग होनी है. यह अगले 2 दिनों में पूरी हो जाएगी. इसके बाद आगे की ड्रिलिंग होगी. 

महमूद अहमद ने बताया कि लंबवत ड्रिलिंग शुरू कर दी गयी है और अब तक 19.2 मीटर ड्रिलिंग की जा चुकी है. उन्होंने बताया कि सतलुज जलविद्युत निगम द्वारा शुरू की गयी लंबवत ड्रिलिंग का कार्य काफी जोर-शोर से चल रहा है और अगर बिना किसी अड़चन के यह इसी तरह चलता रहा तो “हम इसे चार दिन में 30 नवंबर तक खत्म करने की उम्मीद कर सकते हैं.

राजनाथ सिंह ने भी दिया भरोसा
उधर नैनीताल में मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यह जरूर कहा सिल्कयारा टनल में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए केंद्र और राज्य सरकार पूरी तरह से प्रयास कर रही है, केंद्रीय व राज्य की एजेंसियां लगातार मजदूरों को निकालने का काम कर रही हैं. खुद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार पूरे रेस्क्यू अभियान की मॉनीटरिंग कर रहे हैं और उन्होंने भी कहा कि जल्द ही सभी मजदूर भाइयों को रेस्क्यू कर लिया जाएगा. लेकिन इस बचाव अभियान की इनसाइड स्टोरी समझने की जरूरत है. 

मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने बताया कि टनल में फंसे सभी श्रमिकों को जल्द सुरक्षित निकाला लिया जाएगा, सभी श्रमिक सकुशल हैं, सभी श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए मौके पर तेजी से कार्य हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार प्रत्येक मजदूर की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है. श्रमिकों को खाद्य सामग्री भी नियमित पहुंचाई जा रही है.

रेस्क्यू टीम की परेशानियां
सल में एक्सपर्ट्स ने बताया है कि वे सुरंग में मलबे को हटाने के लिए क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर दोनों दिशाओं में ड्रिलिंग करने पर विचार कर रहे हैं. वे यह भी देखेंगे कि ऊर्ध्वाधर ड्रिलिंग से मलबा और अधिक गिर रहा है या नहीं, अगर ऐसा होता है तो यह डरावनी बात होगी क्योंकि सुरंग के अंदर ही 41 मजदूर हैं. वहीं दूसरी तरफ उत्तरकाशी में मौसम में बदलाव के कारण रेस्क्यू टीम को परेशानी हो सकती है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अगले 3 दिनों तक बारिश की संभावना जताई है. 26 से 28 नवंबर के बीच बादल छाए रहेंगे और बारिश हो सकती है. यह भी एक एक दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति साबित हो सकती है.

15 दिनों का लक्ष्य?
इस सुरंग के बचाव अभियान पर अतिरिक्त सचिव महमूद अहमद ने कहा कि हमें उम्मीद है कि अगले दो दिन बाद से ही ऑगर की ड्रिलिंग शुरू हो पाएगी. यह एक लंबी प्रक्रिया है. हमारे पास 15 दिनों का लक्ष्य है. उन्होंने बताया कि हम एक ड्रिफ्ट टनल भी बनाना चाहते हैं, डिजाइन बना लिया गया है और मंजूरी दे दी गई है. हम इन पक्षों पर काम कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि हमने 2-3 और विकल्पों पर काम करना शुरू कर दिया है. हमने SJVNL को हमारे लिए 1-1.2 मीटर व्यास की वर्टिकल ड्रिलिंग करने के लिए कहा है. हमने उन स्थानों की पहचान की है जहां से बेहतर ड्रिलिंग हो सकती है. 

ऑगर मशीन की स्थिति
उन्होंने आगे बताया कि लगभग 15 मीटर की ड्रिलिंग हो चुकी है. हमने एक जगह की पहचान की है जहां से अनुमान है कि कुल 86 मीटर की ड्रिलिंग होनी है और यह अगले 2 दिनों में पूरी हो जाएगी. इसके बाद आगे की ड्रिलिंग होगी. अब अगर ऑगर मशीन की बात की जाए तो वह टूट चुकी है. उसका एक हिस्सा मलबे में फंस गया था. इसमें से 15 मीटर हिस्सा निकाला जा चुका है. अब 13.09 मीटर हिस्सा बचा है, जिसे निकालना बाकी है. अनुमान लगाया जा रहा है कि यह हिस्सा कल सुबह तक निकाला जा सकता है. इसके बाद मैनुअल तरीके से भी मलबा हटाया जाएगा और फिर पाइप को आगे की ओर धकेला जाएगा. फिलहाल ऑगर मशीन के पाइप में फंसे हिस्से (साफ्ट व फिन्स) को निकालने के लिए प्लाजमा, लेजर और गैस कटर के जरिए कटिंग की जा रही है. 

सुरंग के पीछे से ड्रिलिंग
एक अन्य प्लान के तहत टनल के बैक साइड से भी ड्रिलिंग का काम जारी है. अभी 10 मीटर की ड्रिलिंग हुई है. टीएचडीसी बैक साइड से अभी तक किया है चार ब्लास्ट, कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है

सुरंग के ऊपर यानी वर्टिकल ड्रिलिंग की स्थिति
- टनल के ऊपर 86 मीटर की शुरू हुई वर्टिकल ड्रिलिंग
- एसजेवीएनएल 1.2 डायमीटर की शुरू की ड्रिलिंग
- अभी तक 15 मीटर की हो चुकी है ड्रिलिंग
- एसजेवीएनएल ने 100 घंटे में 86 मीटर की ड्रिलिंग करने का किया है प्लान
- ऊपर से टनल में उतरने के लिए कम से कम लग जाएंगे अभी और 4 दिन का समय

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