शिवांगी की पोस्टिंग इस समय राजस्थान में है. शिवांगी के बचपन के बारे में मां ने बताया कि वह शुरू से ही पढ़ने में होनहार थीं. शुरुआती स्कूलिंग के बाद उच्च शिक्षा के लिए बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) पढ़ने गई थीं. एक महीने के तकनीकी प्रशिक्षण में क्वालीफाई करने के बाद अब वह राफेल की टीम का हिस्सा बन गई हैं.
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वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के संसदीय क्षेत्र वाराणसी (Varanasi) में एक और कीर्तिमान जुड़ गया. फाइटर विमान राफेल (Rafale) के स्क्वाड्रन गोल्डन एरो में पहली महिला फ्लाइट लेफ्टिनेंट वाराणसी की शिवांगी सिंह (Shivangi Singh) शामिल हुई हैं. वाराणसी के फुलवरिया स्थित शिवांगी के घर पर पड़ोस के बच्चे जुटे और परिवार के साथ खुशियां मनाईं. शिवांगी की इस सफलता पर मां सीमा सिंह ने कहा कि बेटी ने जो सपना देखा था, उसे पूरा किया है.
शिवांगी की पोस्टिंग इस समय राजस्थान में है. शिवांगी के बचपन के बारे में मां ने बताया कि वह शुरू से ही पढ़ने में होनहार थीं. शुरुआती स्कूलिंग के बाद उच्च शिक्षा के लिए बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) पढ़ने गई थीं. एक महीने के तकनीकी प्रशिक्षण में क्वालीफाई करने के बाद अब वह राफेल की टीम का हिस्सा बन गई हैं.
शिवांगी के पिता कुमारेश्वर सिंह ने बताया कि हम लोगों को गर्व है कि हमारी बेटी देश का नाम रोशन करेगी. बीएचयू में ही वह नेशनल कैडेट कोर में 7 यूपी एयर स्क्वाड्रन का हिस्सा थीं. बीएचयू से 2013 से 2015 तक एनसीसी कैडेट रहीं. साथ ही सनबीम भगवानपुर से बीएससी किया. शिवांगी दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड में 2013 में उत्तर प्रदेश टीम का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं.
उन्होंने 2016 में प्रशिक्षण के लिए वायु सेना अकादमी ज्वाइन की थी. पिछले 16 दिसंबर 2017 को ही हैदराबाद स्थित एयर फोर्स अकादमी में उन्हें फाइटर पायलट का तमगा मिला था. हैदराबाद में ट्रेनिंग पूरी होने के बाद शिवांगी इस समय मिग-21 की फाइटर पायलट हैं.
कुमारेश्वर सिंह ने बताया कि बिटिया ने मान बढ़ाया है. पिता ने बताया कि एक दिन पहले ही बेटी से बात हुई तो जानकारी मिली. बेटी पर हमें नाज है. वह अन्य बेटियों के लिए एक नजीर बनी है. इसे जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि अब बस बिटिया को राफेल उड़ाते देखने का सपना है, वो भी पूरा हो जाएगा. शिवांगी की मां सीमा सिंह गृहिणी हैं और भाई मयंक बनारस में 12वीं का छात्र है.