वेंकैया नायडू ने कहा, 'सभी देशों को आतंकवाद रोकने के लिए हाथ मिलाना चाहिए'
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वेंकैया नायडू ने कहा, 'सभी देशों को आतंकवाद रोकने के लिए हाथ मिलाना चाहिए'

वेंकैया नायडू ने कहा, 'आतंकवाद बढ़ रहा है. आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता. दुर्भाग्य से कुछ लोग आतंकवाद को धर्म से जोड़ रहे है. कोई धर्म आतंकवाद को मंजूर नहीं करता.' 

काले धन के विषय पर उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि यह वैश्विक समुदाय के लिए समस्या है और सभी देशों को मिलकर काम करना चाहिए, (फोटो साभार - PTI)

चेन्नई: उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने बृहस्पतिवार को कहा कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता और उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि आतंकवादी धर्म का दुरुपयोग कर रहे हैं. तमिलनाडु ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट, 2019 में अपने समापन भाषण में नायडू ने आतंकवाद को वैश्विक शांति के लिए खतरा बताया और सभी देशों से इसे समाप्त करने के लिए हाथ मिलाने की अपील की.

उन्होंने कहा, 'आतंकवाद बढ़ रहा है. आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता. दुर्भाग्य से कुछ लोग आतंकवाद को धर्म से जोड़ रहे है. कोई धर्म आतंकवाद को मंजूर नहीं करता.' 

'आतंकवादी धर्म का दुरुपयोग करने की कोशिश कर रहे हैं'
नायडू ने कहा, 'आतंकवादी धर्म का दुरुपयोग करने की कोशिश कर रहे हैं. दुनिया को सक्रिय होना चाहिए और समन्वित प्रयासों से इस आतंकवाद को समाप्त करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए.'  

उन्होंने सभी देशों के बीच आर्थिक भगोड़े अपराधियों की वापसी के लिए प्रत्यर्पण संधियों की वकालत भी की. उन्होंने कहा कि कुछ उद्योगपतियों की गलतियों से पूरे समुदाय का नाम खराब हो रहा है.

'काला धन वैश्विक समुदाय के लिए समस्या'
काले धन के विषय पर उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह वैश्विक समुदाय के लिए समस्या है और सभी देशों को मिलकर काम करना चाहिए, एक दूसरे की समस्याओं को समझना चाहिए तथा उनके देशों में जमा काले धन के बारे में सूचना का आदान-प्रदान करना चाहिए.

उन्होंने किसी का नाम लिये बगैर कहा,'कुछ लोग यहां लूटते हैं, यहां धोखाधड़ी करते हैं और भागकर दूसरे देशों में चले जाते हैं. वे वहां धोखाधड़ी करते हैं और इस देश में वापस आ जाते हैं. इस तरह के लोगों पर नजर रखने के लिए सभी देशों के बीच प्रत्यर्पण संधि होनी चाहिए.'  

नायडू ने कहा कि कुल मिलाकर कारोबारी ईमानदार रहने का प्रयास करते हैं लेकिन कुछ लोग हैं जो नाम खराब करते हैं. उन्होंने कहा, 'उनकी वजह से पूरे उद्योगपति समुदाय का नाम खराब हो रहा है. इसलिए उद्योग जगत को भी देखना चाहिए कि सिद्धांत बने रहें, मूल्य बने रहें ताकि सामाजिक व्यवस्था बनी रहे. ये कुछ चुनौतियां हैं.'

(इनपुट - भाषा)

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