Gyanvapi case: ज्ञानवापी परिसर में जलाभिषेक का किया था ऐलान, पुलिस ने हिंदूवादी नेता को किया गिरफ्तार
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Gyanvapi case: ज्ञानवापी परिसर में जलाभिषेक का किया था ऐलान, पुलिस ने हिंदूवादी नेता को किया गिरफ्तार

Prayer at Shringar Gauri: अरुण पाठक (Arun Pathak) ने एक बयान जारी कर कहा था कि हर बार की तरह इस बार भी सावन के अंतिम सोमवार (Sawan last monday) को वह 11 बजे अस्सी घाट से भक्तों और कार्यकर्ताओं के साथ श्रृंगार गौरी के दर्शन पूजन और जलाभिषेक के लिए निकलेंगे. 

Gyanvapi case: ज्ञानवापी परिसर में जलाभिषेक का किया था ऐलान, पुलिस ने हिंदूवादी नेता को किया गिरफ्तार

Vishwa hindu sena chief arrested: ज्ञानवापी मस्जिद पर कानूनी विवाद के बीच परिसर में स्थित श्रृंगार गौरी (Shringar Gauri) में दर्शन पूजन और जलाभिषेक (Jalabhieshek) का ऐलान करने वाले विश्व हिंदू सेना के अध्यक्ष अरुण पाठक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पाठक के साथ चार अन्य कार्यकर्ताओं को पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार किया. काशी के डीसीपी आर एस गौतम ने बताया कि विश्व हिंदू सेना और शिवसेना की ओर से सावन के अंतिम सोमवार को ज्ञानवापी परिसर में दर्शन पूजन और जलाभिषेक करने का ऐलान किया गया था, जिसको लेकर पहले ही अलर्ट जारी किया गया था. भेलूपुर पुलिस ने बताया कि अरुण पाठक और उनके चार कार्यकर्ताओं को अस्सी घाट पर पूजन के दौरान गिरफ्तार किया गया है.

परिसर में पूजा का किया था ऐलान

अरुण पाठक ने एक बयान जारी कर कहा था कि हर बार की तरह इस बार भी सावन के अंतिम सोमवार को वह 11 बजे अस्सी घाट से भक्तों और कार्यकर्ताओं के साथ श्रृंगार गौरी के दर्शन पूजन और जलाभिषेक के लिए निकलेंगे. उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में सुभाष चन्द्र बोस की प्रपौत्री राजश्री चौधरी मुख्य अतिथि थीं, जिनको रविवार को ही प्रयागराज में पुलिस ने नजरबंद कर लिया था.

गौरतलब है कि हिंदू पक्ष से राखी सिंह व अन्य ने ज्ञानवापी परिसर में स्थित श्रृंगार गौरी में विग्रहों की सुरक्षा और नियमित पूजा पाठ के आदेश देने के आग्रह के बारे में वाराणसी के सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत में याचिका दायर की थी. इसके आदेश पर पिछले महीने मई में ज्ञानवापी परिसर का वीडियोग्राफी सर्वे कराया गया था. इस दौरान हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी मस्जिद के वजू खाने में शिवलिंग मिलने का दावा किया था. सर्वे की रिपोर्ट पिछली 19 मई को अदालत में पेश की गई थी.

कोर्ट में ज्ञानवापी पर सुनवाई 

मुस्लिम पक्ष ने वीडियोग्राफी सर्वे पर यह कहते हुए आपत्ति की थी कि निचली अदालत का यह फैसला प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट, 1991 के प्रावधानों के खिलाफ है. इसी दलील के साथ उसने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था. कोर्ट ने वीडियोग्राफी सर्वे पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था, लेकिन मामले को जिला अदालत में ट्रांसफर करने का आदेश दिया था. अब यह मामला अदालत में है और ज्ञानवापी परिसर की सुरक्षा के लिए सुरक्षा इंतजाम पुख्ता किए जा चुके हैं.

(इनपुट: एजेंसी)

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