विश्वनाथ ने बताया कि उन्होंने अलग-अलग देशों की अलग-अलग 29 प्रजातियों के तोतों को एकत्रित किया है.
Trending Photos
गुलबर्ग: रजनीकांत-अक्षय स्टारर फिल्म 2.0 रिलीज होने के बाद से ही बॉक्स ऑफिस पर नए कीर्तिमान बना रही है. वहीं, इस फिल्म में तकनीकी विकास से पक्षियों के अस्तित्व पर बढ़ रहे खतरे के मुद्दे को भी उठाया गया है. पक्षियों की प्रजातियों पर तकनीक के विकास के साथ ही शिकार व अन्य खतरे भी उनके विलुप्त होने के लिए एक बड़ा कारण हैं. इन सबके बीच कर्नाटक में एक ऐसा आदमी सामने आया है जो पक्षियों से अपने बच्चों जैसा ही प्यार करता हैं. वहीं, उनके इस प्यार को देख लोग उन्हें फिल्म 2.0 के 'पक्षीराज' के नाम से भी बुलाने लगे हैं.
पेशे से हैं सरकारी पशु चिकित्सक
दरअसल, कर्नाटक के गुलबर्ग शहर के विश्वनाथ हेग्गा पेशे से पशुओं के डॉक्टर हैं और उन्हें पक्षियों से अपार प्रेम है. गुलबर्ग में पशु चिकित्सक विश्वनाथ हेग्गा ने अपने इस पक्षी प्रेम के बारे में बताया कि मुझे पक्षियों से पहली बार प्यार तब हुआ, जब मुझे न्यूजीलैंड का एक पक्षी मिला. विश्वनाथ ने बताया कि उन्होंने अलग-अलग देशों की अलग-अलग 29 प्रजातियों के तोतों को एकत्रित किया है. साथ ही इन प्रजातियों को संरक्षित कर उनके नस्ल को बढ़ाने का भी प्रयास कर रहा हूं. उन्होंने बताया कि मैं राज्य सरकार में एक सरकारी पशु चिकित्सक हूं. मेरे पास काकातुआ समेत कई प्रजातियों के तोते हैं.
29 प्रजातियों के तोतों का कर रहे हैं संरक्षण
विश्वनाथ ने बताया कि इन प्रजातियों के संरक्षण के साथ ही मैं उन्हें ट्रेनिंग भी देता हूं. उन्होंने कहा कि तोते एक ऐसी प्रजाति होते हैं जो इंसान की बोली की नकल कर सकते हैं. मैं उन्हें बोलने की ट्रेनिंग के साथ और चीजों का प्रशिक्षण देता हूं. उन्होंने बताया कि हमने सभी पक्षियों के नाम रखे हैं और वे सभी उनके नाम बुलाने पर प्रतिक्रिया देते हैं. उन्होंने बताया कि इन प्रजातियों को ब्राजील से इंपोर्ट कर लाया गया सेरेलेक खिलाया जाता है. इन्हें दिन में चार बार भोजन दिया जाता है. विश्वनाथ ने बताया कि मेरे साथ ही मेरा परिवार भी इन पक्षियों से बहुत प्यार करता है.
2.0 फिल्म में भी उठाया है मोबाइल रेडिएशन का मुद्दा
हाल ही में रिलीज हुई 2.0 फिल्म में भी पक्षियों के संरक्षण से जुड़े मुद्दे को उठाया गया है. फिल्म में अक्षय कुमार एक पक्षीराज की भूमिका में हैं जो लोगों को इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड रेडिएशन (ईएमएफ) के प्रभाव से लोगों की जागरूक करता है. फिल्म में दिखाया गया है कि रेडिएशन के प्रभाव से पक्षियों की मौत हो रही है. फिल्म साफ संदेश देती है कि सेलफोन और टॉवर से निकलने वाले रेडिएशन से पक्षी काल के गाल में समा रहे हैं. फिल्म में दावा किया गया है कि जो भी सेलफोन का यूज करता है, वह पक्षियों का हत्यारा है. कई विशेषज्ञों का कहना है कि शहरी क्षेत्रों में जहां मोबाइल टॉवर की संख्या बहुत ज्यादा है, वहां इनसे निकलने वाले विकरण पक्षियों के लिए तनावपूर्ण स्थितियां पैदा करते हैं.
जूही चावला कई सालों से चला रही हैं मुहिम
बॉलीवुड अभिनेत्री जूही चावला मेहता मोबाइल टॉवर रेडिएशन को मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट जा चुकी हैं. जूही ने अपनी याचिका में स्वास्थ्य खतरों को कम से कम करने के लिए रेडिएशन को कम करने के नियमन तय किए जाने की अपील की थी. इससे पहले, फरवरी माह में जूही चावला ने मोबाइल फोन की 5जी तकनीक को लेकर चिंता जताते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखा था. उन्होंने मोबाइल टॉवर एंटीना तथा वाईफाई हॉटस्पॉट से निकलने वाली इलेक्ट्रोमेग्नेटिक रेडिएशन (ईएमएफ) के कारण सेहत को पहुंचने वाले नुकसान के प्रति चेतावनी दी थी.