VP सिंह: वित्त मंत्री रहते हुए अपनी सरकार के खिलाफ फूंका बिगुल और PM बने
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VP सिंह: वित्त मंत्री रहते हुए अपनी सरकार के खिलाफ फूंका बिगुल और PM बने

भारत के आठवें प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह का जन्म उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में साल 1931 में आज के दिन 26 जून को हुआ था.

विश्वनाथ प्रताप सिंह | फाइल फोटो

नई दिल्ली: साल 1931 में आज के दिन 26 जून को भारत के आठवें प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह का जन्म उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हुआ था. इलाहाबाद का नाम अब बदलकर प्रयागराज कर दिया गया है. वी. पी. सिंह 2 दिसंबर 1989 से 10 नवंबर 1990 के बीच करीब 11 महीने तक भारत के प्रधानमंत्री रहे थे. इससे पहले वो राजीव गांधी की सरकार में देश के रक्षा और वित्त मंत्री भी रहे थे. लेकिन रक्षा सौदों में दलाली का आरोप लगाकर उन्होंने इस्तीफा दे दिया था. बता दें कि 9 जून 1980 से 28 जून 1982 तक वी. पी. सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे. फिर 29 जनवरी 1983 को उन्होंने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री का पदभार संभाला. इसके बाद वो राज्यसभा के सांसद भी बने.

फिर 31 दिसंबर 1984 को वी. पी. सिंह ने भारत के वित्तमंत्री के रूप में शपथ ली. उन्‍होंने भारतीयों द्वारा विदेशी बैंकों में धन जमा करवाने की जांच के लिए फेयरफेक्‍स की मदद ली थी. अप्रैल 1987 में पहली बार स्‍वीडन ने बोफोर्स तोप सौदे में दलाली की खबर को प्रकाशित किया था. इसमें राजीव गांधी का भी नाम सामने आया था. संसद में जमकर हंगामा हुआ. खुद वीपी सिंह ने भी इस मुद्दे को उठाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी. नतीजातन कांग्रेस ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया. इस घटना के बाद राजीव गांधी की सरकार भी ज्‍यादा नहीं चल सकी और गिर गई. फिर साल 1989 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने बीजेपी और लेफ्ट पार्टियों की मदद से केंद्र की सत्ता हासिल की और प्रधानमंत्री बन गए.

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