मोसुल में मारे गए भारतीयों के शवों के अवशेष लाने के लिए वीके सिंह इराक रवाना
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मोसुल में मारे गए भारतीयों के शवों के अवशेष लाने के लिए वीके सिंह इराक रवाना

जून, 2014 में इराक के मोसुल में आईएसआईएस ने 40 भारतीयों का अपहरण कर लिया था. इनमें से एक खुद को बांग्लादेशी मुसलमान बचाकर वहां से बच निकला था.

विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह ने बताया स्वदेश आने पर वह पहले पंजाब सरकार को शव सौंपेंगे

नई दिल्ली : मोसुल में आईएसआईएस आतंकियों के हाथों मारे गए 39 भारतीयों के शवों के अवशेष लेने के लिए विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह इराक रवाना हो गए हैं. वे कल (सोमवार) तक स्वदेश वापस आएंगे और पीड़ित परिजनों को शवों के अवशेष सौंपेंगे. शव सौंपने के लिए वह पहले अमृतसर जाएंगे. इसके बाद वह पटना और फिर कोलकाता होते हुए दिल्ली वापस आएंगे. वह मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट बोइंग सी-17 से इराक रवाना हुए. 

  1. जून, 2014 में इराक में मारे गए थे 39 भारतीय
  2. बदूश के एक टीले में मिले थे लोगों के कंकाल
  3. डीएनए जांच से हुई थी भारतीय होने की पुष्टि

27 लोग पंजाब के
वीके सिंह ने इराक रवाना होने से पहले मीडिया को बताया कि भारत आने पर सबसे पहले वे पंजाब जाएंगे. मोसुल में मारे गए भारतीयों में सबसे ज्यादा 27 लोग पंजाब के थे. 4 लोग हिमाचल प्रदेश के थे. पंजाब सरकार को इन शवों के अवशेष सौंपेंगे. 

एक शव नहीं मिलेगा
वीके सिंह ने बताया कि एक मामला पेंडिंग होने की वजह से उन्हें एक शव नहीं मिलेगा. इसके लिए पीड़ित परिवार को सबूत के साथ एक ताबूत दिया जाएगा, ताकि उन्हें कोई शंका ना रहे. मारे गए लोगों में से कुछ के परिजनों ने 26 मार्च को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात की थी.

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राजनीति में भूचाल
इस महीने की शुरुआत में स्वराज ने संसद को बताया था कि जून, 2014 में इराक के मोसुल में आतंकी संगठन आईएसआईएस ने 40 भारतीयों का अपहरण कर लिया था. इनमें से एक हालांकि खुद को बांग्लादेशी मुसलमान बचाकर वहां से बच निकला था. उन्होंने बताया था कि बाकी 39 भारतीयों को बादूश ले जाया गया और उनकी हत्या कर दी गई.

विदेश मंत्री द्वारा सदन को इस बात की जानकारी दिए जाने के बाद देश की राजनीति में हंगामा खड़ा हो गया. विपक्षी दलों ने सरकार पर इस मामले में पीड़ित परिजनों के साथ देश को गुमराह करने के आरोप लगाए थे. 

बदूश में बनी कब्रगाह
आईएसआईएस आतंकियों ने भारतीयों का अपहरण करके बदूश शहर में उनकी हत्या की थी और वहीं एक टीले में शवों को दफना दिया गया था. इराक सरकार ने भारत को एक टीले में कुछ दबे होने के बारे में बताया था. इसके बाद भारत ने एक रडार की मदद से टीले में शव होने की पुष्टि की. शवों की पुष्टि होने के बाद विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह ने खुद बदूश में डेरा डाला और अपने सामने ही शवों की खुदाई करवाकर उनके डीएनए की जांच कराई. 

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