त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब ने वोकल फॉर लोकल इनीशिएटिव को बढ़ावा देते हुए World Bamboo Day (19 सितंबर) के मौके पर आज बैम्बू मेड कुकीज और बैम्बू मेड हनी बॉटल को लॉन्च किया.
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अगरतला: त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब (Chief Minister Biplab Deb) ने वोकल फॉर लोकल इनीशिएटिव को बढ़ावा देते हुए World Bamboo Day (19 सितंबर) के मौके पर आज बैम्बू कुकीज (Bamboo Cookies) और बैम्बू मेड हनी बॉटल (Bamboo made honey bottle) को लॉन्च किया. इन उत्पादों का मकसद राज्य में रोजगार के अवसरों को पैदा करना और पीएम मोदी (PM Narendra Modi) के वोकल फॉर लोकल इनीशिएटिव को प्रमोट करना है.
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री ने इसकी तस्वीरें ट्विटर पर शेयर की हैं. उन्होंने लिखा, 'आज वर्ल्ड बैम्बू डे के मौके बैम्बू कुकीज और बांस से बनी हनी बॉटल लॉन्च की है. बैम्बू कुकीज और हनी बॉटल हमारे राज्य से ये दो नई चीजें जुड़ गई हैं. इससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और पीएम नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने में भी मदद मिलेगी.'
बता दें कि ये कुकीज मुली बैम्बू यानी बांस की टहनियों से बनाई गई हैं जिसे आम तौर पर स्वीट बैम्बू के नाम से भी जाना जाता है. इसमें डायटरी फाइबर्स होते हैं और फैट बहुत कम होता है. इन अनोखी कुकीज को The Bamboo and Cane Development Institute of Agartala ने तैयार किया है.
राज्य में बैम्बू कुकीज के उत्पादन की संकल्पना बीसीडीआई के चीफ डॉ. अभिनव कांत ने की है. जिससे स्थानीय लोगों की आजीविका को सुनिश्चित किया जा सके.
डॉ. कांत ने ज़ी न्यूज़ को बताया कि बांस की टहनियों की न्यूट्रिशनल वैल्यू को ध्यान में रखते हुए इंस्टीट्यूट ने बैम्बू कुकीज पर काम करना शुरू किया.
On the ocassion of World Bamboo day launched Bamboo Cookies and Bamboo made honey bottle.
Bamboo cookies and Honey bottle will now add another feather to our cap.
It will generate livelihood opportunities for many & fullfill PM @narendramodi Ji's vision of #AtmaNirbharBharat . pic.twitter.com/x9oKZqFhSL
— Biplab Kumar Deb (@BjpBiplab) September 18, 2020
वहीं मुख्यमंत्री बिप्लब देब ने कहा कि बैम्बू कुकीज प्राकृतिक तरीके से बनाई गई हैं जो इस पोषक बनाता है. मैं बीसीडीआई की कड़ी मेहनत और डॉ. अभिनव कांत के इनोवेटिव आइडिया की प्रशंसा करता हूं. उत्तर-पूर्व के इस राज्य में बांस की टहनियों को बहुत स्वादिष्ट भोजन माना जाता है. खास करके आदिवासी लोगों के बीच. बांस का जो कोमल वाला हिस्सा होता है, उसे हम खा सकते हैं. ये प्रोटीन, विटामिन ओर मिनरल्स से भरपूर होता है.
वहीं डॉ. कांत ने कहा कि बांस की टहनियां जल्द खराब हो जाती हैं इसलिए इसमें गेहूं का आटा मिलाया गया है. यह भी डायटरी फाइबर्स से भरपूर होता है और नैचुरल प्रिजर्वेटिव की तरह काम करता है.
बता दें कि त्रिपुरा में बांस यानी बैम्बू आर्थिक रूप से सबसे महत्वपूर्ण पौधा माना जाता है. इसकी वजह ये है कि इसकी जड़, पत्ते, नई टहनियों सभी का इस्तेमाल किसी न किसी तरह से किया जा सकता है.
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