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कोलकाता: पश्चिम बंगाल में जारी विधान सभा चुनाव (West Bengal Assembly Election) के बीच चुनाव आयोग (Election Commission) एक्शन में नजर आ रहा है और विवादित बयानबाजी को लेकर बीजेपी नेता राहुल सिन्हा (Rahul Sinha) पर चुनाव प्रचार करने से 48 घंटों का बैन लगा दिया है. इससे पहले आयोग ने ममता बनर्जी को पर प्रचार करने से 24 घंटे का बैन लगाया था.
बता दें कि पश्चिम बंगाल के कूचबिहार में सीआईएसएफ की गोलीबारी में चार लोगों की मौत के बाद बीजेपी नेता राहुल सिन्हा (Rahul Sinha) ने विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा है कि सीआईएसएफ को चार नहीं, आठ लोगों को गोली मारनी चाहिए थी.
शुरुआती रिपोर्ट में कहा गया है कि करीब 350-400 लोगों की भीड़ ने सीआईएसएफ (CISF) के जवानों को घेर लिया था, जिसके बाद उन्होंने 'आत्मरक्षा' में गोली चलाई थी. आरोप है कि भीड़ में शामिल लोगों ने केंद्रीय सुरक्षा बल के जवानों से उनकी राइफलें छीनने की कोशिश हुई थी.
निर्वाचन आयोग (Election Commission) ने पश्चिम बंगाल भाजपा प्रमुख दिलीप घोष (Dilip Ghosh) के उस कथित बयान पर उन्हें नोटिस जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि 'कई स्थानों पर सीतलकूची जैसी घटना की पुनरावृत्ति होगी.'
भारतीय चुनाव आयोग (Election Commission) ने पश्चिम बंगाल के भाजपा नेता शुवेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) को 29 मार्च को दिए गए भाषण पर चेतावनी दी है. उन्होंने इस संबंध में 9 अप्रैल को चुनाव आयोग को जवाब भेजा था. चुनाव आयोग ने उन्हें आदर्श संहिता के दौरान सार्वजनिक बयानबाजी करते हुए ऐसे बयानों से बचने की सलाह दी है.
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कूच बिहार गोलीबारी की घटना को लेकर बयानबाजी पर तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने सोमवार को निर्वाचन आयोग (EC) से शिकायत की थी और बीजेपी नेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की अपील की थी. पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी आरिज आफताब को लिखे पत्र में टीएमसी ने कहा था कि दिलीप घोष सहित बीजेपी के कई नेता कूचबिहार जैसी और घटनाओं की चेतावनी देकर हिंसा 'भड़का' रहे हैं.
इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की ओर से मुस्लिम वोट को लेकर दिए गए बयान पर चुनाव आयोग (Election Commission)एक्शन लिया था. आयोग ने ममता बनर्जी पर सोमवार की रात 8 बजे से मंगलवार की रात 8 बजे तक प्रचार करने से रोक लगा दी थी. इस फैसले के खिलाफ ममता बनर्जी कोलकाता में गांधी मूर्ति के पास धरने पर बैठी हैं और चुनाव आयोग के फैसले का विरोध कर रही हैं.
बता दें कि पश्चिम बंगाल (West Bengal) की 294 विधान सभा सीटों पर 8 चरणों में वोटिंग होनी है, जिनमें से चार चरणों के चुनाव संपन्न हो चुके हैं. राज्य में 27 मार्च को पहले चरण में 30 सीटों, एक अप्रैल को दूसरे चरण में 30 सीटों, 6 अप्रैल को तीसरे चरण में 31 सीटों और 10 अप्रैल को चौथे चरण में 44 सीटों पर वोटिंग हुई थी. पांचवें चरण में 17 अप्रैल को 45 सीटों, छठे चरण में 22 अप्रैल को 43 सीटों और सातवें चरण में 26 अप्रैल 36 सीटों और आठवें चरण में मतदान होंगे, जबकि चुनाव परिणाम 2 मई को आएंगे.