पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी एक लंबे समय से बीमार चल रहे थे. कल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर उनकी तबीयत और ज्यादा खराब हो गई.
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नई दिल्ली : पिछले नौ हफ्ते से दिल्ली के एम्स में भर्ती भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने आज गुरुवार की शाम 5.05 मिनट पर अंतिम सांस ली. उनके निधन से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है. राजनीति हो या खेल की दुनिया, बॉलीवुड हो या फिर आम जनता, समाज का हर वर्ग उनके निधन पर दुख व्यक्त कर रहा है.
अटल बिहारी वाजपेयी को एम्म में 11 जून, 2018 को एडमिट कराया गया था. पिछले 9 हफ्ते से उनका स्वास्थ्य स्थिर था और एम्स के डॉक्टरों की एक टीम उनकी देखभाल में लगी हुई थी. लेकिन, पिछले 36 घंटों में उनकी हालत बिगड़ गई और उनको लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था, लेकिन अथक प्रयासों के बावजूद उनको बचाया नहीं जा सका.
असम के राज्यपाल जगदीश मुखी ने पूर्व प्रधानमंत्री के निधन पर शोक प्रकट करते हुए कहा कि देश ने एक ऐसा नेता खो दिया जिसका स्थान शायद ही कोई नेता ले पाएगा. मुखी ने कहा कि अटल एक ऐसे नेता थे जो विरोधी दलों में भी उतने लोकप्रिय थे, जितने वे खुद अपनी पार्टी में.
उन्होंने कहा कि राजनीति से लेकर निजी जीवन में उनका कोई विरोधी नहीं था. सभी उनको पसंद करते थे. उनकी वाकपटुता सभी को मोहित करती थी. हमने देश की एक बुलंद आवाज को खो दिया है.
Extremely sad to learn of the passing of Shri #AtalBihariVaajpayee Ji. He was a towering personality and a powerful national voice who had played crucial roles even on the international political scene. India has lost an eminent statesman who led the country three times as PM.
— Prof.Jagdish Mukhi (@jagdishmukhi) 16 अगस्त 2018
छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि अटल जी ने छत्तीसगढ़ का निर्माण किया था. उन्होंने अपने एक ट्वीट संदेश में कहा, 'छत्तीसगढ़ के निर्माता, भारत रत्न अटल जी देश को दुःख के सागर में छोड़ कर चले गये. देश के लिए जो उन्होंने किया वो शब्दों में नहीं बांधा जा सकता.'
बृजमोहन अग्रवाल ने पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी का एक फोटो शेयर करते हुए कहा उनकी एक कविता "जूझने का मेरा इरादा न था, मोड़ पर मिलेंगे इसका वादा न था, रास्ता रोक कर वह खड़ी हो गई, यूं लगा जिंदगी से बड़ी हो गई." को पोस्ट किया है.
"जूझने का मेरा इरादा न था, मोड़ पर मिलेंगे इसका वादा न था,
रास्ता रोक कर वह खड़ी हो गई, यूं लगा जिंदगी से बड़ी हो गई।"
- अटल बिहारी वाजपेयी।
छत्तीसगढ़ निर्माता, भारत रत्न अटल जी देश को दुःख के सागर में छोड़ कर चले गये। देश के लिए जो उन्होंने किया वो शब्दों में नहीं बांधा जा सकता। pic.twitter.com/1Cie4F7JFF— Brijmohan Agrawal (@brijmohan_ag) 16 अगस्त 2018
आपको बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री एक लंबे समय से बीमार चल रहे थे. कल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर उनकी तबीयत और ज्यादा खराब हो गई. तबीयत खराब होने का समाचार मिलते ही केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी उन्हें देखने के लिए सबसे पहले एम्म गईं. इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एम्स गए और डॉक्टरों से मुलाकात कर वाजपेयी के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली. पीएम मोदी के हॉस्पिटल के आने के बाद से देर रात तक तमाम नेताओं का एम्स आना-जाना लगा रहा. गुरुवार को एक बार फिर प्रधानमंत्री मोदी एम्स पहुंचे. डॉक्टरों ने बताया कि उनकी तबीयत में कोई सुधार नहीं हो रहा है. और अंत में शाम 5.05 मिनट पर वाजपेयी ने अंतिम सांस ली.