एक नजर में जानें, क्यों और कैसे ममता के बंगाल में मचा घमासान, पुलिस और CBI आई आमने- सामने
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एक नजर में जानें, क्यों और कैसे ममता के बंगाल में मचा घमासान, पुलिस और CBI आई आमने- सामने

रविवार रात धरने पर बैठीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और केंद्र सरकार के बीच जबर्दस्त टकराव की स्थिति पैदा हो गई. 

फोटो साभारः ANI

कोलकाता: चिटफंड घोटालों के सिलसिले में कोलकाता के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार से पूछताछ की सीबीआई की कोशिश के खिलाफ रविवार रात धरने पर बैठीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के बीच जबर्दस्त टकराव की स्थिति पैदा हो गई. यह नाटकीय घटनाक्रम उस वक्त शुरू हुआ जब पश्चिम बंगाल के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार कुमार से पूछताछ के मकसद से उनके आवास पर गई सीबीआई अधिकारियों की टीम को वहां तैनात संतरियों-कर्मियों ने अंदर जाने से रोक दिया. इसके बाद कोलकाता पुलिस ने सीबीआई के कुछ अधिकारियों को हिरासत में भी ले लिया.

केंद्र एवं राज्य के पुलिस बलों के बीच यह टकराव की अभूतपूर्व स्थिति थी. इसके बाद ममता बनर्जी अपने आला- अफसर के साथ पुलिस आयुक्त राजीव कुमार के घर पहुंच गईं. आगामी लोकसभा चुनावों से पहले भाजपा विरोधी गठबंधन बनाने के प्रयासों में अग्रणी भूमिका निभा रहीं ममता ने दावा किया कि सीबीआई ने बगैर तलाशी वॉरंट के ही कोलकाता के पुलिस आयुक्त कुमार के दरवाजे पर दस्तक दी.

ममता ने आरोप लगाया कि वे हर उस राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाना चाहते हैं, जहां विपक्षी पार्टियां सत्ता में हैं. तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने कहा, ‘‘मैं यकीन दिला सकती हूं...मैं मरने के लिए तैयार हूं, लेकिन मैं मोदी सरकार के आगे झुकने के लिए तैयार नहीं हूं.

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हम आपातकाल लागू नहीं करने देंगे. कृपया भारत को बचाएं, लोकतंत्र बचाएं, संविधान बचाएं.’’ ममता ने सभी विपक्षी पार्टियों से अपील की कि वे मोदी सरकार को सत्ता से बेदखल करने के लिए एकजुट हों .  उन्होंने थलसेना के अलावा केंद्र एवं राज्यों के सुरक्षा बलों का भी आह्वान किया कि वे मोदी सरकार के रवैये की ‘‘निंदा’’ करें. इसके बाद कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी पार्टियां इस मुद्दे पर ममता के समर्थन में उतर आई. 

आपको बता दें कि यह सारा घटनाक्रम बहुत तेजी से उस वक्त शुरू हुआ, जब सीबीआई के 40 अधिकारियों की एक टीम आज शाम मध्य कोलकाता में कुमार के लाउडन स्ट्रीट स्थित आवास पर पहुंची, लेकिन वहां तैनात संतरियों एवं कर्मियों ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया. 

सीबीआई के संयुक्त निदेशक पंकज श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘हम वहां उनसे (कुमार से) पूछताछ करने और जांच करने गए थे. और यदि उन्होंने सहयोग नहीं किया होता, तो हम उन्हें हिरासत में ले लेते.’’ सीबीआई के मुताबिक, चिटफंड घोटालों की जांच के लिए पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा गठित एसआईटी का नेतृत्व कर चुके 1989 बैच के पश्चिम बंगाल कैडर के आईपीएस अधिकारी कुमार से गायब दस्तावेजों और फाइलों के बाबत पूछताछ करनी है, लेकिन उन्होंने जांच एजेंसी के समक्ष पेश होने के लिए जारी नोटिसों का कोई जवाब नहीं दिया है.

सीबीआई ने शनिवार को दावा किया था कि कुमार ‘‘फरार’’ चल रहे हैं और शारदा एवं रोज वैली चिटफंड घोटालों के सिलसिले में उनकी ‘‘तलाश’’ की जा रही है. कुछ ही देर बाद कोलकाता पुलिस के अधिकारियों की एक टीम सीबीआई अधिकारियों से बातचीत के लिए मौके पर पहुंची और यह पता लगाने की कोशिश की कि क्या उनके पास कुमार से पूछताछ करने के लिए जरूरी दस्तावेज थे.

बाद में सीबीआई अधिकारियों की एक छोटी सी टीम को चर्चा के लिए शेक्सपियर सरनी पुलिस थाना ले जाया गया. इसके बाद कुछ और लोग मौके पर पहुंचे और हंगामा हो गया. फिर कुछ सीबीआई अधिकारियों को जबरन पुलिस की जीपों में बिठाकर एक पुलिस थाने ले जाया गया. इस बीच, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कुमार के आवास पर पहुंचीं और कहा, ‘‘नरेंद्र मोदी और अमित शाह राज्य में तख्तापलट करने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि हमने 19 जनवरी को विपक्ष की रैली आयोजित की थी. हमें पता था कि रैली आयोजित करने के बाद सीबीआई हम पर हमला करेगी.’’

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ममता ब्रिगेड मैदान में आयोजित रैली का जिक्र कर रही थीं जिसमें करीब 20 विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने हिस्सा लिया था. राज्य में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता एवं राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने ट्वीट किया, ‘‘भाजपा संवैधानिक तख्तापलट की तैयारी कर रही है? सीबीआई के 40 अधिकारी कोलकाता के पुलिस आयुक्त के आवास को घेर लेते हैं.

संस्थाओं की बर्बादी धड़ल्ले से जारी है. सोमवार को संसद में हमारी मांग होगी..‘मोदी को जाना होगा’. हम लोकतंत्र बचाना चाह रही सारी विपक्षी पार्टियों से इस मुद्दे पर संपर्क कर रहे हैं और घटना के बारे में जानकारी साझा कर रहे हैं.’’ पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) वीरेंद्र और एडीजीपी (कानून-व्यवस्था) अनुज शर्मा भी कुमार के आवास पर पहुंचे.

जैसे को तैसा वाली कार्रवाई करते हुए कोलकाता के पुलिस अधिकारियों की एक टीम सीजीओ कॉम्प्लेक्स (सीबीआई का राज्य मुख्यालय) पहुंच गई. पुलिसकर्मियों द्वारा सीबीआई के दफ्तरों और कुमार के आवास की घेराबंदी करने के बारे में पूछे जाने पर सीबीआई अधिकारी श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘मुझे भी हिरासत में लिया गया है और मेरे घर के बाहर पुलिस अधिकारी खड़े हैं.’’

संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) प्रवीण त्रिपाठी ने बताया कि पूछताछ के बाद सीबीआई के अधिकारियों को पुलिस थाने से जाने दिया गया. त्रिपाठी ने कहा, ‘‘उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि वे किसी गोपनीय अभियान पर आए थे. हमें नहीं पता कि वे किस तरह के अभियान के लिए आए थे.’’ बाद में शाम के समय केंद्रीय अर्धसैनिक बल कोलकाता स्थित सीबीआई कार्यालय पहुंच गए . 

इसके बाद कोलकाता पुलिस के जवानों ने परिसर को खाली कर दिया. रविवार को कोलकाता पुलिस ने एक बयान जारी कर उन खबरों को सिरे से खारिज किया था कि कुमार ड्यूटी से गायब हैं. पुलिस ने अपने बयान में कहा था, ‘‘कृपया गौर करें कि कोलकाता के पुलिस आयुक्त न केवल शहर में उपलब्ध हैं बल्कि नियमित आधार पर दफ्तर भी आ रहे हैं.

सिर्फ 31 जनवरी 2019 को वह दफ्तर नहीं आए, क्योंकि उस दिन उन्होंने अवकाश लिया था. सभी संबंधित पक्ष कृपया गौर करें कि यदि उचित जांच के बगैर कोई खबर फैलाई जाती है तो कोलकाता पुलिस, कोलकाता के पुलिस आयुक्त एवं कोलकाता पुलिस दोनों की मानहानि के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई शुरू करेगी.’’

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मुख्यमंत्री की प्रेस कांफ्रेंस के बाद अपने आवास के बाहर कुछ देर के लिए नजर आए पुलिस आयुक्त कुमार ने कहा कि वह सोमवार को मीडिया से बात करेंगे. बाद में उन्हें मुख्यमंत्री के धरना स्थल पर देखा गया. धरना स्थल पर ममता ने कहा कि कई विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने उन्हें फोन करके ‘‘संविधान की रक्षा’’ की उनकी लड़ाई में अपना समर्थन और अपनी एकजुटता व्यक्त की है. 

ममता ने कहा, ‘‘अखिलेश यादव (सपा), तेजस्वी यादव (राजद), चंद्रबाबू नायडू (तेदेपा), उमर अब्दुल्ला (नेकां), अहमद पटेल (कांग्रेस) एवं एम के स्टालिन (द्रमुक) ने मुझे फोन करके अपनी एकजुटता एवं अपना समर्थन व्यक्त किया.’’ इस बीच, दिल्ली से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर ममता बनर्जी को फोन कर उनके प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया. राहुल ने कहा कि बंगाल का घटनाक्रम भारत की संस्थाओं पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के लगातार हमलों का हिस्सा है .  उन्होंने यह भी कहा कि समूचा विपक्ष एकजुट है और फासीवादी ताकतों को मिलकर हराएगा. 

इनपुट भाषा से भी 

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