मैं अपनी जान देने को तैयार हूं लेकिन समझौता नहीं करूंगी: ममता बनर्जी
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मैं अपनी जान देने को तैयार हूं लेकिन समझौता नहीं करूंगी: ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बनर्जी ने आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा विरोधी गठबंधन तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

सांसद बाबुल सुप्रियो ने आरोप लगाया कि बनर्जी ‘‘नाटक’’ कर रही हैं. फोटो साभारः ANI

नई दिल्ली: चिटफंड घोटाला मामले में कोलकाता पुलिस प्रमुख से पूछताछ करने की सीबीआई की कोशिश के खिलाफ धरने पर बैठीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि मैं अपनी जान देने को तैयार हूं लेकिन समझौता नहीं करूंगी. ममता कल से ही केंद्र सरकार के खिलाफ धरने पर बैठी हुईं हैं. आज इस मामले को संसद के दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ. 

ममता ने आगे कहा, 'जब लोग सड़कों पर टीएमसी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को परेशान कर रहे थे. तब मैं सड़क पर नहीं आई. लेकिन इस बार जब कोलकाता पुलिस प्रमुख राजीव कुमार का अपमान हुआ तो हमें गुस्सा आया और हम इसके विरोध में धरने पर बैठे हैं. हम पुलिस प्रमुख राजीव कुमार का अपमान नहीं सहेंगे क्योंकि वह राज्य के प्रमुख अधिकारी हैं. और जब तक हम जिंदा हैं तब तक समझौता नहीं करेंगे.'

चिटफंड घोटाला मामले में कोलकाता पुलिस प्रमुख राजीव कुमार से पूछताछ के लिए सीबीआई की टीम पहुंचने के बाद से राज्य में राजनीति माहौल गर्मा गया है. सीबीआई की एक टीम रविवार को मध्य कोलकाता में कुमार के लाउडन स्ट्रीट स्थित आवास पहुंची थी लेकिन वहां तैनात संतरियों एवं कर्मियों ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया और उन्हें जीप में भर कर थाने ले गए.बनर्जी ने धरना स्थल पर मौजूद पत्रकारों से कहा था कि, ‘‘यह एक सत्याग्रह है और जब तक देश सुरक्षित नहीं हो जाता मैं इसे जारी रखूंगी.’’

‘भ्रष्टाचारियों’ को बचा रही हैं ममता, राज्य में लागू हो राष्ट्रपति शासन : बाबुल सुप्रियो
उधर केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने सोमवार को पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग करते हुए राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आलोचना की और उन पर भ्रष्टाचारियों के साथ मिलने का आरोप लगाया. पश्चिम बंगाल के आसनसोल से सांसद बाबुल सुप्रियो ने आरोप लगाया कि बनर्जी ‘‘नाटक’’ कर रही हैं और अपने ‘‘भ्रष्ट एवं दागी सहयोगियों’’ को बचाने के लिये संवैधानिक संकट पैदा कर रही हैं. सुप्रियो ने ट्वीट किया, ‘‘भ्रष्ट मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल सरकार पर लगाम कसने के लिये राष्ट्रपति शासन लागू करना चाहिए. 

भ्रष्ट और दागी सहयोगियों को बचाने के लिये यह ममता द्वारा पैदा किया गया ‘संवैधानिक संकट’ है. ’’ रविवार की शाम हुए अप्रत्याशित घटनाक्रम में बनर्जी चिटफंड घोटालों के संबंध में कोलकाता पुलिस प्रमुख राजीव कुमार से पूछताछ के सीबीआई के प्रयास के विरोध में धरने पर बैठ गयीं.

बनर्जी ने सोमवार को कहा कि ‘‘देश और इसके संविधान को जब तक बचाया नहीं जाता, तब तक उनका सत्याग्रह जारी रहेगा.’’ मुख्यमंत्री ने रात को भोजन नहीं किया और वहां बने अस्थायी मंच पर वह पूरी रात बैठी रहीं. उनके साथ वहां पार्टी के कुछ वरिष्ठ मंत्री और कार्यकर्ता भी वहां बैठे.

भारी उद्योग एवं सार्वजनिक उद्यम राज्य मंत्री सुप्रियो ने कहा कि यह ‘‘शर्मनाक है कि विपक्ष यह भूलकर शोर मचा रहा है कि यह उस पुलिस अधिकारी के बारे में है जो पश्चिम बंगाल के गरीब ग्रामीणों से संबंधित करीब 35,000 करोड़ रुपये के घोटाले के सबूतों को नष्ट करने और उससे छेड़छाड़ का आरोपी है.  इन ग्रामीणों को लूट कर इस घोटाले को अंजाम दिया गया. ’’

उन्होंने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस के नेता इस घोटाले में लिप्त हैं. इन आरोपों को खारिज करते हुए तृणमूल ने इस बात पर कायम है कि राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से उसके नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है. सीबीआई की टीम शहर के लाउडोन स्ट्रीट इलाके में कुमार के घर पहुंची थी, लेकिन उन्हें पूछताछ की इजाजत नहीं मिली. 

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पुलिस की जीपों में बिठा कर सीबीआई अधिकारियों को पुलिस थाने ले जाया गया. घोटालों की जांच के लिये गठित पश्चिम बंगाल के विशेष जांच दल का नेतृत्व कर चुके कुमार से सीबीआई गायब दस्तावेजों और फाइलों के सिलसिले में पूछताछ करना चाहती थी.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद सहित कई नेताओं ने बनर्जी के लिए समर्थन जाहिर किया है. बनर्जी ने आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा विरोधी गठबंधन तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह उस हर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाना चाहते हैं जहां विपक्ष सत्ता में है.

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