West Bengal Violence: पश्चिम बंगाल विधान सभा के नतीजों के बाद कई जिलों में हिंसा हुई. हिंसा की वजह से सैकड़ों लोगों को अपना घर बार छोड़कर जाना पड़ा था.
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नई दिल्ली: आज से ठीक एक महीने पहले यानी 3 मई जब बंगाल हिंसा की आग में सुलग रहा था. सैकड़ों घर लूट लिए गए, लोगों पर खुलेआम हमले हुए, ऐसे में लोग जान बचाने के लिए पलायन कर गए. लेकिन अब कलकत्ता हाई कोर्ट की दखल के बाद लोगों की घर वापसी हो रही है.
ये वो लोग जो बंगाल में हिंसा के बाद दर-दर भटकने के लिए मजबूर हैं. अपने बसे-बसाए आशियानों को छोड़कर जिल्लत की जिंदगी जी रहे हैं, लेकिन अब इनकी आंखों में खुशियां और इंतजार है. अपने आंगन को फिर से निहारने की, उजड़े बगियों को फिर से संवारने की.
कोलकाता के प्रगति मैदान के बाहर करीब 140 लोगों का हुजूम मौजूद है, जिनकी घर वापसी की तैयारी चल रही है. बंगाल हिंसा के 1 महीने बाद पलायन को मजबूर हुए लोगों की घर वापसी हो रही है. लौटने वाले सभी पश्चिम बंगाल की एंटली विधानसभा के हैं.
ऐसे ही एक शख्स हैं, बिट्टू सिंह. वह पिछले 1 महीने से अपने रिश्तेदार के घर रह रहे हैं. 2 मई की वो स्याह रात को याद करके सहम जाते हैं. इन्हें घर लौटने की खुशी तो है, लेकिन मन में एक डर भी है. डर टीएमसी के गुंडो का, दोबारा हिंसा का और डर कोलकाता पुलिस के गैर जिम्मेदाराना रवैये का भी.
पश्चिम बंगाल में हिंसा के शिकार लोगों की बंगाल सरकार ने पिछले 1 महीने में कोई सुध नहीं ली, लेकिन कलकत्ता हाई कोर्ट ने पलायन को मजबूर लोगों की घर वापसी के लिए कमेटी के गठन का आदेश दिया और अब लोगों की घर वापसी हो रही है.
पश्चिम बंगाल विधान सभा के नतीजों के बाद कई जिलों में हिंसा हुई. हिंसा की वजह से सैकड़ों लोगों को अपना घर बार छोड़कर जाना पड़ा. कई लोग रिश्तेदारों के घर पनाह ली तो कई लोग सड़कों पर रहने को मजबूर हैं, लेकिन हाई कोर्ट के दखल के बाद अब लोगों में हिंसा नहीं होने की उम्मीद जगी है.