सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी पश्चिम बंगाल में सांप्रदायिकता फैला रही है.
Trending Photos
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस लगातार ऐसे काम कर रही है जिससे एक दूसरे को नीचा दिखा सकें. इस बार तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने कूच बिहार के उस मैदान का गंगाजल और गौमूत्र से शुद्धिकरण किया है, जहां बीजेपी की सभा हुई थी. सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी पश्चिम बंगाल में सांप्रदायिकता फैला रही है. कूच बिहार के इस मैदान में रैली करके बीजेपी ने नफरत फैलाने की शुरुआत की है, इसलिए इस जगह का गंगाजल और गौमूत्र से शुद्धिकरण किया गया है. शनिवार को इसी जगह पर बीजेपी ने बड़ी जनसभा आयोजित की थी.
टीएमसी नेता पंकज घोष ने कहा कि कूच बिहार भगवान मदनमोहन की भूमि है, यहां से बीजेपी ने सांप्रदायिकता फैलाने की शुरुआत की है, इसलिए हिंदू परंपराओं के अनुसार हमने इस जगह को शुद्ध किया है.
मालूम हो कि बीजेपी पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र बचाओ नाम से रथयात्रा करना चाहती है, लेकिन ममता बनर्जी की सरकार ने उन्हें इसकी इजाजत देने से इनकार कर दिया है. इसके अलावा कलकत्ता हाईकोर्ट ने भी इस रथयात्रा निकालने पर पाबंदी लगा दी है. कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 14 दिसंबर की तारीख मुकर्रर की है.
प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष जयप्रकाश मजूमदार और वरिष्ठ पार्टी नेता मुकुल रॉय की अगुवाई में प्रतिनिधिमंडल को राज्य सचिवालय में कुछ देर इंतजार करना पड़ा, फिर एक अधिकारी ने आ कर उनसे पत्र लिए. ये पत्र उन अधिकारियों को संबोधित किया गया है जिनका उल्लेख शुक्रवार को उच्च न्यायालय ने किया था.
मजूमदार ने कहा, ‘हमने पत्रों में कहा है कि भाजपा कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप 12 दिसंबर (बुधवार) तक एक घंटे के नोटिस पर किसी भी समय चर्चा को तैयार है.’ रथ यात्राएं निकालने के लिए इजाजत मांगने वाले भाजपा के पत्रों पर कोई जवाब नहीं देने पर उच्च न्यायालय ने राज्य के शीर्ष अधिकारियों को 14 दिसंबर तक इस पर कोई फैसला करने का निर्देश दिया था.
रॉय ने आरोप लगाया, ‘हमने राज्य सरकार से कहा कि हम रथ यात्राओं के मुद्दे पर चर्चा करने को तैयार हैं. स्थिति यह है कि राज्य सरकार कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने में सक्षम नहीं है और राज्य में लोकतंत्र भी नहीं है.’ भाजपा अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले राज्य में तीन रथ यात्राएं निकालना चाहती है. उनमें से पहली रथयात्रा कूच बिहार जिले से 9 दिसंबर को निकलनी थी.