Amritpal Singh Surrender: अजनाला कांड (Ajnala Incident) का मास्टरमाइंड अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) पकड़ लिया गया है. 36 दिनों के बाद अमृतपाल सिंह को पकड़ने में कामयाबी मिली है. अजानाला कांड की पूरी कहानी आइए जानते हैं.
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Ajnala Violence: खालिस्तान (Khalistan) समर्थक, वारिस पंजाब दे (Waris Punjab De) के चीफ और अजनाला कांड (Ajnala Incident) के मास्टरमाइंड अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) ने पुलिस के सामने पंजाब के मोगा (Moga) में सरेंडर कर दिया है. अमृतपाल सिंह 36 दिन से फरार था. पुलिस ने अमृतपाल सिंह को पकड़ने के लिए 18 मार्च को पहली बार एक्शन लिया था, लेकिन अमृतपाल सिंह चकमा देकर फरार हो गया था. अमृतपाल सिंह पर शांति भंग करने और हिंसा भड़काने जैसे कई गंभीर आरोप हैं. अजनाला कांड के पीछे भी अमृतपाल सिंह की साजिश थी. अजनाला कांड में अमृतपाल सिंह के समर्थकों के आगे पुलिस बेबस नजर आई थी. अमृतपाल सिंह के सपोर्टर जबरन थाने में घुस गए थे और तलवारें लहराई थीं. आइए विस्तार से जानते हैं कि अजनाला कांड क्या है और मास्टरमाइंड अमृतपाल सिंह ने इसे कैसे अंजाम दिया था.
क्या है अजनाला कांड?
बता दें कि खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के पकड़े जाने की पुष्टि पंजाब पुलिस ने एक ट्वीट के माध्यम से कर दी है. इसके साथ ही पंजाब पुलिस ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील भी की है. जान लें कि 30 साल के अमृतपाल सिंह के खिलाफ नफरत भरे भाषण देने के 2 सहित 3 केस लंबित हैं. अमृतपाल सिंह के नेतृत्व में 23 फरवरी को एक सशस्त्र भीड़ अजनाला पुलिस से भिड़ गई थी. उपद्रवियों ने अमृतसर के पास अजनाला पुलिस स्टेशन की घेराबंदी कर ली थी. वे अपने एक साथी को रिहा करने की मांग कर रहे थे, जिसको किडनैपिंग के एक केस में हिरासत में लिया गया था.
बेबस नजर आई थी पुलिस
गौरतलब है कि अजनाला कांड में पुलिस अमृतपाल सिंह के समर्थकों के सामने बेबस नजर आई थी. इस संघर्ष के दौरान 6 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. पुलिस अफसरों ने बाद में साफ किया था कि भीड़ को नियंत्रित करने में वे असमर्थ थे क्योंकि वे ढाल के तौर पर श्री गुरु ग्रंथ साहिब, जिसे पंजाबी में बीर भी कहा जाता है, की प्रति लिए थे.
अजनाला थाने पर किया कब्जा
जान लें कि खलिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह और उसके सपोर्टर पिस्तौल व तलवारें लहराते हुए अमृतसर के बाहरी इलाके में अजनाला पुलिस स्टेशन में घुस गए थे. उन्होंने अजनाला थाने पर एक तरह से कब्जा कर लिया था. इस दौरान, अमृतपाल सिंह के एक करीबी को छुड़ाने के लिए पुलिस से उनकी झड़प हो गई थी. इस हिंसा में एसपी भी घायल हो गए थे. जिसके बाद पुलिस ने अमृतपाल और उसके समर्थकों पर एक्शन लेना शुरू किया था और आज आखिरकार वो पकड़ा गया.
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