जानें क्या थी फांसी से पहले याकूब मेमन की आखिरी ख्वाहिश?
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जानें क्या थी फांसी से पहले याकूब मेमन की आखिरी ख्वाहिश?

1993 मुंबई सीरियल ब्लास्ट के दोषी याकूब मेमन को नागपुर जेल में गुरुवार सुबह फांसी दे दी गई । दरअसल यह एक संवैधानिक नियम है कि जिस व्यक्ति को फांसी की सूली पर चढ़ाया जाना होता है उससे उस दिन उसकी आखिरी इच्छा पूछी जाती है और पूरी की जाती है।

जानें क्या थी फांसी से पहले याकूब मेमन की आखिरी ख्वाहिश?

नई दिल्ली: 1993 मुंबई सीरियल ब्लास्ट के दोषी याकूब मेमन को नागपुर जेल में गुरुवार सुबह फांसी दे दी गई । दरअसल यह एक संवैधानिक नियम है कि जिस व्यक्ति को फांसी की सूली पर चढ़ाया जाना होता है उससे उस दिन उसकी आखिरी इच्छा पूछी जाती है और पूरी की जाती है।

इस नियम-कायदे के मुताबिक फांसी से पहले दोषी याकूब मेमन से भी उसकी आखिरी इच्छा पूछी गई और जेल अधिकारियों ने उसे पूरा भी कराया। याकूब के भाई ने उसकी आखिरी इच्छा का जिक्र करते हुए बताया कि फांसी से पहले याकूब मेमन ने 21 साल की अपनी बेटी से बात करने की इच्छा जताई थी। बेटी से बातचीत कर वह काफी खुश हुआ था। जेल प्रशासन ने याकूब की इस आखिरी इच्छा का सम्मान करते हुए फोन पर उसकी अपनी बेटी से बात करवाई थी। याकूब मेमन को उसके 53वें जन्मदिन के दिन फांसी दिया जाना तय किया गया। और उसके अगले दिन यानी 31 जुलाई को उसकी बेटी का भी जन्मदिन है।

गौर हो कि मुम्बई में 1993 के श्रृंखलाबद्ध बम धमाकों के सिलसिले में मौत की सजा पाने वाले एकमात्र दोषी याकूब मेमन को आज सुबह फांसी दे दी गई । इससे पहले गुरुवार तड़के उच्चतम न्यायालय से राहत प्राप्त करने के उसके प्रयास विफल रहे और शीर्ष अदालत ने उसकी याचिका खारिज कर दी। शीर्ष आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मेमन को नागपुर केंद्रीय कारागार में सुबह सात बजे से कुछ देर पहले फांसी दे दी गई।  याकूब मेमन को गुरुवार को नागपुर केंद्रीय कारागार में फांसी दी गई जिसका 53वां जन्मदिन था।

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