राष्ट्रपति के लिए चुने जाने पर प्रधानमंत्री मोदी ने जो बाइडेन को बधाई दी है. लेकिन एक बात ये समझना जरूरी है कि नए भारत में अमेरिका को दोस्ती भारत के शर्तों के मुताबिक ही करनी होगी.
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नई दिल्ली: अमेरिका (America) में जो बाइडेन (Joe Biden) के राष्ट्रपति (President) बनेंगे ये तय हो गया है. हालांकि अभी आधिकारिक ऐलान होना बाकी है. लेकिन बड़ा सवाल ये है कि बाइडेन और मोदी की दोस्ती नई कहानी लिखेगी? 2014 में प्रधानमंत्री मोदी (Narendra Modi) और उपराष्ट्रपति जो बाइडेन की मुलाकात हुई थी. अब राष्ट्रपति के लिए चुने जाने पर प्रधानमंत्री मोदी ने जो बाइडेन को बधाई दी है. लेकिन एक बात ये समझना जरूरी है कि नए भारत में अमेरिका को दोस्ती भारत के शर्तों के मुताबिक ही करनी होगी.
मोदी-बाइडेन लिखेंगे दोस्ती की नई कहानी!
ट्रंप और मोदी की दोस्ती पूरी दुनिया में मशहूर हुई. लेकिन अब सबकुछ बदलने वाला है. जो बाइडेन अमेरिका के नई राष्ट्रपति बनने वाले हैं. दुनिया के सबसे ताकतवर देश के राष्ट्रपति और बीते 6 साल में दक्षिण एशिया सहित पूरी दुनिया में पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत का कद काफी ज्यादा बढ़ा है. ऐसे में दोनों देशों के प्रमुखों के बीच दोस्ती कैसी रहती है ये दिखना बेहद दिचचस्प होगा.
दोस्ती की क्या बनेगी नई केमेस्ट्री?
यहां ये बात भी समझनी जरुरी है कि ये दोस्त सशर्त ही होगी. यानी भारत-अमेरिका से दोस्ती करने में अपने हितों को नहीं छोड़ेगा. भारत ने लगातार इस बात के संकेत दिए हैं. भारत और अमेरिका के बीच दोस्ती पाकिस्तान को लेकर जो बाइडेन का रुख क्या रहता है? ये बेहद अहम होगा. क्योंकि भारत लगातार ये साबित करता रहा है कि पाकिस्तान आतंकियों को पनाह देता है. इसीलिए भारत ने एयर स्ट्राइक भी किया और सर्जिकलर स्ट्राइक भी. वहीं चीन की विस्तारवादी नीतियों को लेकर और भारत-चीन विवाद पर जो बाइडेन को भारत के साथ नरम रुख रखना ही होगा. और भारत ने इस बात को लगतार साफ भी किया है.
आतंकवाद पर अमेरिकी सहयोग की जरूरत
आतंकवाद से जंग में अमेरिका को भारत का लगातार सहयोग करते रहना होगा. क्योंकि इससे पहले ट्रंप और मोदी दोनों लगातार ये मानते रहे हैं कि अच्छा या बुरा आतंकवाद जैसा कुछ नहीं होता है. आतंकवाद का खात्मा जरूर किया जाना चाहिए. बीते कुछ सालों में भारत ने काफी प्रमुखता के साथ आतंकवाद के खिलाफ पूरी दुनिया को एकजुट किया है.
मोदी-बाइडेन की दोस्ती क्या लिखेगी नई कहानी?
ट्रंप के समय भारत और अमेरिका के बीच कई अहम सैन्य करार और युद्धाभ्यास हुए. कई आर्थिक करार भी हुए. हालांकि कुछ मामलों में कारोबारी तल्खी भी रही. ऐसे में जो बाइडेन और मोदी की दोस्ती इस बात पर भी निर्भर करेगी की अमेरिका का रुख सैन्य करार और आर्थिक कारोबार को लेकर क्या रहता है. एक बात ये साफ समझने वाली है कि नए भारत अब समझौते भारत के अनुरुप होते हैं और ये बात खुद ट्रंप कह चुके हैं कि मोदी बेहद टफ नेगोशिएटर हैं. मतलब पीएम मोदी किसी भी कीमत पर झुकते नहीं है और जो चाहते हैं मनवा लेते हैं.
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