Whatsapp new privacy policy: व्हाट्सएप यूजर्स को इसके इस्तेमाल को लेकर अब घबराने की जरूरत नहीं हैं. आपको बता दें कि यूजर्स Whatsapp की 2021 की प्राइवेसी पॉलिसी (Whatsapp privacy policy) मानने को फिलहाल बाध्य नहीं है. इस पॉलिसी को बिना स्वीकार किए हुए भी लोग व्हाट्सएप (Whatsapp) का इस्तेमाल कर सकते हैं.
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Supreme Court on Whatsapp Policy: अगर आपने व्हाट्सएप की 2021 की प्राइवेसी पॉलिसी को अभी तक स्वीकार नहीं किया तो भी इस ऐप के इस्तेमाल में फिलहाल आपको कोई दिक्कत नहीं आने वाली है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने व्हाट्सएप से इस बात का व्यापक प्रचार करने को कहा है कि लोग उसकी 2021 की प्राइवेसी पॉलिसी (Whatsapp privacy policy) मानने को फिलहाल बाध्य नहीं है. इस पॉलिसी को बिना स्वीकार किए हुए भी लोग व्हाट्सएप (Whatsapp) का इस्तेमाल कर सकते हैं और जब तक डेटा प्रोटेक्शन बिल (Data Protecion Bill) नहीं आ जाता है, तब तक उनके लिए व्हाट्सएप के काम के तरीका नहीं बदलेगा.
व्हाट्सएप ने सरकार को दिया था आश्वासन दिया
आपको बता दें कि 22 मई 2021 को सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Ministry of Information Technology) को लिखे पत्र में व्हाट्सएप ने सरकार को ये आश्वासन दिया था. अब कोर्ट ने व्हाट्सएप को इस अंडरटेकिंग का व्यापक प्रचार करने को कहा है.
5 अखबारों में विज्ञापन दे व्हाट्सएप
जस्टिस के एम जोसेफ (Justice KM Joseph) की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने माना कि अगर व्हाट्सएप सरकार को दिए आश्वासन का व्यापक प्रचार करता है तो इससे उन उपभोक्ताओं को फायदा होगा जिन्होंने इस पॉलिसी को स्वीकार नहीं किया है. कोर्ट ने इसके लिए व्हाट्सएप को दो बार पांच समाचार पत्रों में विज्ञापन देने के लिए कहा है. सुनवाई के दौरान व्हाट्सएप की ओर से पेश वकील कपिल सिब्बल ने इस पर पूरे पेज का विज्ञापन प्रकाशित करने का आश्वासन दिया.
कोर्ट में दायर याचिकाओं में क्या कहा गया है
संविधान पीठ व्हाट्सएप की प्राइवेसी पॉलिसी (Whatsapp privacy policy) को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है. इस पॉलिसी के तहत उपभोक्ताओं का डेटा (कॉल, तस्वीरें, वीडियो, डॉक्यूमेंट) व्हाट्सएप फेसबुक के साथ साझा कर सकता है. याचिकाकर्ताओं का कहना है कि ये निजता और अभिव्यक्ति के आजादी के अधिकार का हनन है.
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