जब विरोध जताने के लिए बैलगाड़ी से संसद पहुंचे अटल बिहारी वाजपेयी
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जब विरोध जताने के लिए बैलगाड़ी से संसद पहुंचे अटल बिहारी वाजपेयी

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी के खिलाफ विरोध दिखाने के लिए बैलगाड़ी से संसद पहुंचे थे.

पेट्रोल की बढ़ती कीमतों पर तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को विपक्षी दलों के विरोध का सामना करना पड़ा था.

नई दिल्ली: देश के दिग्गज नेता और भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी  के राजनीति दौर को आज हर कोई याद कर रहा है. गुरुवार (16 अगस्त) को शाम 5 बजकर 5 मिनट पर उन्होंने आखिरी सांस ली. वो पिछले 9 हफ्ते से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती थे. बुधवार (15 अगस्त) की शाम से उनकी हालत नाजुक बनी हुई है. भारतीय राजनीति के गद्दवार नेता अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी कविताओं और लोकप्रिय भाषणों के लिए हमेशा याद किया जाता है, लेकिन उन्हें उनके विरोध के लिए भी जाना जाता है. 

पेट्रोल, डीज़ल के दामों में बढ़ोतरी के दाम को लेकर वर्तमान में बीजेपी सरकार कई महीनों से आलोचना झेल रही हो, लेकिन इसी मुद्दे पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 45 साल पहले ऐसा विरोध किया था, जिसे आजतक याद किया जाता है. 

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आज भारत की राजनीति उस स्तर पर पहुंच गई है, जहां सत्ता पक्ष और विपक्ष एक दूसरे पर इस कदर आरोप लगा रहा है कि भाषा और पद की गरिमा की बात करना तक बेमानी लगने लगा है. लेकिन देश में विरोध करने की राजनीति हमेशा से ऐसी नहीं थी. अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री बनने से कहीं पहले से एक आक्रामक लेकिन सुसंस्कृत विपक्ष की आवाज हुआ करते थे. उन्होंने विरोध जताने के लिए ना तो नारेबाजी की और ना ही कोई हंगामा. जी हां, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी के खिलाफ विरोध दिखाने के लिए बैलगाड़ी से संसद पहुंचे थे.

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न्यूयॉर्क टाइम्स में एक छपी खबर के मुताबिक, 1973 में 12 नंवबर को 6 सप्ताह के शीतकालीन सत्र की शुरुआत हुई थी और पेट्रोल की बढ़ती कीमतों पर तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को विपक्षी दलों के विरोध का सामना करना पड़ा था. इंदिरा गांधी के इस्तीफे की मांग की आवाजें पूरे सदन में गूंजी थी. जन संघ के नेता अटल बिहारी वाजपेयी और दो अन्य नेता अपना विरोध जताने के लिए बैलगाड़ी से संसद पहुंचे थे. 

आपको बता दें कि गुर्दा नली में संक्रमण, छाती में जकड़न, मूत्रनली में संक्रमण की शिकायत के बाद अटल बिहारी वाजपेयी को बीते 11 जून को एम्स में भर्ती कराया गया था. 93 वर्षीय वाजपेयी मधुमेह के शिकार थे और उनका एक ही गुर्दा काम करता था. इतना ही नहीं, कई विपक्षी दलों के नेता साइकिल से संसद भवन पहुंचे थे. इतना ही नहीं खुद इंदिरा गांधी बग्घी से यात्रा कर रही थी, ताकि देश को पेट्रोल बचाने का संदेश दे सकें.

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