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नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा कि अगर ओमिक्रॉन के बाद कोविड-19 का कोई बड़ा प्रकोप नहीं होगा, तो 2022 में महामारी का अंत हो सकता है. हालांकि इसका मतलब ये नहीं है कि कोरोना वायरस पूरी तरह से गायब हो जाएगा.
फिलहाल भविष्यवाणियां करना कठिन है, लेकिन WHO को उम्मीद है कि अगर कुछ और नहीं होता है तो महामारी 2022 में खत्म हो सकती है. महामारी के अंत का मतलब है कि कोई बड़ा प्रकोप नहीं होगा.
WHO ने कहा कि बड़ी संख्या में मामले आने का मतलब है कि वायरस म्यूटेशन करने में सक्षम है, इसलिए हम नहीं जानते कि कैसी स्थिति सामने आएगी. हालांकि, सतर्क रहते हुए उम्मीद की जानी चाहिए कि ओमिक्रॉन के दुनियाभर में फैलने के बाद इसके बड़े प्रकोप खत्म हो जाएंगे.
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वुजनोविक के अनुसार, डब्ल्यूएचओ भविष्यवाणी करने की कोशिश कर रहा है कि ये कब होगा? लेकिन ये मुश्किल है क्योंकि कई देश अब अपनी परीक्षण रणनीतियों में बदलाव ला रहे हैं. ओमिक्रॉन बहुत संक्रामक था और तेजी से फैल रहा था, जबकि कुछ देशों के पास बिना लक्षणों वाले मरीजों की बड़ी संख्या को देखते हुए सभी का टेस्ट करने के लिए पैसे नहीं थे.
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि जो तस्वीर हम देख रहे हैं, वह पूरी तरह से उस समय के मामलों की सही संख्या को नहीं दर्शाती है, जब महामारी फैल गई थी.
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कई देशों ने कोरोना के मामलों में गिरावट देखी है. मामलों में कमी के कारण प्रतिबंध भी हटा दिए गए हैं. स्वीडन, डेनमार्क और नॉर्वे ने सभी कोविड प्रतिबंध हटा दिए हैं. संभावना है कि ब्रिटेन और यूएस जल्द ही इसका अनुसरण करेंगे.
डब्ल्यूएचओ के डायरेक्टर ट्रेडोस अदनोम घेबियस ने हाल ही में कहा था कि किसी भी देश के लिए आत्मसमर्पण करना या जीत की घोषणा करना जल्दबाजी होगी.
(इनपुट- आईएएनएस)