दिल्ली दंगों के बाद पलायन को मजबूर हिंदू परिवार, DCP को सुनाया दर्द
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दिल्ली दंगों के बाद पलायन को मजबूर हिंदू परिवार, DCP को सुनाया दर्द

Delhi Riots: डीसीपी ने कहा कि समस्या के निदान के लिए नोडल ऑफिसर को नियुक्त कर दिया है. किसी भी समाज में भय नहीं होना चाहिए.

फाइल फोटो | साभार- पीटीआई.

नई दिल्ली: देश की राजधानी में हुए दंगों (Riots) को 2 साल होने को हैं. लेकिन फिर भी वो डर वो मंजर लोगों के जहन में आज भी है, जिसको लेकर तमाम हिन्दू परिवारों के लोग पलायन कर चुके हैं और कुछ पलायन करने की सोच रहे हैं. पलायन जैसी बड़ी परेशानी को दूर करने के लिए हिंदू समाज के लोगों ने दिल्ली के नॉर्थ-ईस्ट इलाके में ही पुलिस पब्लिक मीटिंग का आयोजन किया. जहां दंगों के पीड़ित, समाज के लोगों और डीसीपी नॉर्थ-ईस्ट संजय सेन (Sanjay Sen) को बुलाया गया.

  1. पूर्व नियोजित साजिश थी दिल्ली दंगा
  2. डीसीपी ने हिंदू परिवारों को दिया आश्वासन
  3. दिल्ली दंगों की कड़वी यादें आज भी हैं ताजा

क्या है हिंदू परिवार के लोगों की समस्या?

इस पुलिस पब्लिक मीटिंग में हिंदू परिवार के लोगों ने अपनी समस्या और पलायन करने की मजबूरी डीसीपी के सामने रखी. वहीं नॉर्थ-ईस्ट डिस्ट्रिक्ट के डीसीपी संजय सेन ने लोगों से कहा कि उनकी इस समस्या का निदान करने के लिए नोडल ऑफिसर को नियुक्त किया है. वहीं किसी भी समाज में भय का माहौल न रहे. हम दूसरे पक्ष के लोगों से भी बात कर रहे हैं. अब देखना ये होगा कि पुलिस पब्लिक मीटिंग के बाद इस समस्या का निदान कब तक होगा?

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दिल्ली दंगों में मार गए 53 लोग

बता दें कि फरवरी 2020 में हुए दिल्ली दंगों में 53 लोग मारे गए थे और 700 से अधिक घायल हुए थे. इसकी कड़वी यादें आज भी लोगों का पीछा नहीं छोड़ रही हैं.

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दिल्ली दंगों को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट कह चुका है कि दिल्ली में दंगे अचानक नहीं हुए, बल्कि ये देश में कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने के लिए एक 'पूर्व नियोजित' साजिश थी. तीन दिन चली हिंसा में 50 से अधिक लोग मारे गए.

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