पहाड़ छोड़ दिल्ली बन गई 'हिल स्टेशन', इस बार इतनी सर्दी क्यों पड़ रही भाई?
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पहाड़ छोड़ दिल्ली बन गई 'हिल स्टेशन', इस बार इतनी सर्दी क्यों पड़ रही भाई?

दिल्ली में शिमला और मसूरी जैसे हिल स्टेशनों से भी कम तापमान होने के पीछे मौसम वैज्ञानिक दो कारणों को अहम बता रहे हैं.

(फाइल फोटो)

नई दिल्ली: दिल्ली (Delhi) में इस बार ठंड (cold) ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. पिछले सौ सालों में दिल्ली का यह दूसरा सबसे ठंडा दिसंबर है. दिल्ली ने ठंड के मामले में शिमला मसूरी जैसे हिल स्टेशनों को पीछे छोड़ दिया है और नई हिल स्टेशन (Hill station) बन गई है.  अब सवाल उठता है कि आखिर ऐसा क्या बदलाव हुआ है जो दिल्ली-एनसीआर में प्रचंड ठंड पड़ रही है. 

मौसम वैज्ञानिक तापमान में गिरावट  के दो अहम कारण मान रहे हैं. दरअसल इस साल कोहरे की घनी चादर उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में छायी हुई है. यह कोहरा पाकिस्तान से बिहार तक फैला हुआ है. 

कोहरे की यह घनी चादर सूरज की रोशनी को धरती तक आने से रोक रही है जिसके चलते दिन के समय में भी कड़ाके की ठंड पड़ रही है. रविवार को कोहरे की चादर कुछ कम जिसकी वजह धूप की किरणें दिल्ली एनसीआर पर पड़ सकी. धूप निकलने की वजह से शनिवार के मुकाबले रविवार को तापमान में कुछ बढ़ोतरी दर्ज की गई. 

मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि कोहरे की चादर समुद्र तल से कुछ ही ऊंचाई तक छा सकती है वहीं समुद्र तल से 1600-1200 मीटर ऊपर स्थित हिल स्टेशनों पर कोहरे का छाया रहना मुश्किल है वहीं इस बार हिल स्टेशनों पर बारिश भी नहीं हो रही है. इसका मतलब यह है कि अगर सुबह हिल स्टेशनों पर कोहरा पड़ता भी है तो वह दिन चढ़ने के साथ छंट जाता है और सूरज की किरणें जमीन तक पहुंच जाती है. 

सर्दी बढ़ने का दूसरा बढ़ा कराण तेज ठंडी हवाओं का चलना है. हालांकि ऐसी संभावना है कि नए साल के आसपास तापमान में गिरावट हो सकती है. स्काईमेट वेदर के मौसम विज्ञानियों ने अपने अनुमान में अगले दो-तीन दिनों के दौरान राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के दिन और रात के तापमान में धीरे-धीरे वृद्धि होने की बात कही है. ठंडी हवाओं की जगह गर्म पूर्वी और दक्षिण-पश्चिमी हवाओं के चलने की संभावना है. इस प्रकार, दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, गाजियाबाद और फरीदाबाद में कुहरे की स्थिति में सुधार होगा.

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