सर्दियों में तो 10 रुपये किलो मिलता है टमाटर, फिर इस बार 100 के पार क्‍यों बिक रहा?
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सर्दियों में तो 10 रुपये किलो मिलता है टमाटर, फिर इस बार 100 के पार क्‍यों बिक रहा?

उत्तर प्रदेश के कई शहरों में भी बारिश से टमाटर की फसल बर्बाद हो गई. दिल्ली-एनसीआर से सटे शहरों में एक क्रेट टमाटर 1 हजार रुपये से लेकर 1,400 रुपये तक बिक रही है.

फोटो साभार: Reuters

नई दिल्ली: देशभर में टमाटर के दाम आसमान छू रहे हैं. समाचर एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक चेन्नई की कोयम्बेडु की थोक सब्जी मंडी में एक किलो टमाटर की कीमत 120 रुपये और शहर भर के खुदरा बाजारों में इसकी कीमत 150 रुपये/किलो पहुंच गई है. वहीं राजधानी दिल्ली सहित एनसीआर में भी 80 से 110 रुपये किलो तक टमाटर बिक रहा है. ऐसे में सवाल उठता है कि सर्दियों में हमेशा सस्ता रहने वाला टमाटर इस बार इतना महंगा क्यों है? 

  1. सर्दियों में भी टमाटर क्यों बिक रहा महंगा?
  2. चार गुने तक बढ़ चुके हैं टमाटर के दाम
  3. बारिश की मार से 'लाल' हुआ टमाटर?

टमाटर की कीमत बढ़ने की वजह?

टमाटर की बढ़ी हुई कीमतों की वजह है बारिश. कहा जा रहा है कि बारिश के कारण टमाटर की सप्लाई बाधित हुई है जिस वजह से इसकी कीमतें बढ़ रही हैं. दक्षिण भारत में मौसम की मार टमाटर की फसल पर ज्यादा पड़ी है. आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु के कृष्णागिरी जिले के कई हिस्सों में भारी बारिश (जहां बड़े क्षेत्रों में फसल की खेती की जाती है) के कारण पानी से भर गया है. आंध्र प्रदेश के कई हिस्सों में या तो पूरी फसल बर्बाद हो गई है या 80 फीसदी से ज्यादा फसल बर्बाद हो चुकी है. 

चार गुने तक हुए दाम

दरअसल अक्तूबर में बेमौसम बरसात ने टमाटर की फसल को खराब कर दिया था जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ. उत्तर प्रदेश के कई शहरों में भी बारिश से टमाटर की फसल बर्बाद हो गई. आमतौर पर सर्दियों में टमाटर 300 रुपए प्रति क्रेट बिकता है. एक क्रेट में 25 किलो टमाटर होते हैं. मौजूदा दौर में दिल्ली-एनसीआर से सटे शहरों में एक क्रेट टमाटर 1 हजार रुपये से लेकर 1,400 रुपये तक बिक रही है. बारिश के अलावा तेल की कीमतें भी खाद्य पदार्थों के दाम बढ़ने की वजह बताई जा रही है. महंगे तेल की वजह से सब्जियों के ट्रांसपोर्टेशन पर ज्यादा खर्च करना पड़ रहा है. हालांकि हाल ही में सरकार ने तेल की कीमतों में कटौती कर कुछ राहत देने की कोशिश जरूर की है. 

कई जगह पूरी फसल बर्बाद हुई

कोयम्बेडु के सब्जी और फल व्यापारी संघ के महासचिव एम. पलानीमाइकम ने बताया, 'टमाटर 20 रुपये प्रति किलो बिक रहा था और अचानक बारिश हुई और इससे कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के साथ-साथ तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में पूरी फसल बर्बाद हो गई. किसानों ने बताया कि उन्हें भारी नुकसान हुआ है और ज्यादातर हिस्सों में, पूरी फसल बर्बाद हो गई है जबकि कुछ हिस्सों में 80 प्रतिशत फसल बर्बाद हो चुकी है. इस कारण चेन्नई में टमाटर की कीमतें आसमान छू रही हैं.' हालांकि, प्याज और आलू के दाम नहीं बढ़े हैं और 60 रुपये किलो बिक रहे हैं.

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लोगों का बजट बिगड़ा

कोयम्बेडु बाजार के एक व्यापारी अब्दुल रहीम ने कहा, 'हमें बाजार में प्रति दिन 70 से 80 लोड टमाटर मिलते थे, लेकिन यह 30 प्रतिशत कम हो गया है. इससे कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है.' व्यापारियों ने बताया कि भारी बारिश और खेतों में जलभराव के कारण लगभग पूरी फसल बर्बाद हो जाने से किसान बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. कीमतों में उछाल ने लोगों के बजट में भी उछाल ला दिया है और कई लोग अपनी खरीदारी में कटौती करने लगे हैं. बारिश की और भविष्यवाणी के साथ, व्यापारियों को लगता है कि आपूर्ति की भारी कमी होगी और इससे दक्षिण भारत के थोक और खुदरा सब्जी बाजारों में चावल की कीमतों में भी उछाल आएगा.

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