Trending Photos
नई दिल्ली: रेलवे का सफर काफी किफायती और सुविधाजनक माना जाता है. यही वजह है कि करोड़ों लोग अपनी मंजिल तक जाने के लिए ट्रेन का सफर करते हैं. रेलवे स्टेशन के नामों को लेकर भी कई बार मुसाफिरों के मन में संदेह रहता है. आज हम सभी का एक बड़ा कन्फ्यूजन दूर करने जा रहे हैं कि आखिर स्टेशन के नाम के साथ जंक्शन, टर्मिनल या फिर सेंट्रल लगे होने से क्या फर्क पड़ता है.
शहर के नाम के हिसाब से स्टेशनों के नाम तय किए जाते हैं लेकिन उनके साथ टर्मिनल, सेंट्रल या फिर जंक्शन लगेगा यह रेलवे उस स्टेशन के हिसाब से तय करता है. चेन्नई सेंट्रल या कानपुर सेंट्रल तो आपने सुना ही होगा तो सबसे पहले यही बताते हैं कि आखिर इस सेंट्रल का मतलब क्या है.
किसी स्टेशन के नाम में अगर सेंट्रल लगा है तो उसका मतलब है कि वह शहर का व्यस्ततम और सबसे ज्यादा बड़ा स्टेशन है. साथ ही यह स्टेशन उस शहर का सबसे पुराना स्टेशन भी हो सकता है जहां से ज्यादा ट्रेनों का संचालन होता है. लेकिन यह भी जरूरी नहीं कि हर बड़े शहर में एक सेंट्रल स्टेशन होता ही है. दिल्ली में कई रेलवे स्टेशन हैं और सबसे बड़ा नई दिल्ली रेलवे स्टेशन है. लेकिन राजधानी के किसी भी स्टेशन के आगे सेंट्रल नहीं लगा हुआ है.
इसी तरह अगर जंक्शन की बात करें तो वह स्टेशन जहां कम से कम 3 रूट मिलते हों जंक्शन कहलाता है. ऐसे स्टेशनों पर आम तौर पर 2 ज्यादा ही ट्रेन लाइन होती हैं. उदाहरण के लिए मथुरा जंक्शन पर 7 ट्रेन लाइन हैं. बरेली जंक्शन, पुणे जंक्शन और अयोध्या जंक्शन ऐसे ही कुछ प्रमुख रेलवे स्टेशन हैं.
अगर किसी रेलवे स्टेशन के नाम के साथ टर्मिनल लगा हो तो इसका मतलब है कि उस स्टेशन के बाद ट्रेन आगे नहीं जाएगी बल्कि जिस दिशा से आई है वापस उसी दिशा में लौटेगी. मतलब साफ है कि टर्मिनल स्टेशन पर आकर ट्रेन की यात्रा समाप्त हो जाती है और फिर वह उसी रूट पर वापसी करती है जहां से उसने शुरुआत की थी.
ये भी पढ़ें: दिल्ली में सामने आए कोरोना के 5 हजार से ज्यादा नए केस; 24 घंटे में 3 मौत
टर्मिनल स्टेशन पर कोई भी ट्रेन सिर्फ एक ही दिशा से एंट्री कर सकती है और यहां कोई ट्रेन एक-दूसरे को क्रॉस नहीं करती क्योंकि सभी ट्रेन का रूट यहां आकर खत्म हो जाता है और फिर उसी रूट पर उनकी वापसी होती है.
LIVE TV