DNA Analysis: देश में क्यों बढ़ रही हैं हार्ट अटैक की घटनाएं, टेंशन बढ़ाने वाले हैं आंकड़े
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DNA Analysis: देश में क्यों बढ़ रही हैं हार्ट अटैक की घटनाएं, टेंशन बढ़ाने वाले हैं आंकड़े

DNA Analysis: दिल के अचानक काम बंद करने से शरीर में दिमाग, फेफड़ों और अन्य अंगों तक ब्लड नहीं पहुंच पाता है.ऐसे में मरीज धीरे -धीरे बेहोश हो जाता है और उसकी पल्स भी बंद हो जाती है.

DNA Analysis: देश में क्यों बढ़ रही हैं हार्ट अटैक की घटनाएं, टेंशन बढ़ाने वाले हैं आंकड़े

Heart Attack Cases: हाल फिलहाल में ऐसी की खबरें आई हैं जब सेलिब्रिटीज को हार्ट अटैक आया. टीवी एक्टर सिद्धार्थ शुक्ला 40 वर्ष के थे, हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई. कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव के दिल ने धोखा दिया तो वो अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं. सेलिब्रिटीज ही नहीं, आम लोगों में भी हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता जा रहा है. जिस बीमारी को अबतक सिर्फ बुढ़ापे की बीमारी कहा जाता था वो अब युवाओं को भी अपना शिकार बना रही है. जो लोग फिट दिखते हैं, उनका दिल भी अब अनफिट हो रहा है.अमीर हो या गरीब, युवा हो या बुजुर्ग, बीमार हो या स्वस्थ किसी को भी दिल की बीमारी लग रही है.   

अचानक डांस करते-करते हार्ट अटैक हो रहा है. कुर्सी पर बैठे-बैठे हार्ट अटैक हो रहा. जिम करते समय हार्ट अटैक से जान चली जा रही है. पार्टी चल रही हो या शांत बैठे हो, जिम कर रहे हो या एंकरिंग.  दिल साथ छोड़ रहा है. जिंदगी से बेवफाई करने पर उतारू हो रहा है. बीते कुछ दिनों में हार्ट अटैक से जुड़े जो घटनाएं हुई है वो चिंता बढ़ाने वाले भी है और डराने वाली भी है. 

पिछले कुछ वक्त में देश की कई जानी मानी हस्तियों को हार्ट अटैक की वजह से जान गंवानी पड़ी है. पिछले महीने सबको हंसाने वाले मशहूर कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव वर्कआउट करते हुए बेहोश हो गए. अब दिल्ली के एम्स में भर्ती हैं. उन्हें हार्ट अटैक आया था. पिछले वर्ष सितंबर में अभिनेता और बिग बॉस 13 के विनर सिद्धार्थ शुक्ला की हार्ट अटैक से मौत हो गई है. पिछले साल अक्टूबर में दक्षिण के बड़े सुपरस्टार पुनीत राजकुमार की हार्ट अटैक से मौत हो गई. पुनीत राजकुमार की उम्र 46 साल थी जबकि सिद्धार्थ शुक्ला केवल 40 साल के थे. दोनों अपने फिटनेस का पूरा ख्याल रखते थे लेकिन खुद को हार्ट अटैक से नहीं बचाए पाए.

समझें हार्ट अटैक की गंभीरता

अभी तक आपने हार्ट अटैक से जुड़ी दो तरह की तस्वीरें देखी. एक ऐसी तस्वीर थी जिसमें बेहद सामान्य लोग थे जिनकी हार्ट अटैक से मौत हो गई.दूसरी तस्वीर में हाईप्रोफाइल लोग थे लेकिन उनकी मौत की वजह भी हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट था. आज हमारी जिंदगी सोशल है इसलिए हार्ट अटैक के वीडियो हमें सोशल मीडिया पर देखने को मिल जाते हैं और कुछ समय के लिए हम जरुर अपने स्वास्थ्य को लेकर चितिंत होते हैं. लेकिन फिर सबकुछ भूल जाते हैं और यही हमारी सबसे बड़ी गलती है. आज आपको वो आंकड़े देखने चाहिए जिससे आपको हार्ट अटैक की गंभीरता समझ में आएगी.

NCRB के मुताबिक बीते 5 वर्षों में देश में हार्ट अटैक से मौत की घटनाएं करीब 53 प्रतिशत बढ़ी है. 2014 में हार्ट अटैक से 18 हजार 309 लोगों की मौत हुई. जबकि 2019 में हार्ट अटैक से 28 हजार 5 लोगों ने जान गंवा दी. अब आपको बीते 6 वर्षों में हार्ट अटैक से मौत के आंकड़े बताते हैं. इससे आप समझेंगे हालात कितने खतरनाक हो चुके हैं और अब आपको संभलने की जरुरत है.

जैसा कि हमने आपको बताया 2014 में हार्ट अटैक से 18 हजार 309 लोगों की मौत हुई. 2015 में 18 हजार 820 लोगों की मौत हो गई. 2016 में 21 हजार 914 लोगों को हार्ट अटैक से जान गंवानी पड़ी. 2017 में 23 हजार 246 लोगों की मौत की वजह हार्ट अटैक बनी. 2018 में हार्ट अटैक से मौत का आंकड़ा बढ़कर 25 हजार 764 हो गया.  2019 में 28 हजार 5 लोगों ने हार्ट अटैक से जान गंवा दी.

तो ये बेचारा दिल हमारा साथ क्यों छोड़ रहा है. क्यों देश में हार्ट अटैक की इतनी घटनाएं हो रही है. सबसे पहले आपको सुनाते हैं कि डॉक्टर इसपर क्या कहते हैं.

हार्ट अटैक को लेकर जो अभी तक की सोच थी वो बीते कुछ वर्षों में बदल गई है. पहले ये माना जाता था कि केवल उम्रदराज लोगों को ही हार्ट अटैक होता लेकिन अब ये बदल चुका है. हार्टअटैक से जुड़े जो आंकड़े हैं वो उम्र के लिहाज से ज्यादा चिंताजनक है. 

किस उम्र के कितने लोगों की हार्ट अटैक से मौत हुई है इसको लेकर NCRB की ओर से 2016 से लेकर 2019 तक के आंकड़े जारी किए गए हैं. 2016 में 1940 लोगों की जिसकी उम्र 18 वर्ष से लेकर 30 वर्ष के बीच थी, हार्ट अटैक से मौत हो गई. 2019 में 2381 लोगों की हार्ट अटैक से मौत हो गई जिसकी उम्र 18 वर्ष से लेकर 30 वर्ष के बीच थी.

इसी तरह 2016 में 6646 लोगों की जिसकी उम्र 30 वर्ष से लेकर 45 वर्ष के बीच थी. हार्ट अटैक से मौत हो गई. 2019 में 7752 लोगों की हार्ट अटैक से मौत हो गई जिसकी उम्र 30 वर्ष से लेकर 45 वर्ष के बीच थी.

इसी तरह 2016 में 8862 लोगों की हार्ट अटैक से मौत हो गई जिसकी उम्र 45 वर्ष से लेकर 60 वर्ष के बीच थी.2019 में 11 हजार 42 लोगों की हार्ट अटैक से मौत हो गई जिसकी उम्र 45 वर्ष से लेकर 60 वर्ष के बीच थी. अब आपको हार्ट अटैक से जुड़े एक सबसे बड़े कंफ्यूजन के बारे में बताते हैं. इस कंफ्यूजन को दूर करके आप हार्ट अटैक के दौरान लोगों की जान बचा सकते हैं. अक्सर लोग हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के अंतर को नहीं समझते हैं. सामान्य तौर पर ये तकनीकी शब्द है जिसे हम आज आपको बेहद आसान भाषा में बताएंगे.

हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट दोनों दिल से ही जुड़ा मामला है. लेकिन डॉक्टरों के मुताबिक, हार्ट अटैक की तुलना में कार्डियक अरेस्ट ज्यादा खतरनाक होता है. कार्डियक अरेस्ट होने पर अगर तुरंत अस्पताल नहीं जाते, तो कुछ ही मिनटों में मौत होने की आशंका रहती है.जबकि हार्ट अटैक में 30-45 मिनट तक जान बचाने की संभावना बनी रहती है.

डॉक्टरों के मुताबिक कार्डियक अरेस्ट होने से पहले सीने में दर्द होता है.सांस लेने में परेशानी होती है और चक्कर आते हैं.दिल के अचानक काम बंद करने से शरीर में दिमाग, फेफड़ों और अन्य अंगों तक ब्लड नहीं पहुंच पाता है.ऐसे में मरीज धीरे -धीरे बेहोश हो जाता है और उसकी पल्स भी बंद हो जाती है. कार्डियक अरेस्ट में मौत होने की आशंका हार्ट अटैक की तुलना में काफी ज्यादा होती है.

डॉक्टरों का कहना है हार्ट अटैक में कार्डियक अरेस्ट के मुकाबले जान बचने की संभावना ज्यादा होती है. इसके लक्षण भी कुछ दिन या घंटों पहले दिखने भी लगते हैं. हार्ट अटैक में अचानक दिल काम करना बंद नहीं करता है, केवल ब्लॉकेज की वजह से हार्ट को काम करने में परेशानी आती है. इससे बिना वजह पसीना आना.सीने में दर्द होना...बेचैनी महसूस होना...सांस लेने में दिक्कत होना जैसे समस्याएं होती है. ऐसे में बिना देरी किए डॉक्टर से मिलना चाहिए.

डॉक्टरों  के मुताबिक, अगर आपके आसपास कोई व्यक्ति अचानक से बेहोश होकर गिर गया है और उसकी पल्स भी गिर रही है, तो इसका मतलब है कि उसको कार्डियक अरेस्ट आया है. इस स्थिति में तुरंत सीपीआर देकर मरीज की जान बचाई जा सकती है. शुरुआत में सीपीआर देने के बाद मरीज को अस्पताल ले जा सकते हैं.सीपीआर में अपने दोनों हाथों को मरीज की छाती के बीच में रखकर 100 से 120 बार प्रति मिनट की दर से जोर से छाती पर धक्का दिया जाता है. हर धक्के के बाद छाती को फिर से अपनी सामान्य स्थिति में आने दिया जाता है. जब तक मेंडिकल सहायता नहीं मिलती है तबतक ये किया जाता है.

एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हार्ट अटैक से मरने वाले 10 लोगों में से 4 की उम्र 45 साल से कम हैं जबकि 10 वर्षों में हार्ट अटैक से मरने वाले लोगों की संख्या 75 प्रतिशत तक बढ़ी है और ये एक बेहद चिंता का विषय है.
तो सबसे बड़ा सवाल यही है कि ऐसा क्या हो गया है जिससे देश में हार्ट अटैक की संख्या तेजी से बढ़ रही है.

बीते कुछ वर्षों में हमारे लाइफस्टाइल में काफी बदलाव आ गया है. आजकल युवाओं में अल्कोहल और धूम्रपान का इस्तेमाल काफी ज्यादा होने लगा है. इसे स्टेटस सिंबल के तौर पर देखा जाने लगा है. इसका नतीजा ये होता है कि दिल और फेफड़े से जुड़ी बीमारियां बढ़ती है. एक रिपोर्ट के मुताबिक जो युवक दिनभर में 10 सिगरेट पीते हैं उनके हार्ट अटैक की संभावना 50 प्रतिशत तक बढ़ जाती है.

आजकल लोग खानपान को लेकर भी बेहद लापरवाह हो गए है. जंक फूड अब सबका फेवरेट डिश बन चुका है .लेकिन ये जंक फूड तले-भुने होते हैं और हमारे लिए जानलेवा है. इससे शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है और इसका सीधा असर दिल पर होता है.

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