फ्रांस की तर्ज पर भारत में भी कट्टरता के खिलाफ आएगा बिल? जानें कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने क्या कहा
Advertisement
trendingNow1850130

फ्रांस की तर्ज पर भारत में भी कट्टरता के खिलाफ आएगा बिल? जानें कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने क्या कहा

ये बिल फ्रांस की धर्मनिरपेक्ष परंपराओं को कमजोर करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की इजाजत देता है. इस बिल के समर्थन में 347 वोट पड़े जबकि 151 सांसदों ने इसका विरोध किया. 

फाइल फोटो.

नई दिल्ली: इस्लामिक कट्‌टरवाद (Islamist Extremism) के खिलाफ बड़ा कदम उठाते हुए फ्रांस (France) की संसद ने कट्टर और अलगाववादी विरोधी बिल को मंजूरी दे दी है. बिल में मस्जिद-मदरसों पर निगरानी का प्रावधान किया गया है. अब बड़ा सवाल ये है कि क्या भारत में भी कट्टरता के खिलाफ ऐसा बिल आएगा? ZEE NEWS के इस सवाल पर केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) ने कहा है कि वो फ्रांस के बिल का अध्ययन करके इस सवाल का जवाब देंगे. 

  1. फ्रांस में कट्टरता पर बिल क्यों?
  2. फ्रांस की पहचान और मूल्यों को बचाने की कोशिश
  3. इस्लामिक अतिवाद से फ्रांस को बचाने की कोशिश

बता दें कि फ्रांस (France) की संसद से मंजूर इस बिल में मस्जिदों और मदरसों पर सरकारी निगरानी बढ़ाने और बहु विवाह (polygamy) और जबरन विवाह (forced marriage) पर सख्ती का प्रावधान है. बिल फ्रांस की धर्मनिरपेक्ष परंपराओं को कमजोर करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की इजाजत देता है. इस बिल के समर्थन में 347 वोट पड़े जबकि 151 सांसदों ने इसका विरोध किया. 

फ्रांस के कट्टरता विरोधी बिल में क्या?

- धर्मनिरपेक्ष ढांचे को बिगाड़ने वालों पर कार्रवाई
- मस्जिदों की फंडिंग, इमामों की ट्रेनिंग पर नजर
- कट्टरवाद बढ़ाने वाली मजहबी शिक्षा पर नियंत्रण
- मस्जिदें सिर्फ धार्मिक स्थल होंगी, वहां पढ़ाई नहीं
- पढ़ाई के लिए मुस्लिम बच्चे सिर्फ स्कूल ही जाएंगे
- इंटरनेट पर नफरत फैलाने के खिलाफ कड़े नियम
- धार्मिक आधार पर डराने पर सजा का भी प्रावधान
- एक से ज्यादा शादी और जबर्दस्ती शादी पर रोक
- महिलाओं के लिए वर्जिनिटी सर्टिफिकेट पर रोक
- कट्टर धार्मिक संगठनों की नियंत्रण के कड़े नियम

ये भी पढ़ें- Toolkit Case EXCLUSIVE: साजिश को लीड कर रही थी निकिता, ऐसे साथ आई ग्रेटा थनबर्ग 

VIDEO

अब Senate में होगा पेश

पिछले साल हुई शिक्षक सैम्युएल पैटी की हत्या के बाद से फ्रांस में इस्लामिक कट्‌टरवाद के खिलाफ कड़े कानून बनाने की मांग हो रही है. राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (Emmanuel Macron) ने कई मौकों पर कहा था कि वह जल्द ही इस दिशा में कदम उठाएंगे. माना जा रहा है कि संसद के निचले सदन द्वारा पारित बिल को लेकर आने वाले दिनों में देश में बवाल बढ़ सकता है. क्योंकि यह सीधे तौर पर मुस्लिम समुदाय को प्रभावित करेगा. अब इस बिल को उच्च सदन यानी सीनेट में पेश किया जाएगा. 

Macron ने बताया जरूरी

राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा है कि जेंडर इक्वेलिटी और सेक्युलरिज्म जैसे फ्रांसीसी मूल्यों की रक्षा किया जाना आवश्यक है, इसलिए ऐसे कानून देश हित में हैं. वहीं फ्रांस में रहने वाले मुस्लिमों का कहना है कि यह कानून ना केवल उनकी धार्मिक स्वतंत्रता को सीमित करेगा, बल्कि उन्हें इसके जरिए निशाना बनाया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि चूंकि फ्रांस के पास पहले से आतंकवादी हिंसा से लड़ने के लिए पर्याप्त कानून है, इसलिए नया बिल लाने की कोई जरूरत नहीं है.

ये भी पढ़ें- इस राज्य में गिर सकती है कांग्रेस सरकार, राजनीतिक संकट के बीच पहुंचे राहुल गांधी

इलेक्शन पर निशाना?

जानकारों का कहना है कि इमैनुएल मैक्रों की नजरें फ्रांस में अगले साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव पर हैं और उसी को ध्यान में रखते हुए यह बिल लाया गया है. इस बिल के जरिए रूढ़िवादी और दक्षिणपंथी मतदाताओं को रिझाने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सीनेट से भी इस बिल के पास होने की उम्मीद है. गौरतलब है कि पिछले साल अक्टूबर में स्टूडेंट्स को पैगंबर मोहम्मद का कार्टून दिखाने पर एक हमलावर ने टीचर सैम्युएल पैटी का सिर काट दिया था. घटना राजधानी पेरिस से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर कॉनफ्लैंस सेंट-होनोरिन के एक मिडिल स्कूल के बाहर हुई थी. 

LIVE TV

ये भी देखे

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news