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लखनऊ: चुनाव आयोग (EC) विधान सभा चुनाव (Assembly Election) की तारीखों का ऐलान कर चुका है. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में 7 चरणों में 10 फरवरी, 14 फरवरी, 20 फरवरी, 23 फरवरी, 27 फरवरी, 3 मार्च और 7 मार्च को वोटिंग होगी. 10 मार्च को नतीजे घोषित होंगे और पता चल जाएगा कि यूपी में अगली सरकार किसकी बनेगी और कौन मुख्यमंत्री (CM) बनेगा? पिछले 37 साल में यूपी (UP) में कोई भी सीएम रिपीट नहीं हुआ है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के सामने चुनौती है कि वो बीते 37 साल के इतिहास को बदल दें.
बता दें कि 37 साल पहले कांग्रेस के नारायण दत्त तिवारी (ND Tiwari) लगातार दो बार यूपी के सीएम बने थे. नारायण दत्त तिवारी 3 अगस्त 1984 से 10 मार्च 1985 तक और 11 मार्च 1985 से 24 सितंबर 1985 तक दो बार लगातार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे थे. तब से लेकर आज तक दोबारा ऐसा नहीं हो पाया है कि कोई दो बार लगातार यूपी का सीएम बना हो.
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जान लें कि बीते दो लोक सभा चुनाव 2014, 2019 और एक विधान सभा 2017 में भारतीय जनता पार्टी का प्रदर्शन बेहतरीन रहा है. जहां लोक सभा चुनाव 2014 में बीजेपी गठबंधन ने 80 में 73 सीटें तो लोक सभा चुनाव 2019 में बीजेपी गठबंधन ने 80 में से 64 सीटों पर जीत हासिल की थी. वहीं साल 2017 के विधान सभा चुनाव में 403 में से 325 सीटों पर जीत हासिल करके बीजेपी ने रिकॉर्ड बना दिया था.
ध्यान देने वाली बात है कि पिछले तीन विधान सभा चुनाव में यूपी में जिस भी पार्टी की सरकार बनी पूर्ण बहुमत के साथ बनी. जहां 2007 के विधान सभा चुनाव में मायावती की पार्टी बीएसपी को बहुमत मिला था तो वहीं विधान सभा चुनाव 2012 में समाजवादी पार्टी को बहुमत मिला था. इसके बाद साल 2017 के विधान सभा चुनाव में बीजेपी को प्रचंड जीत मिली.
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गौरतलब है कि साल 2017 में 14 साल बाद यूपी में बीजेपी की सरकार बनी थी. इससे पहले 2003 में बीएसपी और बीजेपी की गठबंधन की सरकार थी. माना जा रहा है कि अगर बीजेपी विधान सभा चुनाव 2022 में बहुमत पाकर फिर से यूपी में सरकार बना लेती और सीएम योगी दोबारा मुख्यमंत्री बनते हैं तो उनका कद पार्टी में काफी बढ़ जाएगा.
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