World Cancer Day 2020: चाय पीने से कम होता है कैंसर का खतरा
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World Cancer Day 2020: चाय पीने से कम होता है कैंसर का खतरा

एक अनुमान के अनुसार वर्ष 2025 तक, कैंसर के कारण समय से पहले होने वाली मौतों का आंकड़ा बढ़कर प्रति वर्ष 60 लाख पहुंच सकता है. 

प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली: कैंसर (Cancer) के खिलाफ लड़ाई लड़ने में एकजुट करने के लिए हर साल 4 फरवरी को वर्ल्ड कैंसर डे (World Cancer Day) मनाया जाता है. इसका मूल उद्देश्य कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाना है. 1933 में अंतर्राष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण संघ ने स्विट्जरलैंड में जिनेवा में पहली बार विश्व कैंसर दिवस मनाया था.

दुनिया में कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जिसमें सबसे ज्यादा लोगों की मौत होती है. यह शरीर की कोशिकाओं में तेजी से फैलने वाला रोग है. आंकड़ों की मानें तो दुनिया भर में हर साल 76 लाख लोग कैंसर से दम तोड़ देते हैं. कैंसर से मरने वालों में 40 लाख से ज्यादा लोग 30-69 वर्ष आयु वर्ग के होते हैं. एक अनुमान के अनुसार वर्ष 2025 तक, कैंसर के कारण समय से पहले होने वाली मौतों का आंकड़ा बढ़कर प्रति वर्ष 60 लाख पहुंच सकता है. 

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चाय पीने से कम होता है कैंसर का खतरा 
अमेरिका के एक विश्वविद्यालय में किए गए शोध के अनुसार चाय खासकर ब्लैक और ग्रीन टी पीने से कैंसर का खतरा कम हो जाता है क्योंकि इनमें ‘एंटी-ऑक्सीडेंट’ तत्व मौजूद होते हैं. विस्कोनसिन विश्वविद्यालय से जुड़े शोधकर्ता हसन मुख्तार ने कहा था कि दुनिया भर में चाय एक लोकप्रिय पेय है और इसमें स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद तत्व होने का पता लगा गया था. 

हसन मुख्तार के मुताबिक चाय पीना न सिर्फ कैंसर बल्कि मधुमेह और हृदय रोगों में भी उपयोगी होता है. मुख्तार ने कहा कि विभिन्न अध्ययनों से संकेत मिलता है कि जो लोग नियमित रूप से चाय पीते हैं, उनमें कई प्रकार के कैंसर का खतरा कम हो जाता है. उन्होंने कहा कि इसकी वजह चाय में ‘एंटी-आक्सीडेंट’ तत्व की मौजूदगी है जो मानव शरीर में कैंसर पैदा करने वाली कोशिकाओं को रोकता है.

ये हैं केंसर के प्रमुख कारण
- सर्वे से यह पता चला है कि कसरत करने से कैंसर से बचा जा सकता है जिसमें ब्रेस्ट कैंसर प्रमुख है.
- ज्यादा वजन से कैंसर होने का खतरा बना रहता है. ज्यादा वजन होने से प्रोस्टेट, पैंक्रियाज, यूट्रेस, ओवरी कैंसर का खतरा रहता है. बदलती लाइफस्टाइल के चलते महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा बढ़ गया है.
- धूम्रपान करने से मुंह के कैंसर का खतरा बना रहता है.
- धूप की तीखी किरणों से बचें क्योंकि सूरज की अल्ट्रा-वॉयलेट (UV) किरणों से त्वचा कैंसर का खतरा बढ़ जाता है.
- त्वचा में किसी भी तरह के बदलाव होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. यह कैंसर का भी लक्षण हो सकता है.

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