ZEE जानकारी: मुंबई में पानीपुरी बेचने वाला बच्चा आज बना क्रिकेट की दुनिया का स्टार
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ZEE जानकारी: मुंबई में पानीपुरी बेचने वाला बच्चा आज बना क्रिकेट की दुनिया का स्टार

10 साल का यशस्वी अपने माता-पिता से दूर मुंबई में अकेले रहने लगा, क्योंकि उसे क्रिकेटर बनना था.

ZEE जानकारी: मुंबई में पानीपुरी बेचने वाला बच्चा आज बना क्रिकेट की दुनिया का स्टार

हमारे देश के कुछ युवा अपनी ताकत विरोध प्रदर्शनों में लगा रहे हैं जबकि कुछ युवा अपनी शक्ति का इस्तेमाल करके देश का मान बढ़ा रहे हैं. आज की अगली रिपोर्ट आपके और आपके घर के बच्चों के लिए प्रेरक और उत्साह बढ़ाने वाली रिपोर्ट है. इसलिए हम आपसे आग्रह करेंगे कि अगर परिवार के सभी लोग इस वक्त DNA नहीं देख रहे हैं, तो सबको बुला लें और इसे सपरिवार देखें. ये कहानी साबित करती है कि कामयाब होने के लिए किसी खास परिवार का होना ज़रूरी नहीं है, आपके नाम के साथ कोई खास title जुड़ा होना ज़रूरी नहीं है.

ये कहानी है 18 साल के यशस्वी जायसवाल की . कल तक मुंबई में पानीपुरी बेचने वाला ये बच्चा आज क्रिकेट की दुनिया में भारत का हीरो कहा जा रहा है. साउथ अफ्रीका में हुए अंडर-19 वर्ल्ड कप क्रिकेट में यशस्वी Player of the Tournament रहे हैं. फाइनल मैच में बांग्लादेश ने भारत को हरा दिया, लेकिन यशस्वी पूरे Tournament के नायक साबित हुए. उन्होंने पूरे टूर्नामेंट के दौरान सबसे ज्यादा 400 रन बनाए. सेमीफाइनल में, पाकिस्तान के खिलाफ भारत की विजय के Hero यशस्वी ही थे. उस मैच में उन्होंने छक्का मारकर अपना शतक पूरा किया और टीम को जिता दिया था.

लेकिन, यशस्वी की इस कहानी में सबसे ध्यान देने की बात ये है कि इस खिलाड़ी ने अपना सफर कहां से शुरू किया. 18 साल का ये लड़का आज से 8 साल पहले अपने पिता के साथ मुंबई गया था. बच्चे को क्रिकेट खेलने की धुन सवार थी. पिता मुंबई गए, लेकिन वहां के हालात देखकर घबरा गए. क्रिकेटर बनने का शौक बहुत महंगा था. कोचिंग की फीस तो दूर की बात थी, रहने और खाने के पैसे का इंतज़ाम करना भी मुश्किल था. लेकिन यशस्वी के पिता ने अपने 10 साल के बच्चे को एक रिश्तेदार के घर रखा. और वापस उत्तर प्रदेश के भदोही यानी अपने घर लौट गए. इसके बाद यशस्वी मुंबई के आज़ाद मैदान में जाकर क्रिकेट खेलने लगा. वहां एक टूर्नामेंट के दौरान उसने कई बच्चों के बीच अपनी अलग पहचान बना ली. यशस्वी का बढ़िया खेल देख कर एक क्लब के मैनेजर उससे प्रभावित हुए और मुंबई के आज़ाद मैदान में वहां के ग्राउंड की देखभाल करने वालों के साथ यशस्वी के रहने का इंतज़ाम हो गया.

ज़रा सोचिए एक 10 साल के बच्चे की क्या समझ होती है? आप अपने घर में भी 10 साल के बच्चे से क्या उम्मीद करते होंगे ? लेकिन, 10 साल का यशस्वी अपने माता-पिता से दूर मुंबई में अकेले रहने लगा, क्योंकि उसे क्रिकेटर बनना था. इस बच्चे को अपने खाने की व्यवस्था भी खुद करनी थी, अपने रहने का इंतज़ाम भी देखना था और अपना लक्ष्य भी नहीं भूलना था. टेंट में तकलीफ होती थी. गर्मी, सर्दी, बरसात, मच्छर, भूख सबका सामना करना होता था. लेकिन यशस्वी ने इस डर से अपने घरवालों को परेशानियों के बारे में नहीं बताया कि...कहीं वो घबराकर उसे वापस ना बुला लें. यशस्वी ने खर्च निकालने के लिए आज़ाद मैदान में ही पानी-पुरी बेचना शुरू किया. और पानीपुरी बेचने वाला ये बच्चा धीरे-धीरे क्रिकेट में आगे बढ़ने लगा.

ये तमाम ट्रॉफी और मेडल एक खिलाड़ी की मेहनत और लगन के गवाह हैं . यशस्वी ने विजय हज़ारे ट्रॉफी में डबल सेंचुरी बनाई थी, जो कि इतनी कम उम्र में कोई क्रिकेटर नहीं कर सका . संघर्ष से सफलता की मंजिल तय करने वाले इस लड़के के पास सचिन तेंदुलकर के सिगनेचर वाला एक बल्ला भी है, जो उसके लिए अनमोल है . लेकिन, पानीपुरी बेचने वाले इस लड़के के हौसलों की असली उड़ान अभी बाकी है .

आपने यशस्वी की बात सुनी, उसके दोस्तों, उसके घरवालों की बात भी सुनी. इन सारी बातों से हमने कुछ खास बातें निकाली हैं, जो आज आपको नोट कर लेनी चाहिए.

यशस्वी तकलीफ सहता रहा लेकिन उसने इसके बारे में किसी को बताया नहीं, क्योंकि उसे पता था मंज़िल तक पहुंचना है तो परेशानियों को बर्दाश्त करना होगा.

यशस्वी को adjustment आता था, यानी वो अभाव के बीच भी किसी तरह गुज़ारा करना जानता था और इसके लिए उसने किसी भी काम को छोटा नहीं समझा.

यशस्वी के साथ रहने वाले दोस्त ने उसके बारे में बताया कि यशस्वी कभी Negative बातें नहीं करता था, वो हमेशा अपने सपनों का पीछा करता था.

और अंतिम बात आज भी यशस्वी खुद को स्टार नहीं मानता, वो पानीपुरी बेचने वाले अपने दोस्तों से, अपने साथ रह चुके पुराने दोस्तों से समय निकालकर मिलता है. यानी इस उभरते सितारे ने सफलता को दिमाग पर चढ़ने नहीं दिया है.

सौ बात की एक बात ये है कि अगर आप मेहनत से नहीं घबराते, किसी काम को छोटा नहीं मानते हैं और विनम्रता बनाए रखते हैं तो ज़िंदगी की पिच पर एक शानदार पारी आपका इंतज़ार कर रही है.

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