सरकार ने स्टूडेंट्स को बांटे थे 60 हजार टैबलेट्स-स्मार्टफोन, जानें उनका क्या हुआ
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सरकार ने स्टूडेंट्स को बांटे थे 60 हजार टैबलेट्स-स्मार्टफोन, जानें उनका क्या हुआ

उत्तरप्रदेश में चुनाव से पहले योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार ने 25 दिसंबर को 60 हजार स्टूडेंट्स को टैबलेट्स और स्मार्टफोन बांटे थे. अब उन पर सामने आई जानकारियों ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है.

सरकार ने स्टूडेंट्स को बांटे थे 60 हजार टैबलेट्स-स्मार्टफोन, जानें उनका क्या हुआ

लखनऊ: उत्तरप्रदेश में चुनाव से पहले योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार ने छात्र छात्राओं को 1 करोड़ टैबलेट्स और स्मार्टफोन बांटने की घोषणा की थी. सरकार ने 25 दिसंबर को देश के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई के जन्मदिन से यह अभियान (Yogi Government Free Tablet Scheme) शुरू किया था. 

  1. 25 दिसंबर को बांटे गए थे 60 हजार टैबलेट्स
  2. लोगों ने OLX पर डाले टैबलेट्स बेचने के विज्ञापन
  3. टैबलेट्स बिक्री का लोगों ने बताया ये कारण

25 दिसंबर को बांटे गए थे 60 हजार टैबलेट्स

लखनऊ के इकाना स्टेडियम में 25 दिसंबर को योगी (Yogi Adityanath) सरकार ने 60 हज़ार छात्र छात्राओं को टैबलेट (Tablets) और स्मार्टफोन बांटे. हालांकि अब ऐसी सूचनाएं बाहर आ रही हैं, जिन्होंने सरकार की नींद उड़ा दी है. दरअसल जानकारी मिली है कि स्टूडेंट्स ने सरकार से मिले टैबलेट को बेचने का काम शुरू कर दिया है. 

लोगों ने OLX पर डाले टैबलेट्स बेचने के विज्ञापन

ऑनलाइन पोर्टल OLX पर तमाम लोगों ने सरकार से मिले टैबलेट (Tablets) बेचने के विज्ञापन डाल रखे हैं. यह हाल तब है, जब अभी 1 करोड़ स्मार्टफोन-टैबलेट्स में से सिर्फ 60 हज़ार यानी 0.6% ही बांटे गए हैं. ऐसा ही मामला साल 2017 के चुनावों से पहले सामने आया था, जब उत्तर प्रदेश के उस समय के तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 12वीं के छात्रों को लैपटॉप बांटे थे. तब भी ऐसे ही कई छात्रों के लैपटॉप बेचने की खबरे सामने आई थी. 

योगी (Yogi Adityanath) सरकार ने जो टैबलेट्स और स्मार्टफोन छात्र-छात्राओं के बेहतर भविष्य के लिए बांटे थे, आखिर लोग उन्हें क्यों बेंच रहे हैं. यह जानने के लिए हमारी टीम ने हिमांशु गुप्ता नाम के युवक को कॉल मिलाया. हिमांशु गुप्ता ने भी OLX पर यूपी सरकार का टैबलेट बेचने के लिए विज्ञापन पोस्ट कर रखा है. 

टैबलेट्स बिक्री का लोगों ने बताया ये कारण

हिमांशु के मुताबिक यह टैबलेट उसकी बहन को मिला था. उसके कॉलेज की सालाना फीस 3 लाख से ज्यादा है, जिसे उनका संपन्न परिवार आसानी से वहन कर लेता है. उनके घर में कई फोन और टैबलेट (Tablets) हैं. ऐसे में उसे सरकार की इस मदद की जरूरत नहीं थी. फिर भी सरकार ने दे दिया, जिसे अब वे निकालना चाहते हैं. 

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क्या सरकार अपनी नीति पर करेगी विचार

भारत में चुनावों से पहले मुफ्त योजनाओं की शुरुआत करना कोई नई बात नहीं है. लगभग हर पार्टी इसी तरह कभी मुफ्त बिजली-पानी, कभी मुफ्त साइकल, कभी मुफ्त लैपटॉप-टैबलेट-स्मार्टफोन बांटती हैं. ऐसे में उत्तरप्रदेश में स्टूडेंट्स को मुफ्त बांटे गए टैबलेट (Tablets) को बेचने की खबर के बाद शायद सरकार मुफ्तखोरी वाली योजनाओं पर एक बार विचार करे. 

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