ZEE जानकारी: नई किताब में सामने आईं महात्मा गांधी की सेहत से जुड़ी जानकारियां
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ZEE जानकारी: नई किताब में सामने आईं महात्मा गांधी की सेहत से जुड़ी जानकारियां

इस पुस्तक को गांधी शांति प्रतिष्ठान के सहयोग से Indian Council of Medical Research ने प्रकाशित किया है . 

ZEE जानकारी: नई किताब में सामने आईं महात्मा गांधी की सेहत से जुड़ी जानकारियां

अब हम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की सेहत से जुड़े कुछ राज़ आपके साथ शेयर करना चाहते हैं ... जो इस किताब में बंद हैं .

मेरे हाथ में महात्मा गांधी के स्वास्थ्य से जुड़ी एक किताब है जिसका नाम है Gandhi & Health @150.... यहां 150 का अर्थ है महात्मा गांधी का 150वां जयंती वर्ष.

इस पुस्तक को गांधी शांति प्रतिष्ठान के सहयोग से Indian Council of Medical Research ने प्रकाशित किया है . आप इसे महात्मा गांधी की Health Report भी कह सकते हैं . इस पुस्तक के ज़रिये आप अपने जीवन में कई सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं. 

पूरी दुनिया महात्मा गांधी को भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का सबसे बड़ा नायक मानती है . उनकी इच्छाशक्ति और उपवास वाली राजनीति आज भी कई देशों में रिसर्च का विषय हैं . लेकिन इसके साथ ही वो...स्वास्थ्य के सबसे बड़े Brand Ambassador थे . महात्मा गांधी के जीवन से जुड़ा ये पहलू अब तक आपसे बहुत दूर था. लेकिन आज हम इसे आप तक पहुंचाएंगे. हमारे इस विश्लेषण की मदद से आप डायबिटीज़, ह्दय रोग, मोटापा और मानसिक बीमारियों से बच सकते हैं. 

इस किताब के मुताबिक महात्मा गांधी की सेहत का सबसे बड़ा राज़ था... पैदल चलना . उन्होने अपने 78 वर्ष के जीवनकाल में 35 वर्षों के दौरान देशभर में करीब 79 हजार किलोमीटर पैदल यात्राएं की थीं . ये दूरी.. पृथ्वी के दो चक्कर लगाने के बराबर है. पृथ्वी का एक चक्कर करीब 40 हज़ार किलोमीटर लंबा होता है.

गांधीजी हर रोज़ करीब 18 किलोमीटर पैदल चलते थे . सुबह चार बजे उठने के बाद वो एक घंटे की Walk करते थे और रात में सोने से पहले भी 30 से 45 मिनट तक पैदल चलते थे .

पैदल चलने की वजह से वो डायबिटीज़, मोटापा और ह्दय रोग से बहुत दूर थे . हालांकि कभी-कभी उनका Sugar Level 40 तक गिर जाता था जबकि एक सामान्य व्यक्ति का शुगर लेवल 90 होता है . 

गांधीजी जब 70 वर्ष के थे तब उनकी लंबाई 5 फीट 5 इंच और वज़न 46.7 किलोग्राम था जबकि Body Mass Index 17.1 था

हालांकि लंबाई के अनुपात में गांधीजी का वजन करीब 5 किलो कम था लेकिन उनका Haemoglobin 14.96 था. इसका मतलब ये है कि कम वज़न होने के बावजूद पर भी उनके शरीर में Iron की मात्रा पर्याप्त थी. 

महात्मा गांधी का Blood Pressure हमेशा सामान्य से ज्यादा रहता था . उनके जीवन में दो बार ऐसी स्थिति आई थी जब उनका Blood Pressure 220 और 110 milimeters of mercury तक पहुंच गया था . ये सामान्य से बहुत ज़्यादा था . Blood Pressure का सामान्य स्तर 120 और 80 milimeters of mercury होना चाहिए . 

हैरानी की बात ये है कि ज़्यादा ब्लड प्रेशर होने के बावजूद गांधीजी को हृदय और दिमाग से जुड़ी कोई बीमारी नहीं थी. उनकी ECG रिपोर्ट सामान्य आती थी. अपने High BP को नियंत्रित करने के लिए गांधीजी...एक आयुर्वेदिक औषधि 'सर्पगंधा' का इस्तेमाल किया करते थे . उन्हें Allopathy की दवाओं के बजाए Naturopathy और आयुर्वेद पर ज्यादा भरोसा था .

महात्मा गांधी पूरी तरह से शाकाहारी थे . वो मांसाहार के सख़्त ख़िलाफ़ थे . दूध को भी वो शाकाहारी नहीं मानते थे. हालांकि कछ साल बाद जब डॉक्टरों ने उन्हें दूध पीने की सलाह दी तो उन्होंने बकरी का दूध और उसी से बना दही लेना शुरु किया. वो अपनी Diet में शहद, सोयाबीन, पत्तेदार सब्ज़ी, नारंगी, नीम की पत्तियां और गन्ने का जूस लेते थे. 

महात्मा गांधी का पूरा जीवन किसी चमत्कार से कम नहीं था. लोगो को आज भी आश्चर्य होता है कि महात्मा गांधी तीन -तीन हफ्तों तक उपवास कैसे रख लेते थे . अंग्रेज़ों ने अपने बड़े बड़े दुश्मनों को बंदूक की गोलियों का इस्तेमाल करके अपने रास्ते से हटा लिया था . गांधी जी के सामने अंग्रेज़ भी लाचार नज़र आते थे . ऐसे मजबूत आत्मबल वाले व्यक्ति की सेहत के राज़.. पूरे देश को पता होने चाहिए . 

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