ZEE जानकारी: आतंकवादियों को संघर्ष विराम की भाषा समझ में नहीं आती
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ZEE जानकारी: आतंकवादियों को संघर्ष विराम की भाषा समझ में नहीं आती

रमज़ान के पवित्र महीने में भी आतंकवादी हमला करने में पीछे नहीं हैं. लेकिन भारतीय सेना सीज़फायर के लिए मजबूर है.

ZEE जानकारी: आतंकवादियों को संघर्ष विराम की भाषा समझ में नहीं आती

आज सबसे पहले हम आपको एक Video दिखाना चाहते हैं. ये वीडियो जम्मू कश्मीर से आया है. इस वीडियो को देखकर आपको पता चलेगा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी किस तरह सांप-सीढ़ी का खेल खेल रहे हैं.  ये एक Foldable सीढ़ी है. जो जम्मू कश्मीर के केरन सेक्टर से बरामद हुई है. वहां कल रात को आतंकवादियों ने घुसपैठ की कोशिश की, लेकिन वो कामयाब नहीं हो पाए. और अपना सारा सामान छोड़कर भाग गए. 

आतंकवादियों के इस सामान में टॉर्च, गोलियां, पिट्ठू बैग और दूरबीन जैसी चीज़ें शामिल हैं. और सुरक्षाबलों को इस तरह का सामान, हर बार मिलता है. लेकिन इस बार इस सामान में एक चीज़ बिलकुल अलग थी. और वो है ये सीढ़ी. 

इस सीढ़ी की खासियत ये है कि ये Foldable है. जब ये Fold होती है तो इसकी ऊंचाई सिर्फ सवा 2 फीट होती है. लेकिन जैसे ही इस सीढ़ी को खोला जाता है, तो इसकी ऊंचाई 20 फीट तक पहुंच जाती है. जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बलों के Camps में दीवारों की ऊंचाई 15 से 18 फीट तक होती है. और इसीलिए आतंकवादी इस सीढ़ी का इस्तेमाल कर रहे हैं.

आतंकवादियों के पास इन ऊंची दीवारों के ऊपर से कूदने के लिए Foldable सीढ़ी का अचूक हथियार है. केरन सेक्टर से सुरक्षाबलों ने ऐसी 2 सीढ़ियां बरामद की हैं. अब आप अंदाज़ा लगाइये कि कितने आतंकवादी ऐसी सीढ़ियां लेकर जम्मू कश्मीर में घूम रहे होंगे. 

जम्मू कश्मीर में सरकार ने आतंकवादियों को रमज़ान के महीने में सीज़फायर की सुविधा दी हुई है, लेकिन आतंकवादियों की हरकतों में कोई कमी नहीं आई है. वो रमज़ान के पाक़ महीने में मौत के तोहफे बांट रहे हैं.

पिछले 24 घंटों में जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों ने 5 हमले किए हैं. कुलगाम में आतंकवादियों ने 34 राष्ट्रीय रायफल्स के कैंप पर ग्रेनेड से हमला किया. कुलगाम में ही आतंकवादियों ने दो पुलिसकर्मियों से उनके हथियार छीनने की कोशिश की. 

जम्मू में कल रात एक बस स्टैंड पर आतंकवादियों ने ग्रेनेड से हमला कर दिया. जिसमें दो पुलिसवाले घायल हो गए. 

कल रात ही आतंकवादियों ने श्रीनगर में CRPF के कैंप पर भी ग्रेनेड से हमला किया

और पांचवें हमले में लश्कर के आतंकवादियों ने बांदीपुरा में एक व्यक्ति की गला रेतकर हत्या कर दी. ये कहा जा रहा है कि आतंकवादियों को शक़ था कि वो व्यक्ति सुरक्षाबलों का मुखबिर है.

यानी रमज़ान के पवित्र महीने में भी आतंकवादी हमला करने में पीछे नहीं हैं. लेकिन भारतीय सेना सीज़फायर के लिए मजबूर है. ये हालात सैनिकों का मनोबल गिराते हैं और उन्हें बेचैन करते हैं. शायद इसीलिए आज सेना अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने आतंकवादियों को चेतावनी दी है कि सीज़फायर का मतलब ये नहीं है कि सेना के हाथ बंधे हुए हैं. लेकिन आतंकवादियों की हरकतें देखकर लगता है कि वो ऐसी चेतावनी को सिर्फ़ एक मज़ाक समझते हैं.

अब हम पाकिस्तान के एक आतंकवादी के 'विस्फोटक कबूलनामे' का विश्लेषण करेंगे. इस आतंकवादी का नाम है ज़ैबुल्लाह उर्फ हम्ज़ा और ये पाकिस्तान के मुल्तान का रहने वाला है. सिर्फ 20 साल की उम्र का ये आतंकवादी सातवीं कक्षा तक पढ़ा लिखा है. और आज ये कैमरे के सामने पाकिस्तान की करतूत पूरी दुनिया को बताएगा. 

भारत पहले भी कई बार पाकिस्तान को ऐसे स्पेशल तोहफे दे चुका है. लेकिन रमज़ान के महीने में ये तोहफा कुछ खास है, क्योंकि इस आतंकवादी ने अपने कबूलनामे में पाकिस्तान के आतंकी चरित्र का पर्दाफाश कर दिया है. 

लश्कर-ए-तैयबा के इस आतंकवादी को जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा से 6 अप्रैल को पकड़ा गया था. उसके साथ उसके पांच साथी भी थे, लेकिन उन सभी को सेना ने मार गिराया था, और ज़ैबुल्लाह ज़िंदा पकड़ा गया था. इसके बाद National Investigation Agency यानी NIA ने उससे पूछताछ की है. 

पूछताछ में इस आतंकवादी ने बताया है कि पूरे पाकिस्तान में उसे 7 अलग अलग Terrorist Camps में ट्रेनिंग दी गई. 

इनमें से एक कैंप में फिदायीन हमले की ट्रेनिंग भी दी जाती है. इस आतंकवादी ने कबूला है कि PoK के Camps में उनसे मिलने के लिए हाफिज़ सईद और ज़की उर रहमान लखवी भी आते थे.

इस आतंकवादी ने ये भी बताया है कि कैसे कश्मीर में हथियारों की Supply की जाती है?

ज़ैबुल्लाह के मुताबिक़ आतंकवादियों की हर 2 घुसपैठ में से, किसी एक में पाकिस्तान से हथियारों का एक ज़खीरा कश्मीर भेजा जाता है.

ज़ैबुल्लाह ने ये ख़ुलासा भी किया है कि पाकिस्तान आतंकवादियों के ज़रिए भारतीय सेना के हेलीकॉप्टर्स को निशाना बनाना चाहता है. 

कुल मिलाकर इसने जो बातें कही हैं...वो पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए काफी हैँ. आज इस आतंकवादी की On Camera Recording... पाकिस्तान द्वारा पाले गये अलगाववादियों और हाफिज़ सईद जैसे आतंकवादियों को अच्छी नहीं लगेगी.

वैसे एक तरह से ये आतंकवादी पाकिस्तान के बारे में जो कुछ भी बता रहा है, वो पूरी दुनिया पहले से ही जानती है. भारत कई बार अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान के गुनाहों के सबूत दे चुका है. ये वही ज़की उर रहमान लखवी है, जिसने मुंबई पर 26/11 का हमला करवाया था. पाकिस्तान ने उसे गिरफ्तार करने का नाटक भी किया था, लेकिन बाद में छोड़ दिया गया. और ये कहा कि उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है. ऐसे में हम पाकिस्तान से ये कहना चाहते हैं, कि ये रहा सबूत, हिम्मत है, तो लखवी को गिरफ्तार कर लो! लखवी अप्रैल 2015 से ज़मानत पर रिहा है. वो पाकिस्तान में खुलेआम घूम रहा है, और अपने आतंकी क्षेत्र में जाकर, आतंकवादियों को Motivation दे रहा है. 

अब ये भी सुन लीजिए कि इन आतंकवादियों की ट्रेनिंग कैसे होती है? 

वैसे मैं यहां आपको सूचित करना चाहता हूं, कि NIA की तरफ से जारी किए गए इस Video में किसी तरह की कोई Editing नहीं की गई है....आपको याद दिला दें कि...पाकिस्तानी सेना ने भारतीय नौसेना के एक पूर्व अफसर कुलभूषण जाधव को भारत का जासूस बताकर अपनी गिरफ्त में लिया था, और बाद में उससे हुई पूछताछ का Edited Video Release करके....दुनियाभर में सहानुभूति बटोरने की कोशिश की थी. हालांकि वो दांव भी पाकिस्तान पर उल्टा पड़ गया था. लेकिन भारत एक ज़िम्मेदार देश है...हम पाकिस्तान की तरह Cut...Copy...Paste और Editing में यकीन नहीं रखते....हमारे देश में तमाम सबूतों और गवाहियों के आधार पर ही कोई फैसला सुनाया जाता है.  अब इस आतंकवादी की एक और गवाही सुनिए. इस बयान में ये आतंकवादी ये बताएगा कि कैसे आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए पूरे पाकिस्तान में चंदा इकठ्ठा किया जाता है? 

आपके दिमाग में भी ये सवाल आता होगा, कि इतनी सख्त निगरानी होने के बावजूद ये आतंकी भारत में कैसे घुसपैठ कर लेते हैं? LoC पर भारत की सेना की सख्त निगरानी होती है, लेकिन इसके बावजूद ये आतंकवादी हमारी सीमा में घुसते हैं और हमले भी करते हैं. 
इस आतंकवादी ने हमें वो तरीका बताया जिसकी मदद से ये लोग भारत की सीमा में दाखिल हुए थे.

आतंकवादियों को सीज़फायर की भाषा समझ में नहीं आती. उन्हें शांति और सौहार्द के गीत सुनाकर सही रास्ते पर नहीं लाया जा सकता. क्योंकि आतंकवादियों का सिर्फ एक धर्म होता है, इंसानियत का खून बहाना. उनके लिए रमज़ान के पवित्र महीने का कोई मतलब नहीं है. इसीलिए आतंकवादियों के खिलाफ सीज़फायर नहीं बल्कि Operation All Out होना चाहिए. 

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