ZEE जानकारी: चीन को लेकर पेंटागन ने जारी कि रिपोर्ट, भारत को चौकन्ना रहने की जरूरत
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ZEE जानकारी: चीन को लेकर पेंटागन ने जारी कि रिपोर्ट, भारत को चौकन्ना रहने की जरूरत

अमेरिका के रक्षा विभाग... Pentagon ने पिछले 24 घंटों में चीन को लेकर दो ऐसी Reports जारी की हैं, जिन्हें देखकर चीन के इरादों पर शक हो रहा है. 

ZEE जानकारी: चीन को लेकर पेंटागन ने जारी कि रिपोर्ट, भारत को चौकन्ना रहने की जरूरत

DNA में आज सबसे पहले हम राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे से जुड़ी एक बहुत बड़ी ख़बर का विश्लेषण करेंगे. भारतीय लोगों के मन में हमेशा ये दुविधा रहती है, कि भारत और चीन.. दोस्त हैं या दुश्मन.

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ साबरमती नदी के किनारे झूला झूलते हैं, तो लगता है कि भारत और चीन अच्छे दोस्त हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब चीन जाकर वहां के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के गृहनगर शियान में, उनसे मुलाकात करते हैं, तो भी यही लगता है कि चीन और भारत की दोस्ती अटूट है.

वुहान में जब दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्ष 'अनौपचारिक मुलाक़ात' करते हैं, तो भी यही लगता है, कि चीन और भारत के बीच के रिश्ते सामान्य हो चुके हैं. लेकिन आपसी मुलाकातों वाले ये रिश्ते, जब वास्तविकता वाली ज़मीन पर उतरते हैं, तो चीन पर शक भी होता है. अमेरिका के रक्षा विभाग... Pentagon ने पिछले 24 घंटों में चीन को लेकर दो ऐसी Reports जारी की हैं, जिन्हें देखकर चीन के इरादों पर शक हो रहा है. 

Pentagon की पहली रिपोर्ट का नाम है...China Military Power 

जिसमें कहा गया है, कि चीन ने अपनी सैन्य शक्ति और मारक क्षमता को बढ़ाने के लिए वर्ष 2020 तक.. अपने इलाके में 13 लाख किलोमीटर लम्बी सड़कों का जाल बिछाने की योजना बनाई है. इसके अलावा वो 26 हज़ार किलोमीटर लंबे Expressways का निर्माण करने वाला है. और ये कदम सिर्फ इसलिए उठाया गया है, ताकि युद्ध की स्थिति में चीन अपने सैनिकों को बहुत तेज़ी से एक जगह से दूसरी जगह भेज सके. 

दूसरी रिपोर्ट में चीन की विस्तारवादी नीति पर चिंता जताई गई है. 

इसके तहत चीन की One Belt, One Road योजना पर टिप्पणी की गई है. और कहा गया है, कि इस Project की मदद से चीन को अन्य देशों की जमीन पर सैन्य और रणनीतिक बढ़त हासिल करने में मदद मिलेगी. और ये Project जिन देशों से होकर गुजरेगा, उन पर नकारात्मक आर्थिक प्रभाव पड़ेंगे और उन देशों की संप्रभुता खतरे में होगी.

The Pentagon ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है, कि चीन... One Belt, One Road के तहत निवेश करके.. हिंद महासागर, भू-मध्य सागर और प्रशांत महासागर में अपने Operations को बढ़ाने की कोशिश कर रहा है. और उसका एकमात्र लक्ष्य है.. विदेशी बंदरगाहों तक अपनी पहुंच को मज़बूत करना .

भारत के संदर्भ में ये दोनों ही Reports बहुत चिंताजनक हैं. क्योंकि, कुछ दिन पहले ही भारतीय सीमा के पास तिब्बत में चीन ने हल्के टैंक तैनात कर दिए थे. और चीन की People's Liberation Army के सैनिकों की गतिविधियां तिब्बत वाले इलाकों में बढ़ गई है.
 
ये बात पूरी दुनिया जानती है, कि सिक्किम को लेकर चीन की नज़र हमेशा टेढ़ी रही है. 

जून 2017 में सिक्किम सीमा के पास Doka La इलाके में चीन की सेना ने घुसपैठ की कोशिश की थी.

नवंबर, 2007 में भी चीनी सैनिकों ने इसी इलाके में घुसकर भारतीय सेना के कुछ अस्थायी बंकर तबाह कर
दिए थे.

ऐसा इसलिए, क्योंकि पिछले कई दशकों से चीन की नज़रें सिक्किम पर टिकी हुई हैं. 

अंगूठे के आकार का सिक्किम, भारत का एक ऐसा राज्य है, जो पश्चिम में नेपाल, उत्तर-पूर्व में चीन और दक्षिण-पूर्व में भूटान से जुड़ा हुआ है. 

सिक्किम की भौगोलिक स्थिति ऐसी है, कि चीन हर वक्त इसपर अपनी नज़रें टिकाए रखता है. 

सिक्किम सीमा के पास चीन का चुंबी वैली इलाक़ा है. जो किसी ख़ंजर की तरह भारत और भूटान के बीच में धंसा हुआ है. यहीं भारत, चीन और भूटान की सीमाएं मिलती हैं. जिसे TRI JUNCTION के नाम से जाना जाता है.

चुंबी वैली, सिलीगुड़ी कॉरिडोर से सिर्फ 50 किलोमीटर दूर है. 

सिलीगुड़ी कॉरीडोर, भारत और बांगलादेश के बीच में संकरी ज़मीन का वो हिस्सा है, जो पूर्वोत्तर भारत के सातों राज्यों को देश से जोड़ता है. यहां पर कुछ जगहें ऐसी हैं, जो सिर्फ 20 किलोमीटर चौड़ी हैं. यानि अगर चीन सिलिगुड़ी कॉरिडोर तक आ जाए, तो ना केवल वो नॉर्थ-ईस्ट को भारत से काट देगा, बल्कि उसकी पहुंच सीधे बांगलादेश तक हो जाएगी. चीन इस क्षेत्र में बहुत आक्रामक तरीके से काम कर रहा है. अपनी विस्तारवादी नीति के तहत चीन...दबाव बनाकर भारत के ज़्यादा से ज़्यादा हिस्से पर अपना कब्ज़ा करना चाहता है. 

और Pentagon की रिपोर्ट की गंभीरता को देखें, तो इस बात की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता, कि चीन, कोई गंभीर साज़िश रच रहा है. ऐसे में सिक्किम जैसे इलाकों की हिफाज़त बेहद ज़रुरी है. और भारतीय सेना इस काम को पूरी निष्ठा के साथ निभा रही है. 

आपने समुद्री जहाज़ों को पानी में चलते हुए देखा होगा. आपने वो तस्वीरें भी देखी होंगी, जब Submarines बर्फीली और जम चुकी समुद्र की सतह को चीरते हुए बाहर निकलती है. लेकिन क्या आपने भारतीय सेना के किसी Tank को जम चुकी बर्फीली नदी पर चलते हुए देखा है ?

आज ये दुर्लभ तस्वीरें देखने का दिन है. आज हम आपको उत्तरी Sikkim में 15 हज़ार फीट की ऊंचाई पर स्थित भारतीय सेना की Post पर लेकर चलेंगे. ये विश्लेषण उन लोगों को ध्यान से देखना चाहिए, जो 15 या 20 डिग्री सेल्सियस के तापमान में भी ये कहते हैं ठंड बहुत ज़्यादा हो गई है. ऐसे सभी लोगों को इस बात का एहसास दिलाना बहुत ज़रुरी है, कि Minus 30 से 40 डिग्री सेल्सियस की ठंड में भी भारतीय सेना के जवान, किस तरह चीन के आक्रामक रुख से देश की रक्षा कर रहे हैं. सिक्किम की सीमा के उस पार मौजूद चीन के इरादे नेक नहीं हैं.

हर वक्त चौकन्ना रहना और अपनी तैयारी मज़बूत रखना, भारत के लिए ज़रुरी हो गया है. इसलिए हम आज आपको 15 हज़ार फीट की ऊंचाई पर तैनात भारतीय सेना के टैंकों के करीब ले जाएंगे. सर्दी के मौसम में हमारी टीम के यहां पहुंचने से पहले जो तापमान रिकॉर्ड किया गया था, वो था, माइनस 23 डिग्री सेल्सियस. इस मौसम में मशीनें काम करना बंद कर देती हैं. क्योंकि उनमें मौजूद डीज़ल जम जाता है. लेकिन, यहां भारतीय टैंकों की मौजूदगी भी ज़रूरी है. क्योंकि चीनी टैंकों का Base यहां से ज्यादा दूर नहीं है. 

सुरक्षा के लिहाज़ से हम इस जगह की Exact Location आपको नहीं बता रहे हैं. लेकिन हम इतना ज़रुर बता सकते हैं, कि ये North Sikkim का वो इलाक़ा है, जहां हिमालय खत्म हो जाता है और तिब्बत का पठार शुरू हो जाता है. यहां हिमालय से भी आगे तिब्बत के पठार पर लहराता हुआ तिरंगा...आज आप सभी के मन में देशभक्ति की ऊर्जा का संचार करेगा.

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