ZEE जानकारी: एयर कंडीशन्ड कमरों में बैठ कर नहीं हो सकती सच्ची पत्रकारिता
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ZEE जानकारी: एयर कंडीशन्ड कमरों में बैठ कर नहीं हो सकती सच्ची पत्रकारिता

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में एक नक्सली हमले से जुड़ा सबसे हैरान करने वाला 'सत्य' उन Videos में मौजूद है, जिन्हें नक्सली हमले के दौरान खुद पत्रकारों ने अपने Mobile Phone से Record किया था. 

ZEE जानकारी: एयर कंडीशन्ड कमरों में बैठ कर नहीं हो सकती सच्ची पत्रकारिता

आज सबसे पहले हम छत्तीसगढ़ पुलिस के 2 जवानों और दूरदर्शन के कैमरामैन अच्युतानंद साहू को याद करना चाहते हैं. कल छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में एक नक्सली हमला हुआ था. जिसमें इन तीनों की मौत हो गई थी. कल से लेकर अब तक वैसे तो इस हमले से जुड़ी कई बातें सामने आई हैं. लेकिन, सबसे हैरान करने वाला 'सत्य' उन Videos में मौजूद है, जिन्हें नक्सली हमले के दौरान खुद पत्रकारों ने अपने Mobile Phone से Record किया था. इन Videos को देखकर पता चलता है, कि नक्सली हमले के दौरान चारों तरफ गोलियां चल रही हैं. वहां मौजूद नक्सली स्थानीय भाषा में हर पत्रकार को जान से मार देने की धमकी दे रहे हैं.

पुलिस के जवानों के साथ उनकी मुठभेड़ चल रही है. घायल पत्रकार पानी की एक-एक बूंद के लिए तड़प रहे हैं. लेकिन इसके बावजूद, कोई उस जगह को छोड़कर भाग नहीं रहा. मौत को सामने देखने के बावजूद किसी को डर नहीं लग रहा. बल्कि, सभी लोग अपना काम कर रहे हैं, अपना कर्तव्य निभा रहे हैं.

सबसे पहले आप नक्सली हमले के दौरान Record किए गए, ये Videos देखिए. और इन्हें देखते हुए इस बात पर गौर कीजिएगा कि एक पत्रकार के लिए किसी Warzone में काम करना कितना चुनौतीपूर्ण और ख़तरनाक होता है. 

ये Video इस बात का जीता जागता सबूत है, कि कल नक्सली हमले के वक्त स्थिति कितनी गंभीर थी. लेकिन इस हमले से ठीक पहले क्या हुआ था ? आज आपको ये भी पता होना चाहिए. अब से थोड़ी देर पहले हमारे पास इस नक्सली हमले से ठीक पहले Record हुआ एक Video आया है. जिसमें दूरदर्शन के कैमरामैन अच्युतानंद साहू और उनके साथी रिपोर्टर, एक स्थानीय निवासी का Interview ले रहे थे. उस वक्त स्थिति बिल्कुल सामान्य थी. सुरक्षाबलों का घेरा था. लेकिन...Interview ख़त्म होने के थोड़ी देर बाद ही नक्सलियों ने वहां पर हमला कर दिया.

आपको याद होगा कि पिछले साल पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या हो गई थी, तब पूरे देश में हंगामा मच गया था. और देश के बुद्धिजीवी, एयरकंडीशन्ड कमरों से बाहर आ गये थे. लेकिन दूरदर्शन के कैमरामैन की हत्या पर कोई हंगामा नहीं हुआ. किसी ने कैंडल मार्च नहीं निकाला. आपने Urban Naxals के बारे में बहुत सुना होगा. य़े बुद्धिजीवियों और लेखकों की एक ऐसी टीम है जो नक्सलियों का पक्ष लेती है और उनके समर्थन में लेख लिखती है और इनके मानव अधिकारों का एजेंडा चलाती है. लेकिन जब नक्सलवादी, किसी की हत्या करते हैं, तो Urban Naxals की पूरी टीम गायब हो जाती है. कोई सामने नहीं आता. कोई प्रदर्शन नहीं करता. कोई लेख नहीं लिखता. इस मामले में भी ऐसा ही हुआ.

नक्सली हों या आतंकवादी...वो इसी तरह छिपकर हमला करते हैं. और उनकी गोली ये नहीं देखती, कि मरने वाला व्यक्ति कोई आम इंसान है, पुलिस या सेना का कोई जवान है या फिर कोई पत्रकार है. अभी आपने पत्रकारों द्वारा Record किया गया Video देखा.

अब आपको नक्सलियों द्वारा रिकॉर्ड किया गया एक Video दिखाते हैं. कथित तौर पर ये Video 27 अक्टूबर का बताया जा रहा है. छत्तीसगढ़ के बीजापुर ज़िले में पिछले हफ्ते शनिवार को नक्सलियों ने एक IED Blast किया था. जिसमें CRPF के 4 जवान शहीद हो गए थे.

ऐसा कहा जा रहा है, कि धमाके वाली जगह से कुछ दूरी पर ये Video खुद नक्सलियों ने Record किया था. इस वीडियो में कुछ लोगों को पहले धमाके की तैयारी करते हुए और फिर जंगल की तरफ भागते दिखाया गया था. और कुछ देर के बाद जैसे ही Anti-Landmine Vehicle आया, उसे धमाके से उड़ा दिया गया. Zee News इस Video की पुष्टि नहीं कर सकता. लेकिन, इस Video को दिखाने के पीछे हमारा मकसद सिर्फ इतना है, कि आप सुरक्षाबलों और पत्रकारों के काम की गंभीरता को समझ सकें. 

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