Zee Jaankari: जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग 'पाकिस्तान को कबूल है'
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Zee Jaankari: जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग 'पाकिस्तान को कबूल है'

पाकिस्तान ने आज अलग-अलग तरीकों से छल-कपट करने की कोशिश की. सबसे पहले उसने कश्मीर के मुद्दे पर Special Session की मांग की. जिसे ठुकरा दिया गया. 

Zee Jaankari: जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग 'पाकिस्तान को कबूल है'

आज पूरी दुनिया में World Suicide Prevention Day अर्थात विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाया जा रहा है. दुनियाभर में हर 40 सेकेंड में एक व्यक्ति आत्महत्या करता है. आज हमने भी इस गंभीर विषय पर एक DNA टेस्ट किया है. लेकिन हमारा पहला विश्लेषण किसी व्यक्ति विशेष पर आधारित नहीं है. बल्कि एक ऐसे देश को समर्पित है, जो हर अंतर्राष्ट्रीय मंच पर 'कूटनीतिक आत्महत्या' का पर्याय बन चुका है. और इस देश का नाम है, पाकिस्तान.
कल से Geneva में संयुक्त राष्ट्र के Human Rights Council के 42वें Session की शुरुआत हुई है. और आज पाकिस्तान ने मानव अधिकार के सबसे बड़े मंच पर एक बार फिर कश्मीर वाला Card खेलने की कोशिश की है.

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने वहां क़रीब 16 मिनट लम्बी एक झूठी Script पढ़ी...और बंद कमरे में कश्मीर के नाम पर अफवाह फैलाने की कोशिश की. लेकिन बंद कमरे से बाहर निकलते ही शाह महमूद कुरैशी ने वो बात स्वीकार कर ली, जिसे सुनने के लिए पिछले 72 वर्षों से हमारे कान तरस रहे थे. पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने आज सार्वजनिक तौर पर पहली बार जम्मू-कश्मीर को Indian Occupied Jammu And Kashmir नहीं.

बल्कि भारत का राज्य जम्मू और कश्मीर कहकर संबोधित किया. सबसे पहले आप ये बयान सुनिए. अंग्रेज़ी में एक शब्द है, Slip Of The Tongue...जिसका मतलब हुआ, ज़ुबान फिसलना. आज Geneva में Human Rights Council की बैठक में एक या दो बार नहीं. बल्कि बार-बार शाह महमूद कुरैशी की ज़ुबान फिसली. और उन्होंने बंद कमरे में जम्मू-कश्मीर को Indian Occupied Jammu And Kashmir कहकर संबोधित किया. लेकिन, कमरे से बाहर आते ही उनके दिल की बात उनकी ज़ुबान पर आ गई. बाहर क्या हुआ ये तो आपने देख लिया. अब ये देखिए, कि UNHRC के बंद कमरे में पाकिस्तान ने कश्मीर के विषय पर कूटनीतिक स्तर पर क्या-क्या कोशिशें की ?

पाकिस्तान ने आज अलग-अलग तरीकों से छल-कपट करने की कोशिश की. सबसे पहले उसने कश्मीर के मुद्दे पर Special Session की मांग की. जिसे ठुकरा दिया गया. किसी ख़ास विषय पर Special Session के लिए पाकिस्तान को 16 Votes की ज़रुरत थी. लेकिन उसे इतने Votes नहीं मिलेइसके बाद उसने कश्मीर के मुद्दे पर Special Discussion या भारत के खिलाफ प्रस्ताव लाने की कोशिश की. इसमें भी उसे नाकामी मिली. क्योंकि, पाकिस्तान को इसकी इजाज़त नहीं दी गई. और जब पाकिस्तान के पास कुछ नहीं बचा, तो अंत में उसे एक बयान जारी करना पड़ा.

वैसे 16 मिनट लम्बे भाषण में, पश्चिमी मीडिया के लेखों का ज़िक्र करके, कश्मीर घाटी में मानव अधिकार उल्लंघन की बात कही गई. Pellet Guns का ज़िक्र किया गया. अनुच्छेद 370 का मुद्दा उठाया गया. कश्मीर के नेताओं, अलगाववादियों और आतंकवादियों की तारीफ में कसीदे पढ़े गए. इस दौरान शाह महमूद कुरैशी ने नैतिकता की बात करते हुए, पाकिस्तान को दुनिया का सबसे अच्छा देश साबित करने की भी कोशिश की. कश्मीर के विषय पर दुनिया को भ्रमित करने के लिए पाकिस्तान ने 115 पन्नों का एक Dossier यानी फ़ाइल भी तैयार किया था. वो उसे Human Rights Council में प्रस्तुत कर सके.

वैसे तो 115 पन्नों की इस Report में वही पुरानी और झूठी बातें लिखी हैं, जो पाकिस्तान पिछले 72 वर्षों से कहता आया है. और हमें उसके विस्तार में जाने की ज़रुरत नहीं है. लेकिन आज हमें इस Dossier के पहले पन्ने को समझने की ज़रुरत है. जिसमें भारत विरोधी एजेंडा चलाने के लिए, भारत के ही नेताओं के बयानों को Quote किया गया है. इनमें से एक नाम है राहुल गांधी का.

और दूसरे हैं, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला. कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान द्वारा तैयार किए गए Dossier के Poster Boys कौन हैं, ये तो आपने देख लिया. अब ये देखिए, कि शाह महमूद कुरैशी ने Human Rights Council के मंच से किस प्रकार झूठी और भ्रामक बातों का प्रचार करके, भारत को बदनाम करने की कोशिश की. शाह महमूद कुरैशी ने 16 मिनट तक लगातार Running Commentary की. बार-बार कश्मीर का ज़िक्र किया. और भारत का नाम लिया. लेकिन भारत ने सिर्फ 2 मिनट 46 सेकेंड में पाकिस्तान के झूठ को Expose कर दिया. वो भी बिना उसका नाम लिए.

विदेश मंत्रालय की Secretary (East) विजय ठाकुर सिंह ने Human Rights Council में भारत का पक्ष रखा. ये भारत की महिला शक्ति का भी जीता जागता उदाहरण था. क्योंकि, 59 वर्ष की विजय ठाकुर सिंह ने, सिर्फ पौने तीन मिनट में 63 वर्ष के शाह महमूद कुरैशी और पाकिस्तान के एजेंडे को विफल कर दिया. और इसके लिए उन्हें पाकिस्तान का नाम लेने की भी ज़रुरत नहीं पड़ी. पाकिस्तान, कश्मीर के नाम पर दुनियाभर में Lecture दे रहा है .लेकिन वो किसी को ये नहीं बता रहा, कि खुद उसके कब्ज़े वाले कश्मीर में कैसे हालात हैं ? PoK की कुछ तस्वीरें हमने कल दिखाई थीं .

और आज भी हमारे पास वहां हो रहे विरोध प्रदर्शन की ढेर सारी तस्वीरें आई हैं, जो कि 8 सितम्बर की हैं. पाकिस्तान ने इन इलाकों में Mobile Phone और Internet की सुविधाएं बंद कर रखी हैं. इसलिए, वहां की पुलिस और पाकिस्तान की सेना द्वारा किए जा रहे अत्याचार की तस्वीरें थोड़ी देर से आ रही हैं. इस विश्लेषण का मूल विचार ये है, कि सच बोलने वाले को ज़्यादा चीज़ों को याद रखने की ज़रूरत नहीं होती. लेकिन जो झूठ बोलते हैं, उन्हें झूठ का प्रचार करने के लिए बहुत पसीना बहाना पड़ता है. बहुत मेहनत करनी पड़ती है. 

United Nations का मंच हो या फिर कोई और अंतर्राष्ट्रीय बैठक..कश्मीर के विषय पर पाकिस्तान ऐसे ही दुष्प्रचार करता आया है. लेकिन, अब उसी के लोग और मानव अधिकार कार्यकर्ता उसे Expose कर रहे हैं.
इस बीच संयुक्त राष्ट्र में Permanent Mission of India के प्रथम सचिव विमर्श आर्यन ने भी अब से थोड़ी देर पहले पाकिस्तान के झूठ को Expose किया है. PoK की तस्वीरें तो देख ली आपने. 

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