ZEE जानकारीः School Bus और Van एक Reality Check
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ZEE जानकारीः School Bus और Van एक Reality Check

ZEE जानकारीः School Bus और Van एक Reality Check

आपको बताते हैं कि ख़बरों की दुनिया में डर और जानकारी के बीच क्या फर्क होता है ?पिछले कुछ दिनों से देश के ज़्यादातर माता-पिता डरे हुए हैं. स्कूल में 7 साल के एक बच्चे की हत्या के बाद ये डर... देश के हर परिवार को परेशान कर रहा हैं. लोग जैसे ही इस डर से उबरने की कोशिश करते हैं.... वैसे ही हमारा मीडिया प्रद्युम्न की मौत से जुड़ा नया खुलासा करके.. उन्हें और डरा देता है. लोगों को डर और नाटकीयता से भरी हुई ख़बरें दिखाई जा रही हैं.. और Reporters को किसी जासूसी धारावाहिक का किरदार बनाकर पेश किया जा रहा है. लेकिन इस दौरान लोगों को जागरूक बनाने वाली ख़बरें सामने नहीं आ रही हैं. ज़ी न्यूज़ ने इस समस्या का इलाज करने के लिए अलग तरह की रिपोर्टिंग की है. हम एक एक करके.. उन समस्याओं पर फोकस कर रहे हैं.. जो देश के हर माता पिता के सामने आती हैं. ये सिर्फ एक ख़बर नहीं है.. बल्कि ये ख़बरों की एक सीरीज़ है जिसकी मदद से हम देश के सभी परिवारों को जागरुक करना चाहते हैं.  आज आपका मंत्र है... Scan... Analyse और Share.. यानी ख़बर को देखिए... हमारे विश्लेषण की मदद से उसे समझिए और फिर अपने परिवार और दोस्तों के साथ इसे शेयर कीजिए. इस तरह आप पूरे सिस्टम में सकारात्मक बदलाव करने का दबाव बना पाएंगे.

इस सीरीज़ में पहली समस्या है स्कूल बस. आपने ये महसूस किया होगा कि आपके बच्चे जिस स्कूल बस या Van से जाते हैं.. वो उनकी सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करती है. School Bus और Van में अक्सर क्षमता से ज़्यादा बच्चे सवार होते है.. और पैसा बचाने के लिए सुरक्षा के नियमों को तोड़ा जाता है. हमने इस विषय पर एक Reality Check किया है.. आप इसे ध्यान से देखिए.. हो सकता है कि हमारी रिपोर्ट में जो कुछ आपको दिखाई देगा.. वो आपके बच्चों के साथ भी हो रहा हो. इसके बाद हम आपको स्कूल बस से जुड़े नियम और शिकायत करने का तरीका बताएंगे. अगर आप हमारी इस मुहिम से जुड़कर अपनी बात कहना चाहते हैं तो #SchoolTerror पर Tweet करें

अब आपको बताते हैं कि अगर किसी स्कूल बस या Van में ऐसा हो रहा हो.. तो आप क्या कर सकते हैं.सुप्रीम कोर्ट की Guidelines के मुताबिक आपके बच्चे को स्कूल ले जाने वाली बस में First Aid Box और आग बुझाने वाला यंत्र  होना बहुत ज़रूरी है...इसीलिए कल जब आप अपने बच्चे को स्कूल बस में बैठाने के लिए जाएं तो इन दोनों बातों का ध्यान रखें अगर ऐसा नहीं है तो आप स्कूल से इस बात की शिकायत कर सकते हैं इसके अलावा आप ये भी चेक कर लें कि स्कूल बस के ड्राइवर के पास लाइसेंस है या नहीं ? और क्या बस के स्टाफ का पुलिस वेरिफिकेशन करवाया गया है ? इसके अलावा उनके पास ID Card होना चाहिए. 

आपको ये भी देखना होगा कि आपके बच्चे की स्कूल बस..... पीले रंग की होनी चाहिए... जिस पर हरे रंग की पट्टी पर स्कूल का नाम और फोन नंबर लिखा होना ज़रूरी है...अगर बस किसी प्राइवेट ठेकेदार की है तो बस के आगे On School Duty लिखा होना चाहिए. इसके अलावा स्कूल Cab या Bus की कुल सीटों की संख्या से ज़्यादा.. बच्चो को नहीं बैठाया जा सकता है...बस के स्टाफ के पास हर बच्चे की पूरी जानकारी होनी चाहिए जैसे बच्चे का नाम, उसके घर का पता, फोन नंबर और बच्चे का ब्लड ग्रुप भी...CBSE की नई Guidelines के मुताबिक स्कूल बस में GPS सिस्टम और CCTV कैमरे लगे होने चाहिए. अगर कोई स्कूल... सुरक्षा के लिए बनाए गये इन नियमों की अनदेखी कर रहा है तो आपको जागरूक होने की ज़रूरत है..नियमों की अनदेखी के लिए सबसे पहले आप स्कूल के प्रशासन से शिकायत करें. अगर स्कूल इसके बाद भी आपकी बात नहीं सुनता है तो अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए आप Child Helpline नंबर 1098 पर फोन कर सकते हैं. CHILDLINE नामक ये Helpline... 24 घंटे बच्चों की मदद लिए तैयार रहती है.

इसके अलावा CBSE Helpline Number 1800-11-8002 पर भी आप शिकायत कर सकते हैं . ये नियम- कानून आपके बच्चे की सुरक्षा के लिए बनाए गये हैं और किसी हादसे को रोकने के लिए नियमों की जानकारी होना बहुत ज़रूरी है..7 साल के एक बच्चे की हत्या ने स्कूलों की लापरवाही की पोल देश के सामने खोल दी है लेकिन बहुत कम स्कूलों ने इससे सबक लिया है. इसलिए आपको समय-समय पर स्कूल की चेकिंग करनी होगी. ये काम आप और हम मिलकर करेंगे. क्योंकि आपकी और आपके परिवार की सुरक्षा से जुड़ी ख़बरें दिखाना.. मीडिया का दायित्व है.

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