Zee जानकारी : नई तकनीक विकसित करने और R&D में भारत कितना सक्षम?
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Zee जानकारी : नई तकनीक विकसित करने और R&D में भारत कितना सक्षम?

भारत को धोखा देने के लिए पाकिस्तान हमेशा नई-नई तरकीबें खोज लेता है। नई चीजों को खोजने और नई तकनीक विकसित करने में भारत कितना कमज़ोर है? यह जानने के लिए नोबेल पुरस्कार विजेता और अमेरिका के जाने-माने भौतिकीविद् डेविड जे. ग्रॉस के विचार को जानना जरूरी है।

Zee जानकारी : नई तकनीक विकसित करने और R&D में भारत कितना सक्षम?

नई दिल्ली : भारत को धोखा देने के लिए पाकिस्तान हमेशा नई-नई तरकीबें खोज लेता है। नई चीजों को खोजने और नई तकनीक विकसित करने में भारत कितना कमज़ोर है? यह जानने के लिए नोबेल पुरस्कार विजेता और अमेरिका के जाने-माने भौतिकीविद् डेविड जे. ग्रॉस के विचार को जानना जरूरी है।

ग्रॉस के मुताबिक, मेक इन इंडिया भारत के लिए बहुत जरूरी है लेकिन ये दूसरों पर निर्भर होकर नहीं होना चाहिए। भारत को खुद ही आविष्कार करने चाहिए। आविष्कारों से ही नए उत्पाद विकसित होते हैं इसलिए मेक इन इंडिया के नारे को बदलकर Discover, Invent and Make in India कर दिया जाना चाहिए।

अब सवाल ये है कि नई तकनीकों की खोज और रिसर्च करने में भारत का कितना दिमाग चलता है? पिछले दस वर्षों के दौरान भारत में दिए गए हर 6 पेटेंट्स में से औसतन सिर्फ एक भारतीयों के नाम पर था। बाकी के पांच देश में काम कर रही विदेशी कंपनियों को मिले। आपको बता दें कि पेटेंट का मतलब होता है किसी नए आविष्कार या खोज को आधिकारिक रूप से पहचान देना। भारत के Controller General of Patents, Designs and Trademarks की रिपोर्ट के मुताबिक..

- वर्ष 2006 से दिसंबर 2015 तक भारत में 67 हजार 342 पेटेंट जारी किये गये। इनमें से 56 हजार 727 पेटेंट विदेशी खोजकर्ताओं के नाम पर हैं।

- नई चीज़ों को खोजने और नई तकनीक विकसित करने में भारतीय फिसड्डी हैं। संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी World intellectual property organisation ने वर्ष 2015 में जो Global Innovation Index जारी किया है उसमें भारत 81वें नंबर पर है। स्विट्ज़रलैंड नंबर 1 और अमेरिका पांचवे नंबर पर है।

- हमारे देश में जो आविष्कार हो भी रहे हैं उसमें सबसे आगे सरकारी संस्था  Council of Scientific and Industrial Research यानी CSIR है। 

- आंकड़ों के मुताबिक पिछले 10 वर्षों के दौरान भारतीय संस्थाओं को मिले 10 हजार 615 पेटेंट्स में से सबसे ज्यादा 2060 पेटेंट्स CSIR ने हासिल किये हैं।

- दूसरे नंबर पर Bharat Heavy Electricals Limited है जिसने पिछले 10 वर्षों में 389 पेटेंट प्राप्त किए हैं। 

- पिछले दस वर्षों में 350 खोजों के पेटेंट हासिल करने वाली कंपनी Samsung India इस लिस्ट में तीसरे नंबर पर है।

- रक्षा तकनीकों को विकसित करने की ज़िम्मेदारी संभालने वाला Defence Research and Development Organisation यानी DRDO पिछले 10 वर्षों में 308 नई तकनीकों पर पेटेंट हासिल कर पाया है।

- Indian Institute Of Technology यानी IIT के नाम पर सिर्फ 304 नये पेटेंट दर्ज किये गये हैं।

- भारतीय कंपनियों और संस्थाओं द्वारा पेटेंट करवाई जाने वाली पांच फीसदी से भी कम तकनीकें ही व्यवसायिक रूप से कामयाब हो पाती हैं।

- पेटेंट करवाई जाने वाली 95 फीसदी रिसर्च और तकनीकें Practical नहीं होतीं यानी उनका इस्तेमाल बड़े स्तर पर उद्योगों में नहीं किया जा सकता। 

- Innovations और रिसर्च के क्षेत्र में भारत के पिछड़ेपन की एक बड़ी वजह है Research & Development पर कम खर्च करना। 

- Organisation for Economic Cooperation and Development के मुताबिक, भारत में GDP का सिर्फ 0.82 फीसदी हिस्सा शोध कार्यों पर खर्च किया जाता है। जानकार मानते हैं कि इसे कम से कम दो फ़ीसदी होना चाहिए।

- भारत का ये हिस्सा स्लोवाकिया ((0.83)) और पोलैंड ((0.87)) जैसे देशों द्वारा शोध कार्यों पर खर्च किये जाने वाले हिस्से से भी कम है। 

- भारत का पड़ोसी देश चीन रिसर्च एंड डेवलपमेंट पर GDP का 2 फीसदी से ज्यादा हिस्सा खर्च करता है।

- इस मामले में इज़रायल सबसे आगे है जो रिसर्च एंड डेवलपमेंट पर  GDP का 4.21 फीसदी हिस्सा खर्च करता है।

- केंद्र सरकार जल्द ही राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा अधिकार नीति की घोषणा करने वाली है।

आंकड़े इस बात की गवाही दे रहे हैं कि नई तकनीकों को खोजने और आविष्कार करने में भारतीय लोग अपना दिमाग नहीं लगा रहे हैं। हालांकि एक नई स्टडी में ये भी पता चला है कि Porn देखने के मामले में भारतीय लोगों का दिमाग तेज़ी से चलता है। एक Porn Website द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि- 

- अमेरिका और इंग्लैंड के बाद भारत दुनिया का तीसरा सबसे ज्यादा Porn देखने वाला देश बन गया है।

- वेबसाइट के मुताबिक अमेरिका के लोग पोर्न वेबसाइट पर एक बार Visit करने पर औसतन 9 मिनट 51 सेकेंड तक पोर्न देखते हैं

- भारतीय लोग पोर्न वेबसाइट पर एक बार Visit करने पर औसतन साढ़े नौ मिनट तक पोर्न देखते हैं और पोर्न देखने वाले भारतीयों में 30 प्रतिशत महिलाएं हैं।

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