Zee जानकारी : जानिए! बिहार चुनाव में एक्जिट पोल के दिलचस्प संकेत
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Zee जानकारी : जानिए! बिहार चुनाव में एक्जिट पोल के दिलचस्प संकेत

बिहार का चुनावी पिक्चर बॉलीवुड के सस्पेंस थ्रिलर की तरह हो चुकी है। ये ऐसी फिल्म बनती जा रही है जिसके क्लाइमेक्स में क्या होगा, ना तो डायरेक्टर को पता है, ना स्क्रिप्ट राइटर को पता है और ना ही एक्टर को। 8 नवंबर की सुबह से असली नतीजे आने से पहले Exit Polls से जो संकेत मिल रहे हैं उनसे तो यही लग रहा है कि बिहार की जनता ने नेताओं को बुरी तरह से फंसा दिया है। 

Zee जानकारी : जानिए! बिहार चुनाव में एक्जिट पोल के दिलचस्प संकेत

नई दिल्ली : बिहार का चुनावी पिक्चर बॉलीवुड के सस्पेंस थ्रिलर की तरह हो चुकी है। ये ऐसी फिल्म बनती जा रही है जिसके क्लाइमेक्स में क्या होगा, ना तो डायरेक्टर को पता है, ना स्क्रिप्ट राइटर को पता है और ना ही एक्टर को। 8 नवंबर की सुबह से असली नतीजे आने से पहले Exit Polls से जो संकेत मिल रहे हैं उनसे तो यही लग रहा है कि बिहार की जनता ने नेताओं को बुरी तरह से फंसा दिया है। जानिए एक्जिट पोल से संबंधित कुछ अहम तथ्य--

- इंडिया टुडे-Cicero के Exit Poll में बीजेपी गठबंधन और लालू-नीतीश के महागठबंधन के बीच कांटे की टक्कर बताई गई है। बीजेपी गठबंधन को 119 सीटें और महागठबंधन को 117 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है।

- India Tv और C Voter के Exit Poll में महागठबंधन को बढ़त मिलने का अनुमान लगाया गया है। इस Exit Poll के अनुमान के मुताबिक महागठबंधन को 122 और बीजेपी गठबंधन को 111 सीटें मिल सकती हैं।

-ABP News के Exit Poll ने महागठबंधन को Clear Winner बताया है...इस Exit Poll के मुताबिक महागठबंधन को 130 सीटें और बीजेपी गठबंधन को 108 सीटें मिल सकती हैं।

-लेकिन Today's Chanakya ने अपने Exit Poll में सबको चौंका दिया है। Today's Chanakya के मुताबिक बिहार में बीजेपी गठबंधन को करीब 155 सीटें मिल सकती हैं जबकि महागठबंधन को सिर्फ़ 83 सीटें ही मिलने का अनुमान है।

- इन Exit Polls के औसत के आधार पर Zee News ने जो Maha Exit Poll तैयार किया है उसे देखें तो बीजेपी गठबंधन को 123 और महागठबंधन को 113 सीटें मिल सकती हैं जबकि अन्य को 7 सीटें मिल सकती हैं।

- लालू प्रसाद यादव ने भविष्यवाणी की है कि बिहार में महागठबंधन क्लीन स्वीप करेगा और महागठबंधन को 243 में से 190 सीटें मिल सकती हैं। 

- बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 57 फीसदी वोट डाले गए थे। दूसरे चरण में 55 फीसदी, तीसरे चरण में 53 फीसदी, चौथे चरण में 57 फीसदी और पांचवें यानी आखिरी चरण में करीब 60 फीसदी मतदान हुआ है। कुल मिलाकर इस चुनाव में करीब 57 फीसदी वोट पड़े हैं जो अब तक का रिकॉर्ड है।

- नवंबर 2005 में जो विधानसभा चुनाव हुए थे उसमें कुल 46 फीसदी वोटिंग हुई थी। 2009 के लोकसभा चुनाव में 44 फीसदी वोटिंग हुई थी। 2010 के विधानसभा चुनाव में जब नीतीश कुमार बीजेपी के साथ मिलकर सत्ता में लौटे थे तब 53 फीसदी वोटिंग हुई थी। 

- 2014 के लोकसभा चुनाव में जब नरेंद्र मोदी की लहर थी और बीजेपी-जेडीयू अलग-अलग चुनाव लड़ रहे थे तब 55 फीसदी वोटिंग हुई थी और अबकी बार बिहार में रिकॉर्ड तोड़ 57 फीसदी वोटिंग हुई है। 

पार्किंग शुल्क के नाम पर मची है लूट
ये एक कड़वी सच्चाई है कि पार्किंग शुल्क देश के हर हिस्से में रहने वाले लोगों को हर रोज़ परेशान करती है, उनकी जेब भी ढीली करती है और उन्हें गुस्सा भी दिलाती है। आम जनता से मनमाने ढंग से पैसे लूटने वाले हॉस्पिटल्स और मॉल्स में पार्किंग के नाम पर जो पैसे लिए जाते हैं वो जायज़ है लेकिन पार्किंग फीस के नाम पर देश की राजधानी दिल्ली सहित देश के अलग-अलग हिस्सों में अवैध वसूली भी हो रही है।

- मॉल्स और प्राइवेट हॉस्पिटल्स में मनमाना पार्किंग शुल्क वसूलने वालों पर SDMC यानी South Delhi Municipal Corporation अब सख्ती से कार्रवाई करने वाली है।

- SDMC ने बुधवार को स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में फैसला लिया है कि दक्षिणी दिल्ली में जितने भी मॉल्स और प्राइवेट हॉस्पिटल्स हैं जिन्होंने FAR यानी Floor Area Ratio के तहत छूट लेकर बिल्डिंग का नक्शा पास करवाया है उन्हें आम जनता को Free Parking की सुविधा देनी होगी।

-Floor Area Ratio का मतलब ये है कि एक निश्चित साइज़ के प्लॉट में कुछ फीसदी हिस्सा खाली छोड़ना होता है। इस हिस्से को आप Buffer Zone भी कह सकते हैं यानी ऐसे खाली हिस्से का व्यावसायिक इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।

- Floor Area Ratio के तहत छूट लेने वालों को कमर्शियल पार्किंग के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य होता है लेकिन ज़्यादातर हॉस्पिटल्स और मॉल्स ऐसा नहीं कर रहे हैं।

- ऐसे मॉल्स और हॉस्पिटल्स जिसने Floor Area Ratio के तहत छूट नहीं ले रखी है वो नियमों के मुताबिक जनता से सिर्फ 20 से 30 रूपये की पार्किंग फीस ले सकते हैं लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है।

- दक्षिणी दिल्ली में क़रीब 39 मॉल्स और 35 हॉस्पिटल्स हैं जहां पर पार्किंग फीस के नाम पर 50 से 100 रूपये वसूले जाते हैं।

- अगर अवैध वसूली करने वाले एक शॉपिंग मॉल में रोज़ 1000 गाड़ियों की पार्किंग होती है और हर किसी से 100 रुपये की फीस ली जाती है तो एक वर्ष में ये मॉल अवैध पार्किंग के ज़रिए 3 करोड़ 65 लाख रुपये का शुद्ध मुनाफा कमा लेगा।

जुड़िए! सोने में निवेश से जुड़ी योजनाओं से
भारत में एक कहावत है कि बुरे वक्त में सोना काम आता है और शुभ कार्य की शुरुआत भी सोने से ही होती है। भारत में सोने को सामाजिक प्रतिष्ठा से भी जोड़कर देखा जाता है यानी सोना एक और फायदे अनेक। सरकार ने अब सोने में निवेश से जुड़ी तीन योजनाओं का ऐलान कर दिया है। जानिए इस बारे में---

-पहली योजना का नाम है गोल्ड बांड। इस योजना के जरिये सोना खरीदे बगैर उसके भाव में लंबे वक्त में होने वाली बढ़ोतरी का फायदा आपको मिल सकता है।

-इसके लिए आपको गोल्ड बॉन्ड खरीदने होंगे। एक बॉन्ड एक ग्राम सोने के बराबर होगा।

- योजना के तहत आप कम से कम दो ग्राम सोना यानी दो बॉन्ड और ज्यादा से ज्यादा आधा किलो सोना यानी 500 बॉन्ड खरीद सकते हैं।

- गोल्ड बॉन्ड की पहली बिक्री 26 नवंबर को शुरू होगी जिसके लिए आप 5 से 20 नवंबर के बीच आवेदन कर सकते हैं।

- गोल्ड बॉन्ड की बिक्री बैंकों और चुनिंदा डाकघरों के माध्यम से की जाएगी।

- गोल्‍ड बांड पर आपको पौने तीन फीसदी सालाना के हिसाब से ब्याज भी मिलेगा। लेकिन इस ब्याज पर आपको टैक्स भी देना होगा।

- गोल्ड से जुड़ी दूसरी योजना का नाम है The Gold Coin and Bullion Scheme।

- इसके तहत भारत का पहला Gold Coin जारी किया गया है जिसके एक तरफ अशोक चक्र छापा गया है और दूसरी तरफ महात्मा गांधी की तस्वीर है। 

- सरकार ने 5 और 10 ग्राम के सोने के सिक्के जारी किये हैं। सोने के ये सिक्के इसलिए भी खास हैं क्योंकि ना तो इनकी नकल की जा सकती है और ना ही इसके मूल स्वरूप से छेड़छाड़ की जा सकती है।

- सोने के ये खास सिक्के आप अपने नज़दीकी Metals and Minerals Trading Corporation of India यानी MMTC outlets से खरीद सकते हैं।

- सोने से जुड़ी तीसरी घोषणा है Gold Monetisation Scheme। ये योजना भारतीय लोगों के लिए सबसे खास है क्योंकि इससे घरों में रखे सोने का निवेश करके कमाई की जा सकती है। 

- इस योजना के तहत आप घर में रखे सोने को बैंक में जमा करवा सकते हैं। जिस भी बैंक में आप सोना जमा करवाएंगे। उसके बदले में बैंक आपको ब्याज देगा।

- Gold Monetisation Scheme के तहत जिस तरह आपके बैंक अकाउंट में पैसा रखा होता है और उस पर बैंक आपको ब्याज देता है... उसी तरह सोना भी बैंक में रख सकते हैं।

- Reserve Bank Of India के मुताबिक इस योजना के तहत कम से कम 30 ग्राम सोना बैंक में रखना होगा और अधिकतम सोने की कोई सीमा नहीं है।

- इस योजना में आप सिर्फ उन्हीं गहनों का निवेश कर पाएंगे जिसमें कोई Stone या अन्य धातु ना लगी हो।

- RBI ने बैंकों को Gold Deposit पर खुद ब्याज दरें तय करने की अनुमति दी है। हालांकि उम्मीद है कि आपको अपने सोने पर करीब ढाई फीसदी का ब्याज़ मिलेगा।

- इस स्कीम के तहत तीन तरह के गोल्ड Deposit किए जाएंगे। पहला शार्ट टर्म जिसकी अवधि एक से तीन वर्ष होगी।

- दूसरा मीडियम टर्म जिसकी अवधि 5 से 7 वर्ष होगी और Long term की अवधि 12 से 15 साल होगी।

- Maturity पर लोगों को ये विकल्प मिलेगा कि वो या तो अपना सोना वापस ले लें या फिर सोने के बदले पैसा लें। सोने की कीमत उस वक्त सोने के बाज़ार भाव के हिसाब से तय होगी।

- जब आप सोना Deposit करने जाएंगे उसी वक्त आपको बैंक को बताना होगा कि आप Maturity के वक्त कौन सा विकल्प लेंगे और बाद में इस विकल्प को बदला नहीं जा सकेगा।

- अगर आप मैच्योरिटी से पहले गोल्ड डिपॉजिट तुड़वाएंगे तो बैंक आपसे जुर्माना वसूलेगा।

- ये स्कीम सिर्फ भारतीय नागरिकों के लिए ही लॉन्च की गई है यानी कोई विदेशी इस स्कीम के तहत Gold deposit नहीं कर सकता।

- गोल्ड के निवेश से जुड़ी इन योजनाओं का मकसद देश के घरों, मंदिरों और Trusts में बेकार पड़े 20 हज़ार टन सोने को इस्तेमाल करना है जिसकी कीमत करीब 48 लाख करोड़ रुपये है।

- Global Research Firm Macquarie (मैक्वारी) की रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2011 में भारतीय महिलाओं ने अपने पास कुल मिलाकर 950 अरब डॉलर का सोना जमा कर रखा था जो दुनिया के सभी देशों के कुल Gold Reserve का 11 फीसदी है।

- भारतीय महिलाओं के पास जितना सोना है वो अमेरिका, स्विट्जरलैंड और जर्मनी के कुल Gold Reserve से भी ज्यादा है जो उस वक्त भारत के सकल घरेलू उत्पाद यानी GDP के 50 फीसदी के बराबर है।

- भारत सोने का सबसे बड़ा उपभोक्ता देश है। भारतीय प्रतिवर्ष करीब ढाई लाख करोड़ रुपये का सोना खरीदते और बेचते हैं।

- भारतीय लोग औसतन हर दिन करीब 2.3 टन सोना खरीदते हैं। World Gold Council के मुताबिक भारत में हर वर्ष 600 टन सोने के गहने बनाए जाते हैं।

-भारत में 50 प्रतिशत से ज़्यादा सोना शादी-ब्याह के मौक़े पर ख़रीदा जाता है। देश में प्रतिवर्ष औसतन 5000 करोड़ डॉलर ((50 बिलियन डॉलर)) की कीमत का सोना आयात किया जाता है..ये रकम भारत के GDP का करीब 3 प्रतिशत है।

-भारत में कच्चे तेल के बाद सबसे ज्यादा आयात सोने का ही होता है।

- सोने की भारी मांग को पूरा करने के लिए भारत सरकार ने वर्ष 2014-15 में करीब 850 टन सोने का आयात किया था।

- सरकारी रिपोर्ट्स के मुताबकि वर्ष 2014 के दौरान देश में करीब 175 टन सोने की तस्करी की गई।

- सोने का सबसे बड़ा उपभोक्ता देश होने के बावज़ूद सरकारी गोल्ड रिज़र्व के मामले में भारत दुनिया में 11वें नंबर पर है।

- भारत का गोल्ड रिजर्व 557.7 टन है जबकि अमेरिका के पास 8133.5 टन सोने का भंडार है और वो दुनिया में पहले नंबर पर है।

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