ज़ी जानकारीः जानिये, क्यों पटरी पर नहीं आ पा रही देश की पहली सोलर ट्रेन, अटके हैं कई फायदे
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ज़ी जानकारीः जानिये, क्यों पटरी पर नहीं आ पा रही देश की पहली सोलर ट्रेन, अटके हैं कई फायदे

भारतीय रेलवे को सौर ऊर्जा से लैस करने के सपने संजो रही भारत सरकार के लिये एक बड़ी अजीबोगरीब समस्या सामने आ रही है। दरअसल, जोधपुर में बनकर तैयार देश की पहली सोलर ट्रेन का ट्रायल रन सिर्फ इसलिये नहीं हो पा रहा है, क्योंकि रेलवे को इस बात का डर है कि लोग इस ट्रेन की छतों पर चढ़कर उसके सोलर पैनल को बर्बाद कर सकते हैं। 

ज़ी जानकारीः जानिये, क्यों पटरी पर नहीं आ पा रही देश की पहली सोलर ट्रेन, अटके हैं कई फायदे

नई दिल्ली : भारतीय रेलवे को सौर ऊर्जा से लैस करने के सपने संजो रही भारत सरकार के लिये एक बड़ी अजीबोगरीब समस्या सामने आ रही है। दरअसल, जोधपुर में बनकर तैयार देश की पहली सोलर ट्रेन का ट्रायल रन सिर्फ इसलिये नहीं हो पा रहा है, क्योंकि रेलवे को इस बात का डर है कि लोग इस ट्रेन की छतों पर चढ़कर उसके सोलर पैनल को बर्बाद कर सकते हैं। 
जानिये, ट्रेनों को सौर ऊर्जा दी जाए तो कितना फायदा हो सकता है-
-  इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस की एक रिपोर्ट के मुताबिक अगर एक रेलवे कोच की छत पर एक सोलर पैनल लगाया जाता है, तो सालभर में 7200 यूनिट बिजली बचाई जा सकती है। यानी अगर रेलवे के सभी 63 हजार 511 डिब्बों में सोलर पैनल लगाए गए तो बिजली के 45 करोड़ यूनिट बचाए जा सकते हैं। 
- इससे डीजल का सालाना खर्च भी बच सकता है। हर साल रेलवे को करीब 11 करोड़ लीटर डीजल खर्च करना पड़ता है। सोलर ट्रेन के इस्तेमाल से रेलवे को एक वर्ष में करीब 554 करोड़ रुपयों की बचत होगी ।
- अगर भारत की रेलगाड़ियां सौर ऊर्जा से चलेंगी तो कार्बन डाई ऑक्साइड का उत्सर्जन भी कम होगा, जो पर्यावरण के लिहाज से एक बहुत अच्छा कदम होगा।

पढ़िये, सर्वाधिक प्रदूषित शहरों की चौंकाने वाली रिपोर्ट

- विश्व स्वास्थ्य संगठन की नई रिपोर्ट के मुताबिक ग्वालियर दुनिया का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर है। इस सूची में इलाहाबाद तीसरे, पटना छठे और रायपुर सातवें नंबर पर हैं, जबकि देश की राजधानी दिल्ली 11 वें नंबर पर है। यानी प्रदूषण के मामले में टॉप 10 शहरों में दिल्ली और मुंबई नहीं बल्कि वो चार शहर हैं जिनके प्रदूषण की चर्चा शायद ही कभी होती है।
- दुनिया के टॉप 20 प्रदूषित शहरों की लिस्ट में इरान का जाबोल शहर पहले नंबर पर है। लुधियाना 12वें, कानपुर 15वें, खन्ना शहर 16वें, फिरोज़ाबाद 17वें और लखनऊ 18वें नंबर पर है।
- यह रैंकिंग हवा में पीएम 2.5 की मात्रा के आधार पर दी गई है, पीएम (पर्टिकुलेट मैटर) हवा में मौजूद उन छोटे-छोटे कणों को कहा जाता है, जिनसे दृश्यता काफी कम हो जाती है और वातावरण काफी धुंधला हो जाता है। ये कण सांस के साथ फेफड़ों में पहुंचने के बाद खून में घुल जाते हैं और लोगों को बीमार कर देते हैं।
- दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट में भारत के 10 शहर शामिल हैं।
- 2014 में विश्व स्वास्थ्य संगठन की इस लिस्ट में शीर्ष 20 में भारत के 13 शहर शामिल थे।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन के ये आंकड़े 2015 तक की गणना पर आधारित हैं। 
- 2014 में बीजिंग को पछाड़कर दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बन गई थी, 2014 में चीन की राजधानी बीजिंग 77वें नंबर पर थी, जबकि इस साल बीजिंग 56वें नंबर पर है।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक शहरों में रहने वाली दुनिया की 80 प्रतिशत आबादी वायु प्रदूषण का सामना कर रही है।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन की नई रिपोर्ट में कहा गया है कि गरीब और विकासशील देशों के 98 प्रतिशत शहरों में प्रदूषण का स्तर सामान्य से बहुत ज्यादा है।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों में 103 देशों के 3000 से ज्यादा शहर शामिल हैं।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन का मानना है कि जहरीली हवा, लोगों को स्ट्रोक, हार्ट अटैक, फेफड़ों का कैंसर और सांस से संबंधित बीमारियां दे रही है।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक हवा में प्रदूषण की वजह से हर साल 30 लाख लोग मारे जाते हैं।

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