ZEE जानकारीः हमारे देश में सब्जियों को उगाकर बेचने को लेकर कोई नियम-कायदा नहीं है
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ZEE जानकारीः हमारे देश में सब्जियों को उगाकर बेचने को लेकर कोई नियम-कायदा नहीं है

वैसे हमारे देश का सिस्टम अगर चाहे तो दुबई से प्रेरणा ले सकता है. दुबई में कोई भी फल या सब्ज़ी बिना Test के नहीं बिक सकते हैं. 

ZEE जानकारीः हमारे देश में सब्जियों को उगाकर बेचने को लेकर कोई नियम-कायदा नहीं है

आजकल पूरा देश, 2019 की राजनीति, मंदिर-मस्जिद, अगड़े-पिछड़े और हिंदू-मुसलमान.. जैसे मुद्दों में व्यस्त है. लोग इन मुद्दों में इतनी बुरी तरह डूबे हुए हैं कि उन्हें जीवन के असली मुद्दे दिखाई नहीं दे रहे. उन्हें अपने जीवन से जुड़ी ख़बरें भी दिखाई नहीं दे रहीं. आज हम ऐसे सभी लोगों को जगाना चाहते हैं. क्योंकि आप मंदिर-मस्जिद, हिंदू-मुस्लिम और देश की राजनीति पर बहस तभी कर पाएंगे जब आप ज़िंदा बचेंगे. 

DNA में कल हमने आपको आपकी रसोई में पकने वाली ज़हरीली सब्ज़ियों पर एक रिपोर्ट दिखाई थी. हमारी इस रिपोर्ट को देखने के बाद पूरे देश में हड़कंप मचा हुआ है. लोग डरे हुए हैं. बहुत से लोगों ने आज सब्ज़ियां नहीं खरीदीं और लोग हमसे लगातार ये भी पूछ रहे हैं कि इसका इलाज क्या है? कल से हमें बहुत से लोगों ने Twitter, Facebook और WhatsApp पर संदेश भेजे और अपनी चिंता ज़ाहिर की. इसलिए आज हमने देश के कई शहरों से रिपोर्टिंग की है. इस रिपोर्टिंग में हमने समस्या दिखाने के साथ साथ, समाधान ढूंढने की कोशिश भी की है. ये एक नया विषय है और नई समस्या है और हम तमाम Experts की मदद से इस पर लगातार काम कर रहे हैं. लेकिन उस रिपोर्ट को दिखाने से पहले हम आपको ये बताना चाहते हैं कि दिल्ली में यमुना के किनारे उगाई जाने वाली सब्ज़ियों ने लोगों को किस हद तक डरा दिया है. हमने इन सब्ज़ियों को जिस Laboratory में Test करने के लिए दिया था, Test Reports देखने के बाद वहां के कर्मचारियों ने सब्ज़ी खानी ही छोड़ दी है. क्योंकि अब तक किसी भी सब्ज़ी के Test में उन्हें इतने खतरनाक परिणाम देखने को नहीं मिले थे. 

समस्या इस बात की है कि हमारे देश में सब्जियों को उगाकर बेचने के लिए कोई नियम कायदे नहीं हैं. और इस दिशा में कभी किसी ने सोचा भी नहीं. क्योंकि सब्ज़ी बेचने को रोज़गार से जोड़कर भी देखा जाता है. और इसे स्वरोज़गार कहा जाता है. स्वरोज़गार अपनी जगह है लेकिन अगर ऐसे किसी काम की वजह से लोगों की जान खतरे में है, तो फिर उस विचार होना चाहिए. सरकार को किसने रोका है? जो लोग यमुना के किनारे इस प्रदूषित मिट्टी और पानी में ऐसी ज़हरीली सब्ज़ियां उगा रहे हैं, उन्हें हटाने के लिए अभी तक कोई बड़ा कदम क्यों नहीं उठाया गया? सरकार को ऐसी खेती को बंद करवाना चाहिए. क्योंकि ये समस्या से मुंह मोड़ने का वक्त नहीं है, बल्कि उसका मुकाबला करने का समय है. 

वैसे हमारे देश का सिस्टम अगर चाहे तो दुबई से प्रेरणा ले सकता है. दुबई में कोई भी फल या सब्ज़ी बिना Test के नहीं बिक सकते हैं. वहां सब्ज़ी और फल दूसरे देशों से ही मंगाए जाते हैं, लेकिन उनका भी Laboratory में परीक्षण करवाया जाता है. वहां ये देखा जाता है कि कहीं उन फलों या सब्ज़ियों में कोई कीटनाशक या Heavy Metals तो नहीं हैं और इसी के बाद उन सब्ज़ियों और फलों को बाज़ारों में बेचने के लिए भेजा जाता है. पिछले महीने ही Dubai की नगरपालिका ने नई और बड़ी मशीनों से सब्ज़ियों और फलों के Samples का Test करने का फैसला किया है. 

अभी Dubai Central Lab में एक बार में 250 तरह के Samples Test किए जाते हैं, लेकिन बड़ी मशीन लगने के बाद 600 तरह के Samples एक साथ Test किए जाएंगे. European Union ने अपने सभी देशों में सब्ज़ी और फल उगाने से लेकर उसे बेचने तक के नियम कायदे तय किए हुए हैं. इन नियमों के मुताबिक फलों और सब्ज़ियों में किसी भी तरह का कीटनाशक या Heavy Metal नहीं होना चाहिए है. इस नियम का बहुत सख्ती से पालन किया जाता है और इसके लिए बाकायदा इन सब्ज़ियों और फलों का Test होता है. अगर ये सभी नियम कायदे इन देशों में हो सकते हैं, तो भारत में क्यों नहीं हो सकते? ये बात सही है कि इस दिशा में अभी तक सोचा नहीं गया, लेकिन अब वो वक्त आ गया है जब हमारे देश की सरकारों को अपने नागरिकों को शुद्ध भोजन का स्वराज देना होगा. 

हमारे देश में विकास के नाम पर फैक्ट्रियां बनीं, लेकिन ऐसी कोई व्यवस्था नहीं बन पाई कि उन फैक्ट्रियों से निकलने वाला Chemical Waste नदियों में प्रवाहित न हो. सरकार ने अगर कोई नियम कायदे बनाए भी तो उनका पालन सख्ती से नहीं हुआ. इसीलिए ये समस्या सिर्फ दिल्ली या आसपास के इलाकों की नहीं है, बल्कि देश के हर शहर और हर कस्बे की है. सिर्फ यमुना ही नहीं, देश की ज़्यादातर नदियां प्रदूषित हैं. और उन्हीं के पानी से सब्ज़िय़ां उगाई जा रही हैं. इस परिस्थिति को ठीक करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर कानून बनाने और Technology की मदद लेने की ज़रूरत है.

कहते हैं कि आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है. हमारे देश में भी शहरों में रहने वाले बहुत से लोग ऐसे हैं, जो अपने घरों की छतों पर सब्ज़ियां उगाते हैं. ये लोग अपने शौक के लिए भी ऐसा करते हैं. लेकिन अगर आप ज़हरीली सब्ज़ियों को खाने से बचना चाहते हैं, तो आपको भी अब यही करना पड़ेगा. वैसे भारतवासी चाहें तो दक्षिण अफ्रीका के शहर Johannesburg से भी प्रेरणा ले सकते हैं. इस शहर की जनसंख्या करीब 44 लाख है. Johannesburg के लोगों ने Rooftop Farming को अपनाया है और अब उनकी ज़रूरत की कुल 60% सब्जियां शहर की छतों पर उगाई जाती हैं.

भारत के लोग चाहें तो Johannesburg की तरह Rooftop Farming को अपना सकते हैं. और ज़हरीली सब्ज़ी को खाने से बच सकते हैं. ख़बरों की दुनिया में कभी-कभी कुछ ऐसी ख़बरें भी आती हैं जिनमें सतह पर कुछ और होता है, और अंदर कुछ और. और लोग असली खबर को देख नहीं पाते. आज ऐसी ही एक खबर बहुत चर्चा में है .

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