Trending Photos
उत्सर्जन और ग्लोबल वार्मिंग रोका जा सकता है। लेकिन भारत के लोग वाहनों के मामले में Eco-Friendly नहीं हो पा रहे हैं। इस क्षेत्र में भारत, जापान से काफी कुछ सीख सकता है क्योंकि जापान में Petrol Pumps के मुकाबले Electric Charging Stations की संख्या ज़्यादा हो गई है।
- जापान में 35 हज़ार पेट्रोल पंप के मुकाबले 40 हज़ार ऐसे Charging Stations हैं जहां लोग अपनी Electric कार चार्ज कर सकते हैं। यानी जापान ने लंबे समय तक प्रदूषण फैलाने वाले पेट्रोल और डीजल के मुकाबले Eco-Friendly Electric वाहनों को प्राथमिकता दी है जिसका फल आज उसे मिल रहा है।
- इस मामले में अमेरिका भी जापान से पीछे नहीं है। अमेरिका में करीब 1 लाख 14 हज़ार 500 पेट्रोल पंप्स हैं, जबकि सिर्फ 9 हज़ार Charging Stations हैं।
- Electric कार की बैटरी जल्दी चार्ज करने की सुविधा यानी Quick Charging की बात करें तो यहां भी जापान पहले नंबर पर है, जापान में 6 हज़ार 469 जगहों पर Quick Charging की सुविधा उपलब्ध है, जबकि यूरोप में 3028 जगहों पर ये सुविधा लोगों को मिलती है। इसी तरह अमेरिका में 1686 जगहों पर लोग अपनी Electric कार को कम समय में Charge कर सकते हैं।
- भारत में इस वक्त सिर्फ 250 Charging Stations हैं, जहां लोग अपनी Electric car चार्ज कर सकते हैं, इसके अलावा भारत में ज्यादातर जगहों पर Quick Charging की सुविधा नहीं है क्योंकि इसकी लागत काफी ज्यादा है।
- अगर पेट्रोल पंप की बात करें तो सरकारी आंकड़ों के मुताबिक भारत में इस वक्त करीब 52 हज़ार Petrol Pumps हैं, भारत सरकार का कहना है कि वो अगले 2 से 3 वर्षों में इस संख्या को 87 हज़ार के पार ले जाना चाहती है।
- इसके अलावा भारत में कुछ प्राइवेट कंपनियां भी पेट्रोल पंप चला रही हैं। स्थिति ये है कि भारत का Petrol प्रेम खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है, क्योंकि भारत एक विकासशील देश है और उसकी ऊर्जा की जरूरतें काफी जटिल हैं। यही वजह है बढ़ते प्रदूषण के बावजूद भारत में Electric कार और Electric वाहन सफल नहीं हो पाते।