Zee जानकारी : पाकिस्तान ने एक बार फिर बर्बरता की सारी सीमाओं को पार किया
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Zee जानकारी : पाकिस्तान ने एक बार फिर बर्बरता की सारी सीमाओं को पार किया

आज मुझे आपको ये बताते हुए काफी तकलीफ हो रही है, कि पाकिस्तान ने एक बार फिर बर्बरता की सारी सीमाओं को पार कर दिया है। पिछले 26 दिनों के अंदर ये दूसरा मौका है, जब किसी भारतीय सैनिक के पार्थिव शरीर का अपमान किया गया हो। मंगलवार को माछिल सेक्टर में लाइन ऑफ कंट्रोल पर 3 जवान शहीद हो गए हैं और एक जवान के शरीर के साथ अमानवीय व्यवहार किया गया है। सेना ने कहा है कि भारत की तरफ से इस कायराना हरकत का मुहंतोड़ जवाब दिया जाएगा।

Zee जानकारी : पाकिस्तान ने एक बार फिर बर्बरता की सारी सीमाओं को पार किया

नई दिल्ली : आज मुझे आपको ये बताते हुए काफी तकलीफ हो रही है, कि पाकिस्तान ने एक बार फिर बर्बरता की सारी सीमाओं को पार कर दिया है। पिछले 26 दिनों के अंदर ये दूसरा मौका है, जब किसी भारतीय सैनिक के पार्थिव शरीर का अपमान किया गया हो। मंगलवार को माछिल सेक्टर में लाइन ऑफ कंट्रोल पर 3 जवान शहीद हो गए हैं और एक जवान के शरीर के साथ अमानवीय व्यवहार किया गया है। सेना ने कहा है कि भारत की तरफ से इस कायराना हरकत का मुहंतोड़ जवाब दिया जाएगा।

माछिल सेक्टर, जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा ज़िले में पड़ता है। जो लाइन ऑफ कंट्रोल के बेहद क़रीब है। पाकिस्तान के कब्ज़े वाला 'कश्मीर' भी माछिल सेक्टर के बेहद पास है। आपको याद होगा, भारत की पैरा स्पेशल फोर्सेज ने हाल ही में जिस नीलम वैली को पार करके, आतंकवादियों के अड्डों पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी, वो नीलम वैली भी माछिल सेक्टर के काफी क़रीब है। ये ऐसे इलाके हैं, जहां घने जंगल मौजूद हैं। यहां पर नदी और नालों का इस्तेमाल करके पाकिस्तानी घुसपैठिए भारत की सीमा में दाखिल होते हैं। लाइन ऑफ कंट्रोल के उस पार पाकिस्तानी सेना की पोस्ट्स बनी हुई हैं। पाकिस्तानी सैनिकों की टुकड़ी अक्सर कवर फायर देकर, आतंकवादियों को आगे बढ़ने में मदद करती है। हमें जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक माछिल सेक्टर में तीन भारतीय सैनिकों की मृत्यु और एक सैनिक के शरीर को क्षत-विक्षत करने के लिए पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम यानी बीएटी ज़िम्मेदार है।
DNA में 1 नवंबर को मैंने आपको पूरी जानकारी दी थी, कि कैसे पाकिस्तान की इस हैवानियत के लिए उसकी बॉर्डर एक्शन टीम ज़िम्मेदार है। 

-पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम में पाकिस्तानी सेना के कमांडो और प्रशिक्षित आतंकवादी शामिल होते हैं। जो भारतीय सीमा में घुसपैठ करके निर्दोष लोगों की जान लेते हैं। 
-ये टीम छापामार युद्ध में माहिर होती है, जो पाकिस्तान के स्पेशल सर्विसेज ग्रुप के साथ मिलकर काम करती है। 
-बॉर्डर एक्शन टीम को इस तरह की ट्रेनिंग दी जाती है, कि वो क्रूरता की सारी हदें पार कर सकें। 
-28 अक्टूबर को शहीद हुए भारतीय सेना के जवान मनदीप सिंह के शव के साथ बर्बरता की सारी हदें पार करने के पीछे भी, पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम में शामिल आतंकवादियों का ही हाथ था।
-आपको याद दिला दें कि जनवरी 2013 में भारतीय सेना के लांस नायक हेमराज और लांस नायक सुधाकर सिंह के पार्थिव शरीर के साथ बर्बरता करने के लिए भी पाकिस्तान की यही BAT टीम ज़िम्मेदार थी।
-इसी तरह वर्ष 1999 में जाट रेजीमेंट के शहीद कैप्टन सौरभ कालिया सहित 6 सैनिकों के शरीर को भी पाकिस्तान ने अपमानित किया था।
-पाकिस्तान की ये 'खूनी टुकड़ी' भारतीय जवानों पर हमला करने के बाद उनके शरीर का अपमान करने के अलावा, उनके सिर काटकर भी अपने साथ ले जाती है।

पाकिस्तान कश्मीर के नाम का इस्तेमाल करके, संयुक्त राष्ट्र के मंच पर कूटनीतिक शतरंज खेलता है। यूएन रिजोल्यूशन को बिना पढ़े उसके आधार पर बड़ी बड़ी बातें करता है। लेकिन वो ये भूल जाता है, कि युद्ध की स्थिति को लेकर जेनेवा समझौते क्या कहते हैं?

-आपको बता दूं, कि Geneva Conventions के तहत जो नियम मौजूद हैं, उन्हें Armed Conflict के दौरान आम नागरिकों, बीमार और ज़ख्मी सैनिकों और युद्धबंदियों की सुरक्षा के लिए बनाया गया था। 
-Geneva Conventions के तहत साफ-साफ कहा गया है, No Prisoner Of War May Be Subjected To Physical Mutilation यानी किसी भी युद्धबंदी के शरीर के साथ अमानवीय हरकत नहीं की जा सकती।
-अगर किसी ज़ख्मी सैनिक की हत्या की जाती है और उसके शरीर के साथ अमानवीय व्यवहार किया जाता है, तो इसे Geneva Conventions के तहत बनाए गए नियमों का उल्लंघन माना जाएगा।
-पाकिस्तान ने वर्ष 1951 में ही Geneva Conventions पर हस्ताक्षर कर दिए थे। लेकिन नियमों को ना मानना उसकी पुरानी आदत है।

वैसे भारत और पाकिस्तान में एक बहुत बड़ा फर्क ये भी है, कि भारत मर्यादाओं का पालन करने वाला देश है। जबकि पाकिस्तान की सोच में आतंकवाद का ज़हर भरा हुआ है। फिलहाल स्थिति ये है कि पाकिस्तान मर्यादाओं की सारी सीमाएं तोड़कर अमानवीय हरकतों पर उतर आया है, ऐसे में पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब देना भी ज़रूरी है।

-हमारे पास आज जम्मू कश्मीर के माछिल सेक्टर में शहीद हुए तीनों जवानों के नाम आ गए हैं। ये तीनों जवान राष्ट्रीय रायफल्स के थे। 
-इनके नाम हैं -  गनर मनोज सिंह कुशवाहा, जो उत्तर प्रदेश के गाज़ीपुर के रहने वाले थे।
-शहीद होने वाले दूसरे जवान का नाम है प्रभु सिंह, जो राजस्थान के शेरगढ़ के रहने वाले थे। पाकिस्तानी सैनिकों ने प्रभु सिंह के शरीर के साथ अमानवीय हरकत की है। 
-राष्ट्रीय रायफल्स के जो तीसरे जवान शहीद हुए हैं, उनका नाम शशांक कुमार सिंह है। 25 वर्ष के शशांक गनर के पद पर थे और वो उत्तर प्रदेश के गाज़ीपुर के रहने वाले थे। 
-हम देश के इन तीन शहीदों को श्रद्धांजलि देते हैं और सलाम करते हैं।
-ये जिस लाइन में खड़े थे वहां 500 और 2000 रुपये के नोट नहीं गोलिया मिलती हैं

यहां आपको ये जानकारी भी देना चाहूंगा, कि 12 दिसम्बर 1947 को, कश्मीर के उरी में भारतीय सेना शहीद नंद सिंह के शरीर के साथ भी पाकिस्तान ने ऐसी ही अमानवीय हरकत की थी। नंद सिंह, को द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान उस समय ब्रिटिश इंडिया का सबसे बड़ा सैनिक सम्मान विक्टोरिया क्रॉस दिया गया था।

भारत और पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध में, नंद सिंह उरी में पाकिस्तान से लड़ते हुए शहीद हो गए थे। लेकिन पाकिस्तान की सेना ने एक विक्टोरिया क्रॉस विजेता के पार्थिव शरीर का भी सम्मान नहीं किया। पाकिस्तान की सेना उनके शरीर को मुज़फ्फराबाद ले गई और उनके शरीर को ट्रक में लादकर पूरे शहर में घुमाया गया। उस वक्त पाकिस्तानी सेना ने लाउड स्पीकर पर ये ऐलान भी किया था, कि हर भारतीय सैनिक का यही हश्र होगा। दुख की बात ये थी, कि बाद में शहीद नंद सिंह के शरीर को पाकिस्तानी सेना ने कूड़े के ढेर में फेंक दिया था, और इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को कभी ढूंढा नहीं जा सका।

28 अक्टूबर को जब शहीद मंदीप सिंह के शरीर के साथ पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम ने अमानवीय व्यवहार किया था, उस वक्त सीमा सुरक्षा बल ने इंटरनेशनल बॉर्डर पर पाकिस्तान रेंजर्स की 14 पोस्ट्स को पूरी तरह तबाह कर दिया था। हमें लगता है, कि इस बार पाकिस्तान ने युद्ध के सभी नियमों को तोड़ा है, और इसका जवाब उसे मिलना ही चाहिए।

पाकिस्तान को लेकर देश के लोगों में इस वक्त किस तरह का आक्रोश है, उसे महसूस करना ज़रूरी है और इस गुस्से को महसूस करने के लिए मैं आपको एक छोटा सा वीडियो दिखाना चाहता हूं, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। इस वीडियो में कही गई एक-एक बात, भारत के हर नागरिक के दिल की बात है। ये पाकिस्तान पर एक तरह की संगीतमय सर्जिकल स्ट्राइक है।

आज एक और चौंकाने वाली ख़बर के बारे में आपको बताना बहुत ज़रूरी है। आज सुरक्षा बलों ने जम्मू कश्मीर के बांदीपुरा में दो आतंकियों को मार गिराया। लेकिन ख़बर ये नहीं है कि दो आतंकी मारे गए बल्कि ख़बर ये है कि इन मारे गए आतंकियों के पास से 2 हज़ार रुपये के दो नोट मिले हैं। यहां ये समझना बहुत ज़रूरी है कि नोटबंदी को टेरर फंडिंग के खिलाफ बहुत कारगर कदम माना जा रहा है। लेकिन इतनी जल्दी आतंकवादियों के पास 2 हज़ार के नए नोट का पहुंच जाना, किसी बड़ी साज़िश की तरफ इशारा कर रहा है। 

वैसे एक और महत्वपूर्ण जानकारी ये है कि कल जम्मू कश्मीर के चरार-ए-शरीफ में आतंकवादियों ने 'जम्मू-कश्मीर बैंक' से 13 लाख रुपये लूटे थे, जिनमें 11 लाख पुराने नोट थे और दो लाख की रकम नए नोटों में थी। इसलिए माना जा रहा है कि बांदीपुरा में आतंकियों के पास से मिले नए नोट बैंक से लूटी गई रकम के हो सकते हैं। लेकिन अगर ऐसा नहीं है कि तो फिर मामला बहुत गंभीर हो जाता है। फिर ये सवाल उठते हैं कि क्या स्थानीय स्तर पर आतंकियों की मदद की जा रही है और क्या आतंकियों को नोट एक्सचेंज करके दिए जा रहे हैं? ये बहुत गंभीर सवाल हैं जिनका जवाब ढूंढना ज़रूरी है। 

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