Zee जानकारी : भारतीय लोगों का रक्तदान के प्रति रुझान काफी कम
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Zee जानकारी : भारतीय लोगों का रक्तदान के प्रति रुझान काफी कम

आज (14 जून को) पूरी दुनिया में World Blood Donor Day मनाया गया। आपको बता दें कि पूरी दुनिया में हर साल करीब 10 करोड़ लोग रक्तदान करते हैं लेकिन इनमें से आधे लोग विकसित देशों से होते हैं। यानी भारत जैसे विकासशील देशों में रक्तदान के प्रति लोगों का रुझान अब भी कम है।

Zee जानकारी : भारतीय लोगों का रक्तदान के प्रति रुझान काफी कम

नई दिल्ली : आज (14 जून को) पूरी दुनिया में World Blood Donor Day मनाया गया। आपको बता दें कि पूरी दुनिया में हर साल करीब 10 करोड़ लोग रक्तदान करते हैं लेकिन इनमें से आधे लोग विकसित देशों से होते हैं। यानी भारत जैसे विकासशील देशों में रक्तदान के प्रति लोगों का रुझान अब भी कम है।

रक्तदान को महादान कहा जाता है आपको जानकर आश्चर्य होगा कि अगर किसी देश की सिर्फ 1 प्रतिशत आबादी भी रक्दान करने लगे तो उस देश में खून से जुड़ी सभी मांगें पूरी की जा सकती हैं। लेकिन अफसोस की बात ये है कि भारत में ऐसा नहीं हो पाता। भारत में हर साल करीब 1 करोड़ 20 लाख ब्लड यूनिट्स की जरूरत पड़ती है। इस आंकड़े में बीमारियों और दुर्घटनाओं सहित खून की हर ज़रूरत शामिल है।

जबकि भारत में हर साल सिर्फ 90 लाख यूनिट्स खून ही उपलब्ध हो पाता है। यानी करीब 30 लाख लोगों को वक्त पर खून नहीं मिल पाता है। यहां आपको बता दें कि एक यूनिट ब्लड का मतलब होता है 450 मिलीलीटर खून।

-भारत में 1 लाख से ज्यादा थैलिसिमिया के मरीज़ हैं जिन्हें बार बार Blood Transfusion की जरूरत पड़ती है। 
-भारत में हर साल 10 हज़ार बच्चे थैलिसिमिया जैसी बीमारी के साथ पैदा होते हैं और इनमें से कई बच्चों को वक्त पर खून नहीं मिल पाता है।
-भारत में 1 हज़ार में से सिर्फ 8 लोग ही अपनी इच्छा से रक्तदान करते हैं।
-भारत में करीब 48 ज़िले ऐसे हैं जहां  Blood Transfusion की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है। 
-दुनिया के 60 देश ऐसे हैं जहां 100 फीसदी रक्तदान अपनी इच्छा से होता है यानी इन देशों में रक्तदान करने वाले लोग बदले में कोई पैसा नहीं लेते हैं।
-जबकि दुनिया के 73 देश ऐसे हैं जहां मरीज़ों को खून के लिए अपने परिवार वालों पर या फिर पैसा लेकर रक्तदान करने वालों पर निर्भर रहना पड़ता है।
-अफसोस की बात ये है कि भारत भी इन्हीं देशों में शामिल है।
-रक्तदान को महादान कहा जाता है ये एक ऐसा पोरपकार है जो अपने आप में बहुत बड़े सम्मान से जुड़ा हुआ है।
-अगर आप भी रक्तदान करना चाहते हैं लेकिन किसी वजह से डरते हैं तो हम आपको बता दें कि रक्त दान एक सुरक्षित प्रक्रिया है जिससे रक्तदान करने वाले को किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होती है। 
-ज्यादातर देशों में 17 से 65 वर्ष की उम्र का कोई भी स्वस्थ व्यक्ति रक्तदान कर सकता है।
-खून लेने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले यंत्र sterelise किए जाते हैं ताकि रक्तदान करने वाले को कोई संक्रमण ना हो।
-कोई भी स्वस्थ व्यक्ति हर 4 महीने में रक्तदान कर सकता है।

यानी अगर आप भी रक्त दान करना चाहतें हैं तो आप ये महान कार्य बिना किसी झिझक के कर सकते हैं, आपका खून किसी की जान बचा सकता है इसलिए रक्तदान को महादान समझकर अपने जीवन का हिस्सा जरूर बनाएं।

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