कोरोना वैक्सीन को किस तरह किया जाएगा स्टोर, पढ़ें Ground Report
Advertisement
trendingNow1809873

कोरोना वैक्सीन को किस तरह किया जाएगा स्टोर, पढ़ें Ground Report

ज़ी मीडिया की टीम ने भारत के शहरों और गांवों में जाकर वैक्सीन की तैयारियों का जायजा लिया. इस रिपोर्ट के आधार पर हम ये विश्वास के साथ कह सकते हैं कि भारत इस वक्त सिर्फ वैक्सीन को मंजूरी मिलने का इंतजार कर रहा है. वैक्सीन लगाने के लिए जरूरी बुनियादी ढांचा तैयार कर लिया गया है और जहां कमी है, वहां जरूरत को पूरा किया जा रहा है.

कोरोना वैक्सीन को किस तरह किया जाएगा स्टोर, पढ़ें Ground Report

नई दिल्ली: भारत ने कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण से निपटने में कई चुनौतियों का सामना किया और कई सफलताएं भी हासिल कीं. लेकिन अब देश के सामने एक और चुनौती खड़ी है और वो है विशाल जनसंख्या को कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) लगाना. भारत के लोगों को जब कोरोना का टीका दिया जाएगा तो ये अपने आप में एक रिकॉर्ड होगा. क्योंकि कोरोना टीकाकरण दुनिया का अब तक का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान होगा. 

फिक्की (FICCI) के अनुमान के मुताबिक, भारत में कोरोना का इंजेक्शन लगाने के लिए पहले चरण में ही 3 लाख लोगों की जरूरत पड़ेगी, जिसमें 1 लाख प्रशिक्षित स्टाफ और 2 लाख वालंटियर शामिल होंगे. ये आंकड़ा सुनने में बड़ा जरूर है, लेकिन टीकाकरण का एक बड़ा नेटवर्क भारत में पहले से तैयार है. भारत दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन निर्माता देश है और भारत का टीकाकरण अभियान (Immunisation Program) भी इतना बड़ा है कि कोरोना वैक्सीन लगाने के लिए भारत को उसमें थोड़ा और इजाफा करने की जरूरत होगी. आज की हमारी खबर कोरोना वैक्सीन लगाने की तैयारियों का Reality Check है.

वैक्सीनेशन से पहले कराना होगा रजिस्ट्रेशन
fallback
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, कोरोना वैक्सीन लेना या ना लेना व्यक्ति की अपनी इच्छा पर निर्भर होगा. इसे अनिवार्य नहीं किया जाएगा. जो लोग टीका लगवाना चाहेंगे उन्हें पहले रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होगा. वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन CO-WIN APP पर होगा. आपको इसी ऐप को डाउनलोड करना होगा. जिसके बाद फोन पर टीकाकरण के समय के बारे में जानकारी दी जाएगी. वैक्सीन लेने के लिए पहचान पत्र की भी जरूरत होगी. इसमें ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी कार्ड, आधार कार्ड, बैंक पासबुक, राज्य या केंद्र की ओर से जारी कोई पहचान पत्र मान्य होगा. 

पहले तीन चरणों में इन्हें लगाई जाएगी वैक्सीन
भारत के पास 27 हजार कोल्ड चेन प्वाइंट्स, 76 हजार कोल्ड चेन इक्विपमेंट्स, 55 हजार कोल्ड चेन हैंडलर और 700 कोल्ड वैन मौजूद हैं. वैक्सीनेशन के पहले चरण में हेल्थकेयर वर्कर्स, नर्स, टेस्टिंग और रिसर्च में लगे लैब एक्सपर्ट्स और बाकी मेडिकल स्टाफ आदि को वैक्सीन लगाई जाएगी. इसके बाद दूसरे चरण में फ्रंट लाइन वर्कर्स को वैक्सीन लगाई जाएगी. इसमें सेना, पुलिसकर्मी, मीडियाकर्मी, सैनिटेशन वर्कर शामिल होंगे. जबकि वैक्सीनेशन के तीसरे चरण में 50 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोग और 50 वर्ष से कम उम्र के बीमार लोगों को पहले वैक्सीन लगाई जाएगी.

ये भी पढ़ें:- पता है! LPG सिलेंडर खुद लाने पर एजेंसी देती है इतने रुपये, जानें नियम

कोरोना की 2 डोज संभव, 28 दिन का रहेगा गैप
जानकारों की मानें तो कोरोना वैक्सीन के दो से तीन डोज एक मरीज को दिए जाएंगे. हालांकि डोज को लेकर असमंजस की ये स्थिति वैक्सीन की घोषणा के बाद ही दूर हो सकेगी. लेकिन सरकार ने दो डोज के मद्देनजर अपना प्लान तैयार किया है. इसके अनुसार, पहले चरण की पहली कोरोना वैक्सीन डोज देने का काम पूरे देश में 7 से 10 दिन में पूरा किए जाने की योजना केंद्र ने बनाई है. जबकि दूसरी डोज पहला इंजेक्शन लगाने के 28 दिन बाद दिया जाएगा.

ZEE Media ने लिया तैयारियों का जायजा
ज़ी मीडिया की टीम ने भारत के शहरों और गांवों में जाकर वैक्सीन की तैयारियों का जायजा लिया. इस रिपोर्ट के आधार पर हम ये विश्वास के साथ कह सकते हैं कि भारत इस वक्त सिर्फ वैक्सीन को मंजूरी मिलने का इंतजार कर रहा है. वैक्सीन लगाने के लिए जरूरी बुनियादी ढांचा तैयार कर लिया गया है. और जहां कमी है, वहां जरूरत को पूरा किया जा रहा है. Co-Win APP में तेजी से उन लोगों का Data Register किया जा रहा है, जिन्हें पहले चरण में वैक्सीन लगाई जाएगी. CO-WIN APP का Access फिलहाल केवल उन्हीं लोगों को है जिन्हें टीकाकरण अभियान को अंजाम देना है. आज इस रिपोर्ट को देखकर आप ये भी समझ सकते हैं कि CO-WIN APP कैसे काम करेगा. वैक्सीन की तैयारियों की खबर पढ़कर आपको ये भरोसा हो जाएगा कि कोरोना की वैक्सीन आप तक जल्द और सही तरीके से पहुंच जाएगी.

ये भी पढ़ें:- Neha Kakkar Baby Bump: चट शादी, पट बेबी की खबर हुई फुस्स, सामने आई सच्चाई!

मेरठ, उत्तर प्रदेश
यहां के सरकारी अस्पताल में फाइलें हों, कागज हों या हॉल में चल रही ट्रेनिंग. सब काम कोरोना वैक्सीन के लिए ही हो रहा है. जो सीरिंज बन रही हैं वो तेजी से भारत के अलग-अलग शहरों में पहुंचनी शुरू हो चुकी है. ये उत्तर प्रदेश का मेरठ जिला है. मेरठ ने 6 लाख सीरिंज की जरूरत बताई थी. 2 लाख सीरिंज की पहली खेप पहुंच चुकी है. मेरठ में करीब 16 हजार लोग हेल्थ केयर वर्कर्स (Health Care Workers) की श्रेणी में शामिल किए गए हैं.

कोल्ड चेन सिस्टम
यानी वो जगह जहां वैक्सीन को जरूरी निर्धारित तापमान पर स्टोर करना जरूरी होता है. भारत में मंजूरी का इंतजार कर रही तीन वैक्सीन में से दो को यहां आसानी से स्टोर किया जा सकता है. कोरोना वैक्सीन के लिए जरूरी माइनस 30 डिग्री तक का तापमान यहां मेंटेन किया जा रहा है. हां, फाइजर (Pfizer) वैक्सीन के लिए जरूरी माइनस 70 डिग्री वाला स्टोरेज भारत में चुनिंदा ही है.

ये भी पढ़ें:- PM मोदी का संसदीय ऑफिस बेचने के लिए OLX पर डाला विज्ञापन, पुलिस ने 4 लोगों को पकड़ा

दावों से बस थोड़ी दूर है 'जमीनी हकीकत'
प्रशासन युद्दस्तर पर तैयारियों में जुटा हुआ है. देखकर तो यही लगता है कि कल वैक्सीन आ गई तो परसों से लगाने के लिए देश तैयार है. दावे, वादे और तस्वीरें सब इस बात का भरोसा दिलाती हुई नजर आ रही हैं. लेकिन दावों से थोड़ी ही दूर है 'जमीनी हकीकत'. शहरों में जो तेजी नजर आई वो गांवों के हेल्थ केयर सेंटर तक अभी नहीं पहुंची है. गांव वालों को बीमार होने पर अस्पताल में डॉक्टर के मिलने का ही भरोसा नहीं होता, तो वैक्सीन उन तक पहुंचेगी ये वो कैसे मान लें.

3 कंपनियों ने की वैक्सीन के इमरजेंसी अप्रूवल की मांग
भारत में अभी 3 कंपनियों ने अपनी वैक्सीन के इमरजेंसी अप्रूवल के लिए DGCI यानी ड्रग कंट्रोलर के पास आवेदन किया हुआ है. उम्मीद है कि जल्द ही मंजूरी मिलने के बाद भारत मे भी 2021 के शुरुआत में वैक्सीनेशन शुरू हो जाएगा. सरकार और प्रशासन की तैयारियों के साथ गांवों के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को भी थोड़ी रफ्तार की दरकार है. क्योंकि देश को कोरोना वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार है.

ये भी पढ़ें:- जहां सबसे मोटे शख्‍स को माना जाता है 'हीरो', सबसे खूबसूरत लड़की से होती है शादी

कोरोना, अफवाह और सच
भारत में बन रही भारत बायोटेक (Bharat Biotech) और आईसीएमआर (ICMR) की स्वदेशी कोरोना वैक्सीन ट्रायल (Corona Vaccine Trial) के तीसरे चरण में है. और तीसरे चरण में रिसर्चर्स को वॉलंटियर ढूंढने में परेशानी हो रही है. कोरोना वैक्सीन के ट्रायल के दौरान कुछ साइड इफेक्ट रिपोर्ट होने के बाद लोगों में वैक्सीन को लेकर डर बैठ गया है. सोशल मीडिया पर कुछ ऐसे मैसेज भी वायरल हो रहे हैं जो वैक्सीन को लेकर डर पैदा करने वाले हैं. आपको भी इस वैक्सीन को लेकर फैली भ्रांतियों और सच को जानना चाहिए.

1. भ्रम ये है कि वैक्सीन आपके शरीर के DNA को बदल कर सकती है. जबकि सच ये है कि अभी तक ऐसी कोई वैक्सीन नहीं बनी है जो DNA को प्रभावित करे.

2. भ्रम ये है कि एक बार वैक्सीन लगवाने के बाद जीवन भर की Immunity मिल सकती है. यानी एक बार वैक्सीन लगवा ली तो दोबारा कोरोना संक्रमण ही नहीं होगा. जबकि सच्चाई ये है कि वैक्सीन से 1 साल के लिए Immunity होगी. 5 साल या जीवन भर ये कह पाना अभी मुश्किल है.

3. एक धारणा ये भी है कि वैक्सीन का एक ही डोज काफी है. उसके बाद भले ही आप मास्क नहीं लगाएं. लेकिन असल में ये केवल एक अफवाह है. 21 और 28 दिनों के अंतर पर वैक्सीन की दो डोज लगाई जाएंगी. और उसके बाद भी मास्क का उपयोग करना जरूरी है. दो गज की दूरी और साफ सफाई का ध्यान रखना भी जरूरी है.

4. भ्रम ये है कि वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स कोरोना वायरस के इफेक्ट से भी ज्यादा खराब हैं? जबकि असल में, हल्के बुखार और इंजेक्शन लगाए जाने वाली जगह पर हल्के दर्द के अलावा अभी तक कोई परेशानी सामने नहीं आई है.

कोरोना वैक्सीनेशन-  जानकारियां
अगर आपको कोरोना है या बुखार, खांसी जैसे लक्षण हैं, तो आपको पूरी तरह ठीक होने तक वैक्सीन नहीं लगाई जाएगी. वैक्सीन लगवाना अनिवार्य नहीं है. अगर आप वैक्सीन नहीं लगवाना चाहते तो आपको जबरन इंजेक्शन नहीं लगाया जाएगा. वैक्सीन के खिलाफ एंटी बॉडी यानी कोरोना संक्रमण से बचाने वाला सुरक्षा कवच दूसरी डोज लगाने के दो हफ्ते के बाद ही बननी शुरू होंगी.

Trending news