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जहां सबसे मोटे शख्‍स को माना जाता है 'हीरो', सबसे खूबसूरत लड़की से होती है शादी

अफ्रीका के इथियोपिया में बोदी जनजाति के पुरुष अधिक मोटा होने के लिए 6 महीने तक तैयारी करते हैं. क्योंकि सबसे मोटे शख्स को समाज का हीरो माना जाता है.

इस कारण अधिक होता है पुरुषों का वजन

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इस कारण अधिक होता है पुरुषों का वजन

बोदी समुदाय के पुरुष ज्यादातर शहद का सेवन करते हैं जिससे उनका वजन काफी बढ़ जाता है. इस समुदाय के लोग अपनी कमर के चारों ओर कपास की पट्टी पहनते हैं या नग्न ही घूमते हैं. ये जनजाति पूरी तरह से पशुपालन और मवेशियों पर आधारित होती है. बोदी जनजाति की अपनी अलग भाषा, संस्कृति और परंपरा है. बोदी मिलनसार लोग होते हैं और नए लोगों के लिए सम्मान रखते हैं.

पूरे समुदाय के जीवन का आधार है 'गाय'

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पूरे समुदाय के जीवन का आधार है 'गाय'

10,000 की आबादी वाले बोदी समुदाय में जब कोई बच्चा पैदा होता है, तो उस बच्चे का पिता आमतौर पर उसे एक बैल और एक गाय का उपहार देता है. इनका उपयोग कई सांस्कृतिक समारोहों में भी किया जाता है. बता दें कि बोदी समुदाय गायों को दुल्हन को दहेज के रूप में प्रदान करते हैं. इसके अलावा, गाय बोदी जनजाति के जीवन का आधार होती हैं जिससे ये लोग दूध, घी, दही, मक्खन, गोमूत्र, गोबर और रक्त प्राप्त करते हैं.

इस समारोह का होता है सभी को इंतजार

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इस समारोह का होता है सभी को इंतजार

बोदी समुदाय के लोग हर साल जून या जुलाई में 'काएल' समारोह मनाते हैं, जिसे नए साल की शुरुआत भी माना जाता है. इस समारोह की तारीख कोमोरो तय करता है. इस दौरान जो शख्स सबसे मोटा होता है, उसके साथ जिंदगी भर अभिनेता जैसा सलूक किया जाता है. वहीं आने वाले वर्ष का पूर्वानुमान लगाने के लिए समारोह के अंतिम दिन जनजाति के बुजुर्ग चंद्रमा पर आधारित उनके नए साल की घोषणा पारंपरिक उलटी गिनती करके तय करते हैं. इस अनुमान के लिए कई गायों को भी मारा जाता है और फिर उस खून को कोमोरो पर डाला जाता है और कोमोरो नए साल, त्योहारों और अन्य महत्वपूर्ण दिनों का ऐलान कर देता है.

खून निकालने के लिए गाय को मारा नहीं जाता

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खून निकालने के लिए गाय को मारा नहीं जाता

गाय इस जनजाति के बीच काफी पवित्र समझी जाती हैं. इसलिए उसका खून निकालने के लिए उसे मारा नहीं जाता बल्कि नसों में छेद करके खून निकाला जाता. इसके बाद मिट्टी की मदद से गाय के घांवों को भर दिया जाता है.

6 महीने पहले से होती है 'फैट मैन ऑफ द ईयर' की तैयारी

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6 महीने पहले से होती है 'फैट मैन ऑफ द ईयर' की तैयारी

इस समारोह में प्रतिभाग करने के लिए 6 महीने पहले ही हर घर से एक कुंवारे मर्द को भेजा जाता है, जिसे कई महीनों तक रक्त और दूध पिलाया जाता है जिससे की उनका वजन बढ़ जाए. इस दौरान महिलाओं से शारीरिक संबंध भी नहीं बनाए जाते हैं. ऐसे में परिवार की महिलाएं हर सुबह इनके लिए बांस के बर्तन में गाय का खून और दूध लेकर आती हैं जिन्हें मिलाकर पिया जाता है. इस दौरान अपने शरीर को ढकने के लिए ये लोग मिट्टी और राख का इस्तेमाल करते हैं. और नए साल का ऐलान होने के बाद सभी प्रतिभागी सबसे मोटा शख्स की पहचान के लिए कोमोरो और समुदाय के बुजुर्गों के सामने से गुजरते हैं. उसके बाद कोमोरो 'फैट मैन ऑफ द ईयर' का चुनाव करता है.

विजेता को मिलता है ये इनाम

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विजेता को मिलता है ये इनाम

इस प्रतियोगिता के विजेता को जनजाति में प्रसिद्धि दी जाती है. इस फेस्टिवल में जीतने वाले शख्स को उसके मनपसंद की लड़की से शादी करने की आजादी रहती है. बोदी जनजाति में लंबी कमर वाली लड़कियों को खूबसूरत कहा जाता है. कार्यक्रम के दौरान मर्दों को राख और मिट्टी से नहलाया भा जाता है. इसके बाद दावत का इंतजाम किया जाता है जिसमें महिलाएं एक विशेष नृत्य का प्रदर्शन करती हैं जिसे 'हेट' कहा जाता है.

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