सालाना 30% दर से बढ़ रही है यह इंडस्ट्री, आने वाले समय में मिलेंगी 10 लाख नौकरियां
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सालाना 30% दर से बढ़ रही है यह इंडस्ट्री, आने वाले समय में मिलेंगी 10 लाख नौकरियां

ग्रेट लर्निंग की रिपोर्ट के अनुसार 2022 तक 'क्लाउड कंप्यूटिंग' क्षेत्र में देश के भीतर ही 10 लाख से अधिक नौकरियों के अवसर पैदा होंगे.

छोटी-बड़ी सभी कंपनियों में 'क्लाउड कंप्यूटिंग' आज वक्त की जरूरत बनती जा रही है..

मुंबई: छोटी-बड़ी सभी कंपनियों में 'क्लाउड कंप्यूटिंग' आज वक्त की जरूरत बनती जा रही है और दुनियाभर में इस सेक्टर में लाखों पेशेवरों की जरुरत है. ग्रेट लर्निंग की रिपोर्ट के अनुसार 2022 तक इस क्षेत्र में देश के भीतर ही 10 लाख से अधिक नौकरियों के अवसर पैदा होंगे.

ग्रेट लर्निंग ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि वर्तमान में क्लाउड कंप्यूटिंग ढांचे पर कंपनियां अपने पारंपरिक टेक्नोलॉजी व्यय से साढ़े चार गुना अधिक निवेश कर रही हैं. 2020 तक इसके और तेज होने की उम्मीद है. ग्रेट लर्निंग कामकाजी लोगों को टेक्नोलॉजी शिक्षा देने वाला एक प्लेटफॉर्म है. इस रिपोर्ट को वरिष्ठ क्लाउड विशेषज्ञों, रोजगार देने वाले प्रबंधकों के साथ संवाद और उच्च गुणवत्ता की इंडस्ट्रियल रिसर्च रिपोर्ट के आकलन से तैयार किया गया है.

रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले साल में इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी पर किया जाने वाला व्यय लगभग निजी, सार्वजनिक या हाइब्रिड क्लाउड के विकास पर व्यय होगा. यह इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के सभी कामकाज को क्लाउड कंप्यूटिंग के कामकाज में बदल देगा. देश में क्लाउड कंप्यूटिंग का बाजार अभी 2.2 अरब डॉलर है. 2020 तक इसके सालाना 30 प्रतिशत की दर से बढ़कर चार अरब डॉलर होने की उम्मीद है. 

क्लाउड सेवा के सुरक्षित और लागत प्रभावी होने की वजह से कंपनियों के बीच इसे अपनाने के रूझान में बदलाव आया है. इसलिए अब वह पारंपरिक डाटा केंद्रों के स्थान पर 'क्लाउड कंप्यूटिंग' को वरीयता दे रही हैं और इससे इसका बाजार तेजी से बढ़ रहा है. देश में अब बड़ी कंपनियां भी 'क्लाउड' को अपना रही हैं क्योंकि यह उन्हें कामकाज में लचीलापन, व्यापकता और गति देता है. 

क्या है क्लाउड कंप्यूटिंग
क्लाउड कंप्यूटिंग एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जो हमें इंटरनेट पर वर्चुअल संसाधनों को मुहैया कराती है. वर्चुअल संसाधनों से आशय ऐसे संसाधन से है जिनके लिए आपके अपने सिस्टम पर हार्ड ड्राइव की जरूरत नहीं होती. आसान शब्दों में कहा जाए तो इस तकनीकी में कंप्यूटिंग, डेटा एक्सेस से लेकर डेटा स्टोर का पूरा काम नेटवर्क पर ही होता है. 

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