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नई दिल्ली: ब्रह्मांड (Universe) की गहराई असीमित होने के बाद भी वैज्ञानिक इससे जुड़े हर रहस्य को सुलझाने मे लगे रहते हैं. लेकिन तमाम तरह के हाई रेजोल्यूशन वाले उपकरण (Instruments) के बावजूद हमारे खगोलविद ब्रह्मांड के बहुत से रहस्य अब भी अनसुलझे हैं. अब नासा (NASA) का जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (James Webb Space Telescope) वैज्ञानिकों के लिए एक बहुत बड़ी उम्मीद है जिसके इस साल अंतरिक्ष (Space) में स्थापित होने की उम्मीद है. हाल ही मे नासा के वैज्ञानिकों ने इस टेलीस्कोप की खूबियां बताई हैं.
वैज्ञानिकों की टीम ने वेब टेलीस्कोप (James Webb Space Telescope) की स्टार रिजोल्यूशन कैपेबिलिटी टेस्ट (Star Resolution Capability Test) डेवलप किए हैं जो भविष्य के अवलोकनों और शोध के लिए नए आयाम खोल देंगे. इसकी मदद से कई रहस्यों से पर्दा उठ सकेगा जिसमें डार्क एनर्जी (Dark Energy) , तारों का जीवन चक्र (life cycle of Stars) , गैलेक्सी के विकास (Evolution of Galaxies) और उनका जीवन चक्र जैसे जटिल विषय शामिल हैं.
वेब टेलीकोप (James Webb Space Telescope) हाई रेजोल्यूशन (High Resolution) क्षमता और इंफ्रारेड तरंगों (Infrared waves) को पकड़ने वाले उपकरणों से बना होगा जो अभी के सबसे शक्तिशाली हबल स्पेस टेलीस्कोप (Hubble Space Telescope) में भी हैं. वेब के शुरुआती अवलोकनों से स्थानीय ब्रह्मांड के तारों (Stars) की अपनी रोशनी को अलग अलग किया जा सकेगा. बेर्केले की यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया और नासा के वेब के अर्ली रिलीज साइंस के प्रमुख अन्वेषणकर्ता डेनियल वेज का कहना है कि वेब में नासा के स्प्टिजर (Spitzer Telescope) की इंफ्रारेड संवेदनशील और हबल की विभेदन शक्ति का मिश्रण है.
वेब टेलीस्कोप (James Webb Space Telescope) की सबसे खास क्षमता ये है कि ये प्रकाश में गैस और धूल के पीछे के तारों (Stars) के देख सकता है. इससे बहुत सारे खगोलीय रिसर्च में मदद मिल सकेगी. वेब के अर्ली रिजोल्व साइंस कार्यक्रम (ERS program) के लक्ष्यों में वेब की क्षमताओं का उपयोग करते हुए खगोलविदों के लिए स्थानीय ब्रह्मांड (Universe) में एक फ्री ओपन सोर्स डेटा विश्लेषण कार्यक्रमों विकसित करना जरूरी होगा. इसके साथ ही ईआरएस कार्यक्रमों से मिलने वाले डाटा दूसरे खगोलविदों के लिए भी तुरंत मिल जाएंगे जिससे भविष्य के शोध के लिए भी सहेज कर रखा जाएगा.
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वेब टेलीस्कोप (James Webb Space Telescope) में शक्तिशाली क्षमताओं की बदौलत और ज्यादा तारों (Stars) का अध्ययन किया जा सकेगा. इसकी मदद से वैज्ञानिक तारों के जीवन के लाइफ साइकिल (Life Cycle of Stars) के बारे में और विस्तार से जान सकेंगे. क्योंकि ज्यादा तारों को देखने का मतलब तारों की उत्पत्ति से लेकर उनकी मौत तक की जीवन की ज्यादा अवस्थाओं को देखना होगा. हालांकि वेब की क्षमताएं मिल्की वे (Milky Way) के तारों के अध्ययन के लिए ही प्रभावी हैं. इससे आसपास की एंड्रोमीडा जैसी गैलेक्सी (Galaxies) के तारों काअध्ययन किया जा सकेगा.
इस अवलोकन (Observation Program) का हिस्सा होने जा रहीं खगोलविद मार्था बोयर (Astronomer Martha Boyer) वेब से मिलने वाले नए अवलोकनों के प्रति बेहद उत्साहित हैं. उनकी सबसे ज्यादा रुचि तारों के लाइफ साइकिल (Life Cycle of Stars) के अंतिम हिस्से में है जैसे जब तारे घूल भरे, लाल और दागदार हो जाते हैं. वहीं स्पिट्जर टेलीस्कोप (Spitzer Telescope) ने बताया है कि धूल भरे तारे पुरातन गैलेक्सी में भी मौजूद रहते हैं जिसकी उम्मीद नहीं होती. वेब (James Webb Space Telescope) के अवलोकन कई तरह के विरोधाभास सुलझा सकते हैं.
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वेब (James Webb Space Telescope) की मदद से तारों और आसपास की गैलेक्सी (Galaxy) की सही दूरी को मापा जा सकेगा. आपको बता दें कि यह आधुनिक खगोलविज्ञान के बड़े रहस्यों में से एक है. यह इस सवाल का जवाब खोजने में सहायक हो सकता है कि आखिर ब्रह्मांड का विस्तार (Expansion of Universe) कितनी तेजी से हो रहा है. इसके अलावा डार्क एनर्जी (Dark Energy), जिसे इस विस्तार के लिए जिम्मेदार माना जाता है के बारे में भी विस्तृत जानकारी मिल सकती है.
गैलेक्सी (Galaxy) क्रियाकलाप को जानने के लिए तारों (Stars) का अध्ययन बहुत जरूरी है. इसके बाद वैज्ञानिक गैलेक्सी की उत्पत्ति और विकास के बारे में भी आगे पड़ताल करने में सक्षम हो सकेंगे. वेब (James Webb Space Telescope) से शुरुआती ब्रह्मांड (Universe) के बारे में प्रमाण मिल सकते हैं. उम्मीद की जा रही है कि स्थानीय स्तर पर बेहतर अवलोकन गैलेक्सी की प्रक्रियाओं के बारे में भी बता सकेंगे जिससे हम भविष्य में सुदूर गैलेक्सी को भी समझ सकेंगे.
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