शिवकुमार ने अगर कोई गैर-कानूनी काम नहीं किया है तो सरकार उनका साथ देगी: कुमारस्वामी
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शिवकुमार ने अगर कोई गैर-कानूनी काम नहीं किया है तो सरकार उनका साथ देगी: कुमारस्वामी

मुख्यमंत्री से जब पूछा गया कि क्या केंद्र सरकार ‘नफरत की राजनीति’ कर रही है, इस पर उन्होंने कहा कि यह लंबे समय से चल रहा है.

उपमुख्यमंत्री जी. परमेश्वर ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार कांग्रेस नेताओं के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है.

बेंगलूरु: कर्नाटक में कांग्रेस के कद्दावर नेता और राज्य सरकार में जल संसाधन मंत्री डीके शिवकुमार को कथित कर चोरी के सिलसिले में चौथा समन जारी किए जाने के बाद मुख्यमंत्री और जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने बुधवार को शिवकुमार ने अगर कोई गैर - कानूनी काम नहीं किया है तो कर्नाटक सरकार उनका साथ देगी. यह पूछे जाने पर कि क्या राज्य सरकार शिवकुमार के साथ खड़ी रहेगी, इस पर मुख्यमंत्री ने कहा, "अगर चीजें कानूनी होंगी तो हम (शिवकुमार के) साथ खड़े रहेंगे. इस पर कोई संदेह नहीं होना चाहिए." 

मुख्यमंत्री से जब पूछा गया कि क्या केंद्र सरकार ‘नफरत की राजनीति’ कर रही है, इस पर उन्होंने कहा, "यह लंबे समय से चल रहा है, ऐसे मामलों में संबंधित विभाग को नफरत की राजनीति के दबाव में नहीं झुकना चाहिए." उन्होंने कहा, "उन्हें कानून के मुताबिक काम करना है. यह मेरी राय है." सूत्रों के मुताबिक, आर्थिक अपराध से जुड़े मामलों की सुनवाई करने वाली एक विशेष अदालत ने कल शिवकुमार के खिलाफ चौथा समन जारी किया. 

इस बीच, उपमुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जी. परमेश्वर ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार कांग्रेस नेताओं के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है. चित्रदुर्गा में पत्रकारों से बातचीत में परमेश्वर ने आरोप लगाया कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर निशाना साधा जा रहा है और (राज्य विधानसभा) चुनावों से एक साल पहले से ही ईडी की कार्रवाई और आयकर विभाग के छापे पड़ रहे हैं. उन्होंने कहा, "यदि यह अब भी हो रहा है तो यह कहा जा सकता है कि केंद्र सरकार उन एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है."

आयकर विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की कि कल आर्थिक अपराध से जुड़े मामलों की सुनवाई करने वाली विशेष अदालत की ओर से शिवकुमार के खिलाफ चौथा समन जारी किया गया है. नाम का खुलासा नहीं करने की शर्त पर अधिकारी ने कहा, "अदालत ने समन जारी किया है. एक और शिकायत दाखिल की गई है. पिछली बार तीन थे. मामला वही है." उन्होंने बताया, "एक ही चीज है कि इसमें अलग - अलग साल का मामला है. मामला कर चोरी से जुड़ा है." 

आयकर विभाग के सूत्रों ने बताया कि शिवकुमार के साथ उनके सहयोगियों - सचिन नारायण, सुनील कुमार शर्मा, आंजनेय, हनुमंतैया और राजेंद्र - के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है. ये समन पिछली बार की गई छापेमारी से जुड़े हैं. सुनील कुमार और आंजनेय के आवास पर जब छापेमारी की गई थी तो कथित तौर पर कुछ दस्तावेज और नगद बरामद किए गए थे. इस सिलसिले में आयकर विभाग ने नोटिस जारी कर उनसे स्पष्टीकरण मांगा था. आयकर सूत्रों ने बताया कि उनका स्पष्टीकरण असंतोषजनक था. 

शिवकुमार ने बताया कि उन्हें अब तक समन नहीं मिले हैं. उन्होंने कहा, "मैंने तो बस अखबारों में पढ़ा है. आ सकता है." छापेमारी और समन के कारणों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "क्या कहा जा सकता है ? पहले ही तीन केस दर्ज किए जा चुके हैं. (विधानसभा) चुनाव के बाद एक और कर दिया गया." शिवकुमार ने कहा कि आयकर विभाग के अधिकारी उन्हें ‘‘ सांस नहीं लेने दे रहे." 

यह पूछे जाने पर कि क्या यह बदले की राजनीति है, इस पर उन्होंने कहा कि यह मीडिया पर निर्भर है कि वह इसे किस तरह पेश करता है. उन्होंने कहा, "आपको जो ठीक लगे वो लिखिए. वे मुझे सांस लेने नहीं दे रहे. मैं समझ नहीं पा रहा कि सिर्फ मैं ही क्यों?"

बाद में मीडिया से बातचीत में शिवकुमार ने उन्हें ‘ठिकाने’ लगाने की कोशिश करने वालों को चेताते हुए कहा कि उनके पास भी अपने प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ ‘सबूत और दस्तावेज’ हैं. उन्होंने कहा, "इस मुगालते में न रहें कि मेरे पास दस्तावेज नहीं हैं. मेरा पास भी वैसी ही डायरियां हैं. मैं आखिर तक इंतजार करूंगा और आखिरकार उचित समय पर उन्हें जारी करूंगा."

छापेमारी के मद्देनजर बीजेपी की ओर से इस्तीफा मांगने पर शिवकुमार ने उनके ‘नैतिक अधिकार’ पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनके कई नेता बहुत सारे मामलों में कथित तौर पर शामिल हैं. पिछले साल राज्यसभा चुनावों के दौरान कर्नाटक के एक रिजॉर्ट में गुजरात के कांग्रेस विधायकों को सुरक्षित रखने में शिवकुमार ने अहम भूमिका निभाई थी. उस वक्त बीजेपी पर आरोप लग रहे थे कि वह कांग्रेस विधायकों की खरीद - फरोख्त करना चाहती है. हाल में संपन्न हुए कर्नाटक विधानसभा चुनावों के बाद कांग्रेस विधायकों को बीजेपी की खरीद - फरोख्त की कथित कोशिशों से दूर रखने के अभियान में भी उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. 

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